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Thursday, May 11, 2023

May 11, 2023

*IPL के 5 महंगे खिलाड़ियों पर भारी पड़े सस्ते खिलाड़ी:16.25 करोड़ के बेन स्टोक्स 15 रन ही बना सके, 50 लाख के रहाणे ने ठोक दिए 266 रन*

*IPL के 5 महंगे खिलाड़ियों पर भारी पड़े सस्ते खिलाड़ी:16.25 करोड़ के बेन स्टोक्स 15 रन ही बना सके, 50 लाख के रहाणे ने ठोक दिए 266 रन*
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 16वें सीजन के दूसरे हाफ की शुरुआत हो चुकी है। इस सीजन के लिए पिछले साल दिसंबर में हुए मिनी ऑक्शन में कई ऐसे खिलाड़ी थे, जो काफी महंगे बिके थे। ऐसे कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन इस सीजन में बेहद निराशाजनक रहा है, वहीं कई ऐसे भी खिलाड़ी रहें, जो बेस प्राइस पर टीम से जुड़े और अब तक का उनका परफॉर्मेंस कमाल का रहा है।
बेन स्टोक्स हों या कैमरून ग्रीन, हैरी ब्रूक या सैम करन और निकोलस पूरन इन खिलाड़ियों पर फ्रेंचाइजियों ने IPL 2023 के मिनी ऑक्शन के दौरान पैसों की बारिश कर दी थी। अब तक खेले गए मैचों के आधार पर कह सकते हैं कि इसमें से कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन औसत रहा वहीं कुछ पूरी तरह से फ्लॉप रहे।

इस स्टोरी में ऐसे ही 10 क्रिकेटर्स पर चर्चा करेंगे, जो ऑक्शन में तो महंगे बिके, लेकिन टीम के लिए अब तक कुछ खास नहीं कर सके हैं। साथ ही उन खिलाड़ियों के बारे में भी जानेंगे, जो सस्ते होने के बावजूद दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

*शुरुआत करते हैं इस सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी सैम करन से...*

सैम करन, पंजाब किंग्स (18.5 करोड़ रुपए)
IPL 2023 में सबसे महंगे बिके सैम करन का प्रदर्शन पंजाब किंग्स के लिए अब तक औसत रहा है। सैम पर पंजाब की टीम ने 18.5 करोड़ रुपए खर्च किए थे। उन्होंने सिर्फ एक मैच में अच्छा प्रदर्शन किया। सीजन के 31वें मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ अर्धशतक लगाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। शेष मुकाबले में वे टीम की जीत में बड़ी भूमिका नहीं निभा पाए।
ऐसे में पंजाब को करन से बड़ी उम्मीदे होंगी। सैम ने इस सीजन के 11 मैचों में एक अर्धशतक की मदद से 196 रन बनाए हैं। इस दौरान सैम का स्ट्राइक रेट 137.06 रहा। उनके नाम सात विकेट हैं। उन्होंने 9.55 इकोनॉमी से रन दिए हैं।
कैमरून ग्रीन, मुंबई इंडियंस (17.5 करोड़ रुपए)
ऑस्ट्रेलिया के इस स्टार ऑलराउंडर का IPL में यह पहला सीजन ही है। ग्रीन को मुंबई ने 17.50 करोड़ रुपए में खरीदा था। अब तक हुए मुकाबले में ग्रीन बल्ले और गेंद दोनों से कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अब तक 11 मैच खेले हैं और इस दौरान कुल 274 रन बनाए। ग्रीन का सर्वश्रेष्ठ IPL स्कोर 64 रन रहा है। उन्होंने 6 विकेट भी लिए हैं। बॉलिंग में उनका बेस्ट परफॉर्मेंस 41 रन देकर 2 विकेट लेना रहा है। आगामी मैचों में उनसे बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद होगी।
 
बेन स्टोक्स, चेन्नई सुपर किंग्स (16.25 करोड़ रुपए)
बेन स्टोक्स को चेन्नई सुपर किंग्स ने IPL 2023 की नीलामी में 16.25 करोड़ की भारी भरकम कीमत में खरीदा था। वे की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए हैं। स्टोक्स ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 7 और लखनऊ के खिलाफ 8 रन बनाए। स्टोक्स ने लखनऊ के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए एक ओवर में 18 रन खर्च कर दिए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वे चोटिल हैं।

