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Wednesday, March 30, 2022

बेलगाम अफसरशाही ने हाईकोर्ट के आदेशों को दिखाया ठेंगा

बेलगाम अफसरशाही ने हाईकोर्ट के आदेशों को दिखाया ठेंगा


हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रार्थी को बिना फैमिली आईडी और आधार कार्ड के नहीं किया रजिस्ट्रेशन

हरियाणा कौशल रोजगार निगम पोर्टर को भेजा गया कोर्ट की अवमानना का नोटिस
चंडीगढ़ :  हरियाणा में बेलगाम अफसरशाही हाईकोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाने की गुस्ताखी कर रही है।
 ताजा मामले में हरियाणा कौशल रोजगार निगम में हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करके हठधर्मिता का परिचय दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा कौशल विकास निगम को आदेश दिया था कि एक प्रार्थी को बिना फैमिली आईडी और आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन किया जाए लेकिन निगम के अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश को अनदेखा करने का काम किया।
आपको बता दें की याचिकाकर्ता जगदीप सिंह ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम को मेल माध्यम से और फोन माध्यम से बार-बार प्रार्थना की थी की वह योग्य होते हुए भी आधार कार्ड और फैमिली आईडी की घोर बाध्यता के चलते ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहा है। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने दिनांक 30.12.2021 को मेल माध्यम से कानूनी पहलुओं की जानकारी देते हुए बिना आधार कार्ड और बिना आधार कार्ड आधारित फैमिली आईडी के ऑनलाइन आवेदन की विनम्र प्रार्थना भी थी की परन्तु विभाग की तरफ से उस मेल का कोई भी जवाब नहीं दिया गया। विभाग की वेबसाइट पर दिए गए लेडलाइन नंबर पर भी याचिकाकर्ता ने आधार कार्ड मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला और एक अन्य मामले में फिलहाल ही माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आए आदेश का भी बार-बार हवाला देकर बिना आधार कार्ड और फैमिली आईडी के ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाने की विनती गई परन्तु विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ और उल्ट इस संबंध में याचिकाकर्ता को ही सलाह देते हुए कहा गया की कोर्ट के पिछले आए सभी आदेश और फैसले उन पर लागू नहीं होते हैं। थक हारकर मजबूरन याचिकाकर्ता ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। माननीय कोर्ट ने इस संबंध में जल्द संज्ञान लेते हुए हरियाणा कौशल रोजगार निगम को दिनांक 11.03.2022 को आदेश देते हुए कहा की याचिकाकर्ता को बिना आधार कार्ड और फैमिली आईडी के अतिरिक्त आईडी के साथ प्रोविजनली आवेदन करने की अनुमति प्रदान करें।
याचिकाकर्ता ने माननीय कोर्ट के आदेश के साथ अपने आवेदन की कॉपी दिनांक 14.03.2022 को मेल माध्यम से और भारतीय डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम भेज देने के बावजूद भी अब तक हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और न इस संबंध में याचिकाकर्ता को उसके आवेदन स्वीकार किए जाने की जानकारी दी गई। याचिकाकर्ता ने बार-बार फोन और मेल माध्यम से भी कोर्ट के आए आदेश से अवगत कराते हुए उसके आवेदन स्वीकार किए जाने की सूचना मांगनी चाही। परन्तु विभाग के कर्मचारी और अधिकारी माननीय कोर्ट के आदेश का पालन करने की बजाय कोर्ट के आदेश को "आदेश स्पष्ट नहीं है" कह कर मना कर दिया गया। जिसके चलते याचिकाकर्ता ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को हल्के में लेने, आदेश के बावजूद आवेदन स्वीकार किए जाने की सूचना न देने, आदेश की समय पर पालना न करने और आदेश को नकारने मामले में संबंधित विभाग को अवमानना का नोटिस भेज दिया गया है।

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