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Sunday, April 3, 2022

डॉ. अर्चना शर्मा को इंसाफ के लिए कैंडल मार्च:करनाल में निकाला गया; प्रदर्शनकारी बोले- डॉक्टर सड़क पर बैठ गए तो पूरे देश में मच जाएगा हाहाकार

डॉ. अर्चना शर्मा को इंसाफ के लिए कैंडल मार्च:करनाल में निकाला गया; प्रदर्शनकारी बोले- डॉक्टर सड़क पर बैठ गए तो पूरे देश में मच जाएगा हाहाकार

Dr. Archana Sharma was taken out in a candle march for justice: Karnal; The protesters said - if the doctor sits on the road, there will be an outcry in the whole country
कैंडल मार्च निकालते हुए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र छात्राएं
करनाल : हरियाणा के करनाल जिले में आईएमए और कल्पना चावला अस्पताल के डॉक्टरों व स्टूडेंट्स ने डॉ. अर्चना शर्मा को इंसाफ दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने डॉ. अर्चना शर्मा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। साथ ही सरकार से डॉक्टरों पर बनाए जा रहे इस तरह के दबाव पर कानून तैयार करने की मांग की, ताकि डॉक्टर अपना काम आसानी से कर सकें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो डर में डॉक्टर अच्छे से इलाज नहीं कर पाएंगे।
Dr. Archana Sharma was taken out in a candle march for justice: Karnal; The protesters said - if the doctor sits on the road, there will be an outcry in the whole country
कैंडल मार्च निकालते हुए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र छात्राएं
कैंडल मार्च कल्पना चावला अस्पताल से शुरू होकर डॉक्टर अंबेडकर चौक तक गया। सरकार को चेतावनी दी गई है कि अगर डॉक्टर सड़क पर बैठ गए तो देश में हाहाकार मच जाएगा। बेहतर होगा कि ऐसा मौका आने ही न दे सरकार। डॉ. गीता ने बताया कि आज डॉक्टर वर्ग से जुड़े हर व्यक्ति ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। जिस तरह से डॉक्टर अर्चना शर्मा ने दबाव में आकर सुसाइड किया है। यदि ऐसे होता रहा तो डॉक्टर अपना काम जिम्मेदारी से नहीं कर पाएंगे।

Dr. Archana Sharma was taken out in a candle march for justice: Karnal; The protesters said - if the doctor sits on the road, there will be an outcry in the whole country
कैंडल मार्च निकालते हुए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र छात्राएं
डॉक्टर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दे पाएंगे। उनमें एक डर बना रहेगा। इलाज के दौरान मौत के समय हुए कॉम्प्लिकेशन को समझा जाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि डॉक्टर को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जाए। इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए, ताकि डॉक्टर आजादी से अपना काम कर सके। डॉ. रजत मिमानी ने बताया कि हमारी एक काबिल डॉक्टर हमारे बीच नहीं रही। हमने पहले भी कई बार प्रोटेस्ट किए हैं कि डॉक्टरों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
कैंडल मार्च निकालते हुए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र छात्राएं

उस एरिया की अथॉरिटी बहुत बुरी है। बिना जस्टिफाई 302 लगाना गलत था। सरकार से गुजारिश है कि हमें कष्ट न दे। हमारा नोबल प्रोफेशन है। उसे नोबल ही रहने दो। हम अगर सड़क पर उतर गए तो हर इंसान के लिए प्रॉब्लम होगी। जिस दिन डॉ. अपने राइट के लिए सड़क पर बैठ गया, देश में हाहाकार मच जाएगा। कल्पना चावला की छात्रा श्रेया ने बताया कि कुछ लोग दबाव बनाने के लिए गलत करते हैं। इन हालातों को देखने के बाद बदलाव की जरूरत है।

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