निकोलस पूरन, लखनऊ सुपरजायंट्स (16 करोड़ रुपए)
लखनऊ सुपरजायंट्स ने वेस्टइंडीज के विकेटकीपर बल्लेबाज निकोलस पूरन पर 16 करोड़ रुपए खर्च किए थे। उन्होंने अब तक खेले गए अपने 11 मैचों में 24.80 की औसत से 248 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका 160.00 का स्ट्राइक रेट रहा है। RCB के खिलाफ उन्होंने 19 गेंदों पर 62 रनों की तूफानी पारी खेली थी। इस सीजन उनके बल्ले से 246 रन निकले हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि उन्होंने अब तक लखनऊ को निराश नहीं किया है। हालांकि, टीम उनसे आगे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करेगी।
हैरी ब्रूक, सनराइजर्स हैदराबाद (13.25 करोड़ रुपए)
सनराइजर्स हैदराबाद के लिए 13.25 करोड़ रुपए बिके हैरी ब्रुक का बल्ला अब तक खामोश ही रहा है। हैरी अब तक टीम के लिए कुछ खास योगदान नहीं दे पाए हैं। हैरी का यह डेब्यू सीजन है। अगर ब्रूक की KKR के खिलाफ शतकीय पारी को छोड़ दें, तो उनका प्रदर्शन फीका ही रहा है। अभी तक खेले गए 9 मुकाबलों में हैरी ने 121.64 स्ट्राइक रेट से 163 रन ही बनाए हैं। टीम ने पिछले मैच में ब्रूक को प्लेइंग-11 में भी नहीं रखा था। उनके प्रदर्शन को देख कर कहा जा रहा है कि वह अभी तक फ्लॉप ही रहें हैं।
*कई बेस प्राइस वालों ने मनवाया लोहा...*
*सुयश शर्मा, कोलकाता नाइट राइडर्स (20 लाख रुपए)*
                              सुयश शर्मा पहली बार IPL में खेल रहे हैं। उनकी उम्र 19 साल है। वह लेगब्रेक गेंदबाजी करते हैं और दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। IPL 2023 के मिनी ऑक्शन में KKR ने इस इंडियन मिस्ट्री स्पिनर पर दांव लगाया था। टीम ने उन्हें बेस प्राइज में 20 लाख में खरीदा था। इससे पहले सुयश कोई लिस्ट ए, फर्स्ट क्लास या टी-20 मैच नहीं खेला था। उन्होंने अब तक कोलकाता के लिए 8 मैच में 10 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 8.06 का है। वहीं सुयश ने कई मुकाबलों में मैच जिताऊ पारी खेली।

साईं सुदर्शन, गुजरात टाइटंस (20 लाख रुपये)
21 साल के साईं सुदर्शन को इस सीजन में चोटिल केन विलियमसन की जगह टीम में खेलने का मौका मिला। IPL 2023 में गुजरात ने साई को बेस प्राइस 20 लाख में ही रिटेन किया है। साई ने पिछले साल IPL में डेब्यू किया था, तब पांच मैचों में 145 रन बनाए थे। इस ऑलराउंडर ने इस सीजन में पांच मैचों में 176 रन बनाए हैं, इसमें दो अर्धशतक भी शामिल है।

दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए सीजन के 8वें मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने मेजबान दिल्ली कैपिटल्स को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी थी। ये गुजरात टाइटंस की टूर्नामेंट में लगातार दूसरी जीत थी। इस जीत के सबसे बड़े नायक साई सुदर्शन रहे। तीसरे नंबर पर बैटिंग करने आए 21 साल के साई 48 गेंदों में नाबाद 62 रनों की पारी खेली थी।

अजिंक्य रहाणे, चेन्नई सुपर किंग्स (50 लाख रुपए)
इस सीजन में अजिंक्य रहाणे अलग ही फॉर्म में हैं। उन्होंने IPL में इस साल पावरप्ले में 222.22 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। इस बल्लेबाज को CSK इस साल बेस प्राइस 50 लाख रुपए में टीम में शामिल की थी। इस सीजन में मुंबई के खिलाफ जब चेन्नई मुश्किल में थी, तो रहाणे ने 27 गेंदों में 61 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। बेंगलुरु के खिलाफ ऋतुराज गायकवाड जल्दी आउट हो गए थे, लेकिन रहाणे ने 20 गेंदो में 37 रनों की पारी खेली। KKR के खिलाफ उन्होंने 29 गेंदों पर नाबाद 71 रन बनाए। रहाणे बल्लेबाजी के साथ-साथ फील्डिंग में भी कमाल कर रहे हैं। मौजूदा सीजन में रहाणे 9 मैचों में 171.61 की स्ट्राइक से 266 रन बनाए हैं, इसमें दो अर्धशतक भी है।
मयंक मारकंडे, सनराइजर्स हैदराबाद (रुपए 50 लाख)
IPL 2023 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) का प्रदर्शन अब तक कोई खास नहीं रहा है। लेकिन, टीम के गेंदबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा है। SRH के लिए इस समय मयंक सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले बॉलर हैं। इकोनॉमी रेट के मामले में तो IPL 2023 का उनका प्रदर्शन पर्पल कैप के दावेदारों से भी बेहतर है। हैदराबाद की ओर से मयंक मारकंडे ने इस सीजन में 8 मैच खेले हैं और इनमें उन्‍होंने 11 विकेट लेकर छाप छोड़ दी है। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 7.31 का रहा। SRH ने मयंक को उनके बेस प्राइस 50 लाख में खरीदा था। इतने मैचों में मयंक ने 30 रन भी बनाए हैं।
सिकंदर रजा, पंजाब किंग्स (रुपये 50 लाख)
IPL 2023 में जिम्बाब्वे के ऑलराउंडर सिकंदर रजा शानदार परफॉर्म कर रहें है। पंजाब किंग्स ने उन्हें ऑक्शन में 50 लाख रुपए में खरीदा था। रजा मौजूदा सीजन के पहले तीन मैचों में कुछ खास नहीं कर पाए थे और उन्हें चौथे मैच में खिलाया भी नहीं गया था। रजा को 5वें मैच में फिर मौका मिला और उन्होंने लखनऊ सुपरजायंट्स (15 अप्रैल) के खिलाफ मौके को भुनाया और अपना पहला IPL अर्धशतक पूरा करते हुए टीम की जीत में भी अहम भूमिका निभाई। इसके बाद रजा ने कुछ अहम मौकों पर टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है।

Monday, May 8, 2023

May 08, 2023

*पापा ने जुए में सबकुछ लुटा दिया:बेटे ने बनाया पहला स्वदेशी ड्रोन मोटर; सालाना एक करोड़ का बिजनेस*

‘पापा सरकारी टीचर थे। उन्हें जुए की लत थी। जितना वो कमाते थे, उससे ज्यादा जुए में हार जाते थे। मां की कमाई भी जुए में ही डुबो देते थे। इस वजह से परिवार पर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया। आर्थिक स्थिति इतनी लचर हो गई कि हर दिन के लिए सोचना पड़ता था। पापा, मम्मी के साथ मार-पिटाई करते, मेंटली-फिजिकली टॉर्चर करते थे। ये सब तकरीबन 12 साल तक चला।
मुझे वो दिन याद है, मैं बहुत छोटा था। जबरदस्त ठंड पड़ रही थी। मां नाना-नानी के पास गई थी। हम दोनों भाई पापा के पास ही थे। एक दिन सुबह के 3 बजे ही पापा हम दोनों भाइयों को नाना के घर दरवाजे पर छोड़कर चले गए। उसके बाद आज तक हम लोगों ने उनका मुंह तक नहीं देखा। बाद में मम्मी ने पापा से अलग होने का फैसला कर लिया।
आज मुझे नहीं याद कि वो दिखने में कैसे थे? पापा से अलग होने के बाद मम्मी ने मुझे पढ़ाया-लिखाया। मैंने इंजीनियरिंग किया। मेरे पूरे करियर में ननिहाल और मम्मी और बड़े भाई का सबसे बड़ा रोल रहा।
संघर्ष और मेहनत की बदौलत ही मैंने 2020 में इंडिया की पहली स्वदेशी ड्रोन मोटर बनाई। आज मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने वाली मेरी कंपनी ‘क्षेनहेस्टर’ का सालाना टर्नओवर एक करोड़ है।’
दोपहर के एक बज रहे हैं। गुजरात में इन दिनों चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है। राजकोट में गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (GTU) का इन्क्यूबेशन सेंटर है, जहां 31 साल के मिलन हांसलिया ड्रोन मोटर की टेस्टिंग के दौरान अपनी कहानी मुझे सुना रहे हैं। माथे पर से पसीने को पोछते हुए जब मिलन अपनी जर्नी बताना शुरू करते हैं, तो कई बार उनकी आवाज ठहर जाती है।

*ये मिलन हांसलिया हैं, जो ड्रोन मोटर बनाने वाली कंपनी क्षेनहेस्टर के फाउंडर हैं।*

*मिलन ड्रोन मोटर के डेमो को दिखा रहे हैं*
मिलन कहते हैं, ‘जब पुरानी बातों को याद करता हूं, तो रोना आ जाता है। मेहनत का परिणाम ही है कि मेरे हाथ में जो मोटर आप देख रहे हैं, वो इंडिया का पहला ड्रोन मोटर है। इससे पहले अब तक जितने भी मोटर ड्रोन में या कॉमर्शियल सेक्टर में इस्तेमाल होते रहे हैं, वो चीन, यूरोप या अमेरिका जैसे देशों से इंपोर्ट होते रहे हैं।’
*मिलन ड्रोन मोटर की टेस्टिंग अपने एक साथी को थमाकर मेरे साथ अपनी कहानी जारी रखते हैं*।

वो कहते हैं, ‘जब मैं छोटा था, तो मम्मी को बहुत तकलीफ में देखता था। किसी तरह से घर-परिवार चल पा रहा था। तभी से मेरे मन में था कि पढ़-लिखकर कुछ-न-कुछ बेहतर करना है।
2013 में मैंने गुजरात से ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech कम्प्लीट किया। पास आउट होने के साथ ही एक कंपनी में ठीक-ठाक पैकेज पर जॉब लग गई। तकरीबन 4 साल जॉब किया, ताकि फैमिली की थोड़ी-बहुत फाइनेंशियल कंडीशन ठीक हो सके।
2018 का साल बीत रहा था। मैं चाह रहा था कि कुछ अपना स्टार्टअप शुरू करूं। इसके लिए मास्टर करने की जरूरत थी, लेकिन जॉब की वजह से दिक्कतें हो रही थीं। जिस कंपनी में मैं काम कर रहा था, वहां के ओनर नहीं चाह रहे थे कि मैं जॉब छोड़ दूं, लेकिन स्टडी की वजह से मुझे रिजाइन करना पड़ा।'

*मिलन अपने ऑफिस में हैं*
मिलन अपनी ड्रोन मोटर बनाने की यूनिट को दिखा रहे हैं। वो कहते हैं, 'मुझे याद है, एडमिशन के आखिरी दिन मैंने अहमदाबाद जाकर M.Tech में एडमिशन लिया। 2019 का साल बीत रहा था। कॉलेज प्रोजेक्ट के दौरान मेरा आइडिया सिंगल सीट इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम करने को लेकर था।
जब IIT मंडी के इन्क्यूबेशन सेंटर में मेरा सिलेक्शन हुआ और वहां गया, तो पहले इसके मोटर और फिर बाद में ड्रोन मोटर बनाने पर वर्क करना शुरू किया।
स्टडी के दौरान पता चला कि इंडिया में जितने भी ड्रोन मोटर या कॉमर्शियल इंडस्ट्री के मोटर इस्तेमाल हो रहे हैं, सभी इंपोर्टेड हैं। इंडिया में इसकी मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं हो रही है।'

*मिलन के हाथ में ड्रोन मोटर का एक डेमो है। वो इस मोटर को पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर होने का दावा कर रहे हैं*।
मिलन कहते हैं, इसे मैंने 3 महीने की मेहनत के बाद डेवलप किया है, इसलिए कैमरे पर ओरिजिनल प्रोडक्ट नहीं दिखाना चाहता हूं। ड्रोन मोटर का इस्तेमाल डिफेंस सेक्टर में भी होता है, इसलिए इससे सुरक्षा का मामला जुड़ा होता है।'
मिलन आगे बताते हैं, ‘2019 में IIT मंडी के स्टार्टअप सेशन को अटैंड करने के बाद इतना तो समझ में आ गया कि आने वाला वक्त ड्रोन का ही है, क्योंकि अब ड्रोन से दवा से लेकर खेतों में छिड़काव और सर्वे-मैपिंग, डिलीवरी तक का काम चल रहा है।

पहले गवर्नमेंट ड्रोन सेक्टर को डिफेंस तक कंट्रोल करके रखी हुई थी। यह सिर्फ मिलिट्री इक्विपमेंट माना जाता था, लेकिन जब से अलग-अलग सेक्टर में इसकी एंट्री हुई है, ड्रोन इंडस्ट्री का मार्केट बूम करने लगा है। आज सिर्फ ड्रोन मोटर का सालाना मार्केट 6 हजार करोड़ का है।’
*मिलन ने बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम बनाया है*।
                             मिलन बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम भी बना रहे हैं। वो कहते हैं कि उनके पास इसकी टेक्निकल नॉलेज तो थी, लेकिन मार्केट का कोई आइडिया नहीं था। जब मिलन ने मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो चुनौती यही थी कि इसे खरीदेगा कौन? मिलन बताते हैं, 'इंडिया में एक और दिक्कत है कि ड्रोन को सर्टिफाइड करने के लिए DGCA जैसी संस्था तो है, लेकिन मोटर को लेकर कोई स्टैंडर्ड नहीं है।
मैंने ड्रोन मैन्युफैक्चरर्स से इंपोर्टेड मोटर, इससे होने वाली दिक्कतें… इन सारी चीजों के बारे में जानना शुरू किया। पता चला कि उन्हें मन मुताबिक डिजाइन के मोटर नहीं मिल पाते हैं। जब IIT मंडी में दूसरी बार मुझे जाने का मौका मिला, तो मैंने 3 महीने में ही स्वदेशी ड्रोन मोटर डेवलप कर दिया। यह एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड है, जिसे ब्रशलेस डीसी (BLDC) इलेक्ट्रिक मोटर कहते हैं।’
आगे की बातचीत से पहले मिलन मुझे ड्रोन के टेक्निकल टर्म को आसानी से समझाते हैं, इसे आप ग्राफिक्स में समझिए...
बातचीत के बीच ही मिलन का फोन बजने लगता है। ये उनकी मम्मी का फोन है। वो मिलन से टाइम पर लंच कर लेने के बारे में पूछ रही हैं। वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगते हैं। कहते हैं, ‘जैसा पापा ने हम लोगों के साथ किया, यदि मम्मी भी ऐसा कुछ करती, तो फिर हमारा क्या होता? पता नहीं।

*कुछ देर ठहरने के बाद फिर से हमारी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाता है*।

मिलन कहते हैं, 'जब मैं मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने के बारे में सोच रहा था, तो सबसे बड़ी चिंता फंड की ही थी। इंडिया में टेस्टिंग से लेकर रॉ मटेरियल, मशीनरी पार्ट्स समेत कई अलग-अलग तरह की चुनौतियां हैं। चार साल में जो मैंने जॉब के दौरान थोड़ी बहुत सेविंग की थी, वो तो थी हीं, लेकिन इतने से कुछ होने वाला नहीं था। किसी भी मोटर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सेट करने में करोड़ों रुपए की जरूरत होती है।
हालांकि फैमिली का पूरा सपोर्ट था, लेकिन फंड भी एक लिमिटेड होता है किसी के पास। आपको भी पता ही होगा...। मैंने जब अपना आइडिया अलग-अलग इन्क्यूबेशन सेंटर में पिच किया, तब मुझे कई सारे ग्रांट्स मिले। बैंक से भी लोन मिला। टोटल 60 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट मैंने अपनी कंपनी में किया और 2022 में छोटे लेवल पर ड्रोन मोटर मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की।’

मिलन बताते हैं कि अगले हफ्ते एक क्लाइंट के साथ उनकी मीटिंग है। इसी को लेकर वो कुछ सैंपल तैयार कर रहे हैं। उम्मीद है कि थोक में ड्रोन मोटर बनाने के ऑर्डर मिलेंगे।'

*अभी आपका बिजनेस कैसा चल रहा है*

मिलन मुस्कराने लगते हैं। वो कहते हैं, ‘जब मैंने मेड इन इंडिया के तहत पहला ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो ड्रोन मैन्युफैक्चरर काफी प्रभावित हुए। उनका कहना था कि विदेशों से मोटर इंपोर्ट करने में सबसे बड़ी दिक्कत गारंटी को लेकर होती है। इसकी कोई लाइफ नहीं होती।'

*ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं*। 
                                ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं।
वो बताते हैं, 'इंपोर्टेड मोटर की यदि गारंटी भी है, तो जितना खर्च इसे दोबारा विदेशी मोटर मैन्युफैक्चरर्स को भेजने में लग जाएगा, उससे कम में नया मोटर खरीदा जा सकता है। यानी इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ता है।
जब मैंने 2022 में मार्केट में पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर लॉन्च किया, तो उसी वक्त भारत ड्रोन महोत्सव ऑर्गेनाइज किया गया था। मैंने ड्रोन मोटर डिस्प्ले किया, जहां दर्जनों ड्रोन मैन्युफैक्चरर से मेरी मुलाकात हुई, कई ऑर्डर भी मिले। कई मैन्युफैक्चरर ने आगे के बिजनेस के लिए मेरे साथ डील साइन किया।’

‘अब सोशल मीडिया का जमाना है। हम सोशल मीडिया के जरिए भी ड्रोन मोटर के वीडियो शूट करके बिजनेस को प्रमोट करते हैं। हालांकि 80% बिजनेस वेबसाइट के जरिए ही आते हैं। इन हाउस ही हम ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। अभी 4 लोगों की टीम काम कर रही है। जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ रहा है, हम टीम बढ़ा रहे हैं।
आज मेरे साथ 15 से ज्यादा क्लाइंट जुड़े हुए हैं। अभी हम दो कैगेटरी- माइग्रो और स्मॉल ड्रोन के लिए मोटर बना रहे हैं। जल्द ही मीडियम और हैवी कैटेगरी के ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग भी करने का प्लान कर रहे हैं।’
मिलन कहते हैं कि अभी वो ड्रोन मोटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ कंपोनेंट्स आउट सोर्स भी करते हैं। हालांकि आने वाले दिनों में वो सभी चीजों की इन हाउस मैन्युफैक्चरिंग करने पर फोकस कर रहे हैं। इस साल उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर एक करोड़ के होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल उनकी कंपनी का टर्नओवर 50 लाख का था
ट्रेडिंग करके 3 हजार से बनाई एक करोड़ की कंपनी: जो सामान इंडिया में नहीं मिलता, उसे चीन से मंगाकर ऑनलाइन बेचते हैं

Saturday, May 6, 2023

May 06, 2023

*एअर इंडिया फ्लाइट में महिला को बिच्छू ने डंक मारा:धुआं करके बिच्छू को निकाला गया; नागपुर से मुंबई जा रहा था विमान*

एअर इंडिया फ्लाइट में महिला को बिच्छू ने डंक मारा:धुआं करके बिच्छू को निकाला गया; नागपुर से मुंबई जा रहा था विमान
*धुआं करके बिच्छू को निकाला गया; नागपुर से मुंबई जा रहा था विमान|देश*।                                  नागपुर से मुंबई जा रही एअर इंडिया की AI 630 फ्लाइट में एक महिला पैसेंजर को बिच्छू ने डंक मार दिया। एअर इंडिया ने शनिवार को बताया कि घटना 23 अप्रैल यानी पिछले महीने की है। एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंड होने के बाद वहां पहले एक डॉक्टर ने महिला का ट्रीटमेंट किया और फिर उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अब वह ठीक है।
एयरलाइन ने बताया कि फ्लाइट में किसी पैसेंजर को बिच्छू का डंक मारने का अनोखा मामला है। घटना की जानकारी मिलते ही एयर इंडिया की इंजीनियरिंग टीम ने फ्लाइट की जांच की। एयरलाइन ने कहा कि हमारी टीम ने प्रोटोकॉल का पालन किया। फ्लाइट का इंस्पेक्शन किया और कीड़े मारने वाली गैस छोड़कर बिच्छू को निकाला। यात्रियों को हुई परेशानी और असुविधा के लिए हमें खेद है।
*एयर इंडिया की फ्लाइट में पिछले साल सांप मिला था*
                             पिछले साल यानी 2022 में दुबई में एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में सांप देखा गया था। सांप दिखते ही फ्लाइट में अफरा-तफरी मच गई। एयरपोर्ट अथोरिटी के अफसरों ने विमान में पहुंचकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल था। यात्रियों को पास के एक होटल में ले जाया गया।
दुबई से करीपुर आ रही इस फ्लाइट से सांप को बाहर निकालने का काफी देर तक प्रयास किया गया। सांप को निकालने में देर होने के कारण तड़के ढाई बजे फ्लाइट कैंसल कर दी गई थी।
May 06, 2023

*खत्म हुआ 'ऑपरेशन कावेरी'! सेना की 17 उड़ानें, नौसेना के 5 जहाज, इस तरह सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय*

*खत्म हुआ 'ऑपरेशन कावेरी'! सेना की 17 उड़ानें, नौसेना के 5 जहाज, इस तरह सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय*
‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत 3 हजार से ज्यादा लोगों को वापस लाने के बाद ऑपरेशन को विराम दे दिया गया है. विदेश मंत्री ने भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए पीएम मोदी को प्रेरणा बताया है.
Operation Kaveri: खत्म हुआ 'ऑपरेशन कावेरी'! सेना की 17 उड़ानें, नौसेना के 5 जहाज, इस तरह सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय
*ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय* 
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भारत ने गृहयुद्ध में जूझ रहे सूडान में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए शुरू ‘ऑपरेशन कावेरी’ अभियान को शुक्रवार (5 मई) को समाप्त कर दिया है और भारतीय वायु सेना का आखिरी विमान 47 यात्रियों को लेकर स्वदेश लौट गया है. भारत ने सूडान में सेना और एक अर्द्धसैनिक बल के बीच हिंसक झड़पों के बाद वहां से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 24 अप्रैल को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी कि भारतीय वायु सेना के सी130 विमान के शुक्रवार को आने के साथ ही ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए सूडान से 3,862 लोगों को निका
उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने 17 उड़ानों का संचालन किया और भारतीय नौसेना ने पोर्ट सूडान से भारतीयों को सऊदी अरब में जेद्दा ले जाने के लिए पांच फेरे लगाए. जयशंकर ने कहा कि सूडान की सीमा से लगते देशों के जरिए 86 भारतीयों को लाया गया. उन्होंने सूडान से लाए गए भारतीयों की मेजबानी और निकासी प्रक्रिया में मदद के लिए सऊदी अरब का भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का भी आभार जताया.
MEA रैपिड रिस्पांस सेल को सराहा
विदेश मंत्री ने कहा, 'विदेश में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता हमारी प्रेरणा है.' केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन बचाव प्रयासों की देखरेख के लिए सऊदी अरब में मौजूद थे. विदेश मंत्री जयशंकर ने मुरलीधरन को इसके लिए सराहा.
ऑपरेशन कावेरी के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि 'ऑपरेशन कावेरी में शामिल सभी लोगों की भावना, दृढ़ता और साहस की सराहना करें. खार्तूम (सूडान) में हमारे दूतावास ने इस कठिन समय में असाधारण समर्पण दिखाया. सऊदी अरब में तैनात टीम इंडिया और भारत के साथ तालमेल बिठाने वाले एमईए रैपिड रिस्पांस सेल के प्रयास सराहनीय थे.'
शरद पवार के इस्तीफा वापस लेने पर खुशी से झूमे NCP कार्यकर्ता, मनाया जश्न-लगाए नारे... देखें
May 06, 2023

*नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग में जीता दूसरा गोल्ड:पहले ही प्रयास में 88.67 मीटर भाला फेंका, लीग में डबल गोल्ड जीतने वाले इकलौतेभारतीय*

*नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग में जीता दूसरा गोल्ड:पहले ही प्रयास में 88.67 मीटर भाला फेंका, लीग में डबल गोल्ड जीतने वाले इकलौते भारतीय*
नीरज ने पिछले साल ज्यूरिख में डायमंड लीग में गोल्ड जीता था।
नीरज ने पिछले साल ज्यूरिख में डायमंड लीग में गोल्ड जीता था।
देश को ओलिंपिक गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और डायमंड लीग जैसे बड़े कॉम्पिटिशन में मेडल दिलाने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक और कारनामा किया है। नीरज डायमंड लीग में लगातार दूसरा गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
25 साल के नीरज ने दोहा में चल रही प्रतियोगिता के मेन्स जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में पहले ही प्रयास में 88.67 मीटर भाला फेंका। यह नीरज का गोल्ड विनिंग परफॉर्मेंस साबित हुआ। नीरज ने साल 2023 का पहला ही मेडल जीता है।
पिछले साल नीरज ने ज्यूरिख में डायमंड लीग में पहला गोल्ड जीता था। 2022 में नीरज ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था।
*सबसे पहले ग्राफिक में देखिए नीरज चोपड़ा के मेडल*...

वाडलेच-चोपड़ा के बीच कांटे की टक्कर
जेवलिन थ्रो फाइनल में नीरज चोपड़ा और सिल्वर मेडल विनर चेक रिपब्लिक के जैकब वाडलेच के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। मुकाबले की रोचकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों की जीत हार का अंतर महज 0.04 मीटर रहा।
जेवलिन थ्रो फाइनल में हर एथलीट को 6 थ्रो यानी 6 अटेम्प्ट मिलते हैं। इनमें से बेस्ट थ्रो को गिना जाता है।
चोपड़ा का पहला ही अटेम्प्ट बेस्ट रहा। उन्होंने 88.67 मीटर का थ्रो फेंका जो कि ओवर ऑल इवेंट का बेस्ट थ्रो था।
नीरज ने दूसरे थ्रो में 86.04 मीटर की दूरी के साथ अपनी लय बनाए रखी, जबकि जैकब वाडलेच ने अपने दूसरे अटेम्प्ट में सबसे नजदीकी 88.63 मीटर का थ्
                             थ्रो के तीसरे राउंड में ग्रेनेडिया के एंडरसन पीटर्स ने अंडर-85 का थ्रो फेंका। नीरज चोपड़ा और जैकब वाडलेच ने अपना अच्छा फॉर्म जारी रखा और क्रमशः 85.47 मीटर और 86.64 मीटर के थ्रो किए।
चौथे राउंड में शीर्ष तीन ने लीडरबोर्ड को बरकरार रखते हुए एक-एक फाउल फेंका।
जैकब वाडलेच ने पांचवें राउंड में 88 मीटर थ्रो के साथ नीरज चोपड़ा के थ्रो के करीब पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वह केवल 88.47 मीटर थ्रो कर सके। वहीं नीरज ने पांचवें राउंड में 84.37 मीटर थ्रो करने के बावजूद अपनी बढ़त बनाए रखी।
फाइनल राउंड में नीरज ने 86.52 मीटर का एक शानदार थ्रो फेंका, जबकि जैकब और पीटर्स दोनों 85 मीटर के निशान को पार करने में नाकाम रहे।
*90 का आंकड़ा पार नहीं कर सके, लेकिन गोल्ड दिलाया*
                                 इस चैंपियनशिप से पहले उम्मीद की जा रही थी कि नीरज दोहा में 90 मीटर से ज्यादा भाला फेंकने का रिकॉर्ड बना लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोहा में चल रही हवा ने उन्हें ऐसा करने से रोका। नीरज ने भले ही 90+ मीटर का मार्क हासिल न किया हो, लेकिन देश को गोल्ड जरूर दिला दिया।
2022 में फेंका था 88.44 मीटर का थ्रो
चोपड़ा ने 2022 की डायमंड लीग में भी गोल्ड जीता था। तब चोपड़ा ने 88.44 मीटर का थ्रो फेंका था। इससे पहले नीरज ने साल 2017 और 2018 में भी फाइनल के लिए क्वॉलिफाई किया था। वह 2017 में सातवें और 2018 में चौथे स्थान पर थे।
चोपड़ा का 7वां इंटरनेशनल गोल्ड
नीरज चोपड़ा ने अपने सीनियर करियर का सातवां इंटरनेशनल गोल्ड जीता। इससे पहले चोपड़ा एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स, ओलंपिक्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और डायमंड लीग में गोल्ड जीत चुके हैं।

Wednesday, May 3, 2023

May 03, 2023

हजार मर्दों संग सोने का है सपना, छिपकर गंदा काम करती है लाड़ली, ढाई करोड़ कमाने वाली बेटी पर मां-बाप को है गर्व

हजार मर्दों संग सोने का है सपना, छिपकर गंदा काम करती है लाड़ली, ढाई करोड़ कमाने वाली बेटी पर मां-बाप को है गर्व
नई दिल्ली: एक मां-बाप के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात क्या होगी कि उसकी बेटी कमाऊ है। वो भी छोटी-मोटी रकम नहीं, उनकी बेटी अच्छा-खासा कमा रही है। जाहिर सी बात है कि इससे पेरेंट्स काफी खुश होते हैं। लेकिन कई बार लड़कियां अपनी कमाई का असली जरिया पेरेंट्स को नहीं बता पाती। गलत काम के जरिये वो पैसे कमाकर घर तो भेजती हैं, लेकिन उसका सोर्स नहीं बताती. ऐसी ही एक एडल्ट स्टार ने अपनी स्टोरी लोगों के साथ शेयर की। उसने बताया कि अक्स अब तक उसके पेरेंट्स के हाथ उसका एक भी वीडियो नहीं लगा है।
आपने सनी लियोनी की स्टोरी तो सुनी ही होगी। इस एडल्ट स्टार को अब भारत में हर कोई जानता है। जब उसने अपने एडल्ट फिल्म करियर की शुरुआत की थी, तब उसके पेरेंट्स को इसकी जब उन्हें पता चला तो उन्होंने सनी से सारे रिश्ते तोड़ लिए थे। सोशल मीडिया पर एक और मशहूर एडल्ट स्टार ने अपनी भी कुछ ऐसी ही स्टोरी शेयर की। बस अंतर ये है कि अभी तक इस स्टार की असलियत उसके मां-बाप को नहीं पता है। काज़मी स्क्वीरट्स कई काम करती हैं। लेकिन उनकी कमाई का मुख्य जरिया एडल्ट फिल्में हैं। लेकिन अभी तक काजमी ने इसके बारे में अपने पेरेंट्स को नहीं बताया है।
*पेरेंट्स मानते हैं इन्वेस्टर*

काजमी कई काम करती हैं. इसमें कंटेंट क्रियेटर, इन्फ्लुएंसर, बिजनेस शामिल है। लेकिन उनकी मुख्य कमाई एडल्ट साइट ओनलीफैंस के जरिये है। काजमी हर महीने करीब ढाई करोड़ रुपए कमाती है। इसके लिए वो ओनलीफैंस पर अपनी उत्तेजक तस्वीरें और वीडियो बेचती है। लेकिन उसके पेरेंट्स को इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी बेटी बिटकॉइन में इन्वेस्ट करती है। बेटी के एडल्ट स्टार होने की बात से वो अभी तक अनजान हैं।
*मां-बाप को नहीं पता है असलियत*
 
*सीक्रेट रखना हुआ मुश्किल*

काजमी ने बताया कि एडल्ट स्टार होने की बात को सीक्रेट रखना अब मुश्किल हो रहा है। कई बार इंटरनेट पर उसकी तस्वीरें आ जाती है।  तब लगता है कि उसका पर्दाफाश हो जाएगा,.. लेकिन गनीमत ये है कि अब तक इसकी जानकारी उसके मां बाप को नहीं हुई है। उसके पेरेंट्स को लगता है कि वो बिटकॉइन के जरिये वो पैसा कमाती है। काजमी ने इससे पहले तब सनसनी मचा दी थी जब उसने कहा था कि वो अभी तक 500 मर्दों के साथ रिश्ता है। इसके अलावा 30 की होने से पहले वो इसकी संख्या एक हजार करना चाहती है।

Tuesday, May 2, 2023

May 02, 2023

*'द केरल स्टोरी' फिल्म की असली कहानी:हजारों हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाकर सीरिया भेजने की बात कहां से आई*

*केरल स्टोरी' फिल्म की असली कहानी:हजारों हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाकर सीरिया भेजने की बात कहां से आई*
'द केरल स्टोरी' फिल्म अपनी कहानी और दावों को लेकर चर्चा में है। 26 अप्रैल को इसका ट्रेलर रिलीज हुआ। फिल्म 4 युवतियों की जिंदगी पर बेस्ड है। 2 मिनट 45 सेकेंड के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे कॉलेज जाने वाली 4 युवतियां एक आतंकी संगठन से जुड़ जाती हैं
ट्रेलर की शुरुआत केरल की हिंदू लड़की शालिनी उन्नीकृष्णन के परिचय से शुरू होती है, जिसमें वो आतंकी संगठन ISIS से जुड़ने की पूरी कहानी बता रही है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे एक गिरोह केरल की युवतियों का ब्रेनवॉश करके धर्म परिवर्तन कराता है और फिर आतंकी संगठन ISIS का हिस्सा बना देता है। इसके लिए कभी फिजिकल रिलेशन तो कभी धार्मिक मान्यताओं को टूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
ये तो हो गई ट्रेलर की बात। एक मुस्लिम संगठन ने 'द केरल स्टोरी' फिल्म में लगाए गए आरोपों को साबित करने पर 1 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। 5 मई को रिलीज होने वाली इस फिल्म पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से लेकर शशि थरूर तक ने सवाल खड़े किए हैं।
अब सवाल है कि फिल्म में जो दावे किए गए हैं वो सच हैं या झूठ। भास्कर एक्सप्लेनर में 'द केरल स्टोरी' फिल्म की असली कहानी जानेंगे…
सवाल-1: ‘द केरल स्टोरी’ में दिखाया गया है कि प्रेम के जाल में फंसाकर बड़े पैमाने पर लड़कियों को मुसलमान बनाया जा रहा है। क्या केरल में वाकई ‘लव जिहाद’ हो रहा है?
जवाब: 2009 में केरल और कर्नाटक हाईकोर्ट में दो मामले पहुंचे, जिसके बाद लव जिहाद चर्चा में आया। दोनों मामलों में लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का अपहरण करके मुस्लिम युवकों के साथ शादी करने को मजबूर किया गया।
पहला मामलाः केरल हाईकोर्ट के जस्टिस केटी शंकरन ने कहा कि यह जगजाहिर है कि लव जिहाद या रोमियो जिहाद के नाम से एक आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्होंने केरल के DGP से कई सवालों के जवाब में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। कुछ प्रमुख सवाल थे…

क्या देश में कोई ऐसा आंदोलन चल रहा है?
भारत और विदेशों के कौन से संगठन इसमें शामिल हैं?
इस आंदोलन की फंडिंग कैसे की जा रही है?
क्या यह पूरे भारत में चल रहा है?
पिछले 3 साल में कितने स्टूडेंट धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गए?
क्या लव जिहाद, जालसाजी, तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों के बीच कोई संबंध है।
दूसरा मामलाः कर्नाटक हाईकोर्ट में सी सेल्वराज ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी सिल्जा राज को एक मुस्लिम लड़के ने अगवा कर लिया और कामराजनगर से केरल ले गया। वहां उसे मदरसे में इस्लाम का पाठ पढ़ाया गया और धर्म परिवर्तन कराने के बाद शादी कर दी गई।
इसके बाद सिल्जा राज सामने आती हैं और अदालत से कहती हैं कि उन्होंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया और शादी की। इसके बाद कोर्ट ने लव जिहाद आंदोलन की जांच के लिए कर्नाटक के DGP की नेतृत्व में SIT बनाई।
*दोनों मामलों में कहा गया ‘लव जिहाद’ निराधार*
कर्नाटक में गठित SIT की रिपोर्ट में कहा गया कि 24 टीमों को कर्नाटक के सभी जिलों में भेजा गया, लेकिन लव जिहाद का कोई सबूत नहीं मिला। SIT ने बताया कि सिल्जा राज का धर्म परिवर्तन के बाद निकाह करना लव जिहाद नहीं था। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सिल्जा अपने पति के साथ रह सकती हैं और जहां चाहे वहां जा सकती हैं।
केरल के DGP जैकब पुन्नोस ने 18 अक्टूबर 2009 को कोर्ट में हलफनामा दायर किया। इसमें सभी जिलों के SP की 14 रिपोर्ट और राज्य CID, पुलिस इंटेलिजेंस, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के प्रमुखों की चार रिपोर्ट शामिल थीं।

इसमें केरल हाईकोर्ट की ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब नहीं में दिया गया। यानी लव जिहाद जैसा कोई आंदोलन नहीं चल रहा है और न ही इसके पीछे कोई साजिश है। साथ ही कहा गया कि पिछले 3 साल में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है
DGP ने इस रिपोर्ट में कहा कि इस तरह के आरोपों के कोई ठोस उदाहरण मौजूद नहीं है। हालांकि कुछ सोर्सेज से मिली जानकारी और आरोपों में लव जिहाद की बातें कही गई हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस सेल सभी स्कूलों और कॉलेजों पर निगरानी रखेगी और ऐसे मामलों में सख्ती से निपटेगी।
जस्टिस केटी शंकरन ने 26 अक्टूबर 2009 को शहंशाह और सिराजुद्दीन को अपनी अग्रिम जमानत याचिