दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने ड्रग्स ली, सस्पेंड:बिना सूचना DGCA की जांच में पॉजिटिव मिला, पहली बार ऐसी कार्रवाई
नई दिल्ली ; दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) साइकोएक्टिव पदार्थ की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है। इस घटना के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने अफसर को ड्यूटी से हटा दिया है। यह ड्रग टेस्टिंग बिना किसी सूचना के की गई थी।
रिपोर्ट 18 अगस्त को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अफसर को सस्पेंड किया गया। ATC के ड्रग्स लेने के बाद सस्पेंशन की कार्रवाई का ये देश में पहला मामला है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक स्टडी और फरवरी 2019 में पब्लिश रिपोर्ट का हवाला देते हुए DGCA ने कहा है कि शराब के बाद भारत में भांग और ओपिओइड यानी हेरोइन जैसे नशीले पदार्थ आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले साइकोएक्टिव प्रोडक्ट हैं।
न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 31 जनवरी 2022 को साइकोएक्टिव पदार्थों के लिए फ्लाइट क्रू और ATC की जांच के नियम लागू होने के बाद देश में ATC का साइकोएक्टिव पदार्थ के लिए पॉजिटिव होने का यह पहला मामला है।
जारी किए गए नियमों को सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (CAR) कहा जाता है। इनके मुताबिक एयरपोर्ट्स पर ड्रग टेस्ट रैंडम बेसिस पर किया जाता है। निकाले गए कर्मचारी की टेस्ट रिपोर्ट 18 अगस्त को पॉजिटिव आई थी।
नियम लागू होने के बाद से अब तक कई एयरलाइंस के 3 पायलट की ड्रग टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी हैं। नियमों के मुताबिक पॉजिटिव कर्मचारियों को नशामुक्त करने के लिए उन्हें नशामुक्ति केंद्र भेजा जाएगा।
कोई कर्मचारी दूसरी बार पॉजिटिव आता है तो उसका लाइसेंस तीन साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर व्यक्ति का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
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