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Thursday, April 7, 2022

राम रहीम की फरलो मामले में HC में सुनवाई:आज होगा फैसला; पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मिली फरलो को आजाद उम्मीदवार ने दी है चुनौती

राम रहीम की फरलो मामले में HC में सुनवाई:आज होगा फैसला; पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मिली फरलो को आजाद उम्मीदवार ने दी है चुनौती
चंडीगढ़ : पंजाब समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले डेरा मुखी राम रहीम को फरलो देने के मामले में हाईकोर्ट आज अपना फैसला देगी। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम सिंह की फरलो को परमजीत सिंह सहोली नामक आजाद उम्मीदवार ने चुनौती दी थी। वह पंजाब विधानसभा चुनाव में खड़ा हुआ था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गत 25 फरवरी को मामले में बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस राज मोहन सिंह की बैंच से आज फैसला आना है।


गुरमीत राम रहीम की फरलो गत 27 फरवरी को समाप्त हो गई थी। 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो दी गई थी। पंजाब में विधानसभा चुनाव 20 फरवरी को थे। उसके बाद उसे फिर से रोहतक की सुनारिया जेल में भेज दिया गया था। वह गुरुग्राम के नामचर्चा घर में फरलो के दौरान ठहरा हुआ था। गौरतलब है कि 2 हत्याओं और साध्वियों से दुष्कर्म मामले में व रणजीत सिंह हत्याकांड में डेरा प्रमुख सजा काट रहा है।

*इस आधार पर फरलो रद्द करने की मांग उठाई थी*

पटियाला निवासी सहोली ने गुरमीत राम रहीम की फरलो को चुनौती देते हुए कहा था कि डेरा प्रमुख हार्डकोर क्रिमिनल है। उसने फरलो के लिए न्यूनतम जेल अवधि पूरी नहीं की। हालांकि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में साफ कर दिया था कि डेरा प्रमुख हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है। साथ ही उसने जेल में फरलो के लिए न्यूनतम जेल अवधि भी पूरी कर ली थी। उसके जेल रिकॉर्ड को देखते हुए ही नियमों के तहत फरलो दी गई थी। सरकार की तरफ से रोहतक की डिस्ट्रिक्ट जेल के सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान का हलफनामा कोर्ट में पेश किया गया था।

*कानून के तहत ही दी गई थी फरलो*

सरकार ने जवाब में कहा था कि दुष्कर्म मामले में गुरमीत राम रहीम 7 फरवरी 2022 तक 6 साल, 1 महीना और 9 दिन की सजा काट चुका है। वहीं दोनों हत्याएं उसने खुद नहीं की थी, बल्कि साजिश में शामिल था। ऐसे में वह हार्डकोर क्रिमिनल की श्रेणी में नहीं आता। 7 फरवरी को हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेंपरेरी रिलीज) एक्ट की धारा 5ए के तहत यह फरलो दी गई थी। सरकार ने कहा था कि याचिका सियासी विचारों के तहत दायर की गई है, क्योंकि याची पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। बिना किसी आधार के यह याचिका दायर की गई।

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