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Thursday, April 21, 2022

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर बढी खींचातानी

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर बढी खींचातानी 

कुलदीप बिश्नोई ने अध्यक्ष पद पर ठोकी दावेदारी
कई जाट नेताओं ने गैर जाट प्रदेश अध्यक्ष बनाने का किया समर्थन

 नई दिल्ली :  हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर खींचातानी बढ़ गई है। वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा उनको हटाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं।
 G23 के बड़े प्रैशर के बावजूद भूपेंद्र हुड्डा अभी तक शैलजा को हटाने में सफल नहीं हुए हैं।
 इस बीच शैलजा को हटाकर बनाए जाने वाले प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भूपेंद्र हुड्डा और कुलदीप बिश्नोई के बीच खींचातानी शुरू हो गई है।
 भूपेंद्र हुड्डा जहां सीएलपी का पद अपने पास रखना चाहते हैं वही प्रदेश अध्यक्ष पद पर गीता भुक्कल या किसी दूसरे समर्थक नेता को बैठाकर पूरी कांग्रेस पर कंट्रोल करना चाहते हैं।
 उन्होंने कुलदीप बिश्नोई को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे कुलदीप बिश्नोई ने नकार दिया। 
पहले भूपेंद्र हुड्डा ने कुलदीप बिश्नोई को सीएलपी बनाने का भरोसा दिलाया था और दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुलदीप बिश्नोई से रजामंदी ली थी लेकिन अब भूपेंद्र हुड्डा के सुर बदल गए हैं।
 वह सीएलपी और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही फद अपने पास रखना चाहते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दोनों पदों पर दावेदारी ठोकने के चलते प्रदेश अध्यक्ष बदलने का मामला भी लंबा खिंच गया है।
 हरियाणा कांग्रेस के जाट नेताओं का यह मत है कि आम आदमी पार्टी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए किसी गैर जाट चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए जिसमें कुलदीप बिश्नोई सबसे बेहतर हैं। 
कुलदीप बिश्नोई को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का एक दर्जन विधायक समर्थन भी कर रहे हैं। भूपेंद्र हुड्डा के आगे तो ये विधायक नहीं बोल पाते लेकिन अंदरखाते कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए उन्हें कुलदीप बिश्नोई ही सबसे बेहतर विकल्प लगते हैं।
 इन नेताओं का मानना है कि अगर भूपेंद्र हुड्डा के हाथ में एकतरफा कमान दी गई तो गैर जाट वोटर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में बंट जाएंगे और कांग्रेस खाली रह जाएगी।
 कुलदीप बिश्नोई ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान यह साफ साफ कह दिया कि वे कार्यकारी अध्यक्ष का पद नहीं लेंगे।
 उन्होंने सोनिया गांधी को यह भी कहा कि गैर जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर ही कांग्रेस हरियाणा में सत्ता में आ पाएगी। 2005 के चुनाव का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि गैर जाट वोटरों को लामबंद किए बगैर कांग्रेस को सत्ता हासिल नहीं होगी। इसके लिए गैरजाट नेता को कमान सौंपनी जरूरी है। कांग्रेस हाईकमान भी हरियाणा में आम आदमी पार्टी के बढ़ते हुए ग्राफ के कारण अध्यक्ष पद पर पुनर्विचार करने को मजबूर हो गया है।

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