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Thursday, April 7, 2022

पूर्व मंत्री निर्मल सिंह व बेटी चित्रा सरवारा वीरवार को आम आदमी पार्टी में शामिल

पूर्व मंत्री निर्मल सिंह व बेटी चित्रा सरवारा वीरवार को आम आदमी पार्टी  में शामिल
नई दिल्ली : हरियाणा के बीते विधानसभा चुनाव में अंबाला कैंट सीट पर गृह मंत्री अनिल विज को पसीना ला देने वाली चित्रा सरवारा वीरवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं। चित्रा के साथ उनके पिता पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने आप ज्वाइन कर ली। अशोक तंवर के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे निर्मल सिंह व चित्रा सरवारा के आप में शामिल होने से हरियाणा में आम आदमी पार्टी के संगठन को बड़ी मजबूती मिली है। दोनों बाप बेटी के आप में शामिल होने से भविष्य में भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। चित्रा व निर्मल सिंह का अंबाला कैंट व अंबाला शहर सीटों समेत पूरे अंबाला जिले में अच्छा रसूख है। वीरवार सुबह दोनों बाप बेटी सैकड़ों की संख्या में समर्थकों के साथ गाड़ियों में सवार होकर दिल्ली रवाना हो गए थे। केजरीवाल ने चित्रा सरवारा व निर्मल सिंह को आम आदमी पार्टी का पटका पहनाया। इस मौके पर आप के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता भी मौजूद थे।

*भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं निर्मल-चित्रा*

निर्मल सिंह कभी की गिनती कभी प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में वह बेटी चित्रा सरवारा के लिए टिकट मांग रहे थे। भूपेंद्र हुड्डा ने हाईकमान के आगे चित्रा की काफी पैरवी की, लेकिन अंबाला जिले की सभी टिकटों के बंटवारे में कुमारी सैलजा की चली। निर्मल सिंह और हुड्डा की नजदीकी के कारण सैलजा ने अंबाला कैंट सीट पर चित्रा की टिकट कटवा दी। इसके बाद दोनों पिता पुत्री ने कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ा। चित्रा ने अंबाला कैंट से मंत्री अनिल विज के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोंकी थी। चित्रा ने चुनाव के दौरान विज को पसीने ला दिए थे और वह दूसरे नंबर पर रही थी। विज को 64,571 और चित्रा को 44,406 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी वेणु की जमानत जब्त हो गई थी। अब चित्रा आप के बैनर तले चुनाव मैदान में होंगी तो निश्चित रूप से विज के सामने इस बार बड़ी चुनौती होगी। हालांकि कैंट हलके में विज का अपना बड़ा रसूख है। लेकिन इतना तय है कि अगला विधानसभा चुनाव जीतना विज के लिए आसान नहीं होगा।

चित्रा सरवारा व निर्मल सिंह को आप का पटका पहनाने के बाद केजरीवाल व सुशील गुप्ता। 

*चार बार विधायक, दो बार मंत्री रह चुके निर्मल सिंह*

अंबाला जिले के दिग्गज नेता रहे निर्मल सिंह का लोगों के बीच अपना सियासी रसूख है। वह चार बार विधायक और दो बार मंत्री रह चुके हैं। निर्मल सिंह की गिनती कभी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती थी। वह हुड्डा के भी काफी करीबी रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब कुरुक्षेत्र सीट से सांसद नवीन जिंदल ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था, तब हुड्डा ने निर्मल सिंह को कुरुक्षेत्र लोकसभा से टिकट दिलवाई थी। हालांकि मोदी लहर वह भाजपा के नायब सैनी से हार गए थे। लेकिन निर्मल सिंह का हलके में अभी तक लोगों के बीच सियासी रसूख कायम है। बड़ी संख्या में समर्थक उनसे लगातार जुड़े हुए हैं।

*निर्मल सिंह को पटका पहनाते अरविंद केजरीवाल।*

अंबाला शहर सीट का चुनाव परिणाम

कांग्रेस से बागी होने के बाद निर्मल सिंह ने अंबाला शहर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने भाजपा प्रत्याशी असीम गोयल को कड़ी टक्कर दी थी। असीम गोयल को 64,986 वोट मिले थे। निर्मल सिंह 55,944 वोट लेकर दूसरे स्था पर रहे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर मलोर की जमानत जब्त हो गई थी। निर्मल सिंह के निर्दलीय 55 हजार से ज्यादा वोट लेने से ही अंदाजा लग सकता है कि अंबाला में उनकी पकड़ कितनी मजबूत है। अब आप में शामिल होने से निर्मल सिंह ताकत और कद दोनों बढ़ेंगे, जिससे अगले चुनाव में आम आदमी पार्टी को अंबाला शहर व अंबाला कैंट सीट के अलावा पूरे अंबाला जिले में बड़ा फायदा होगा।

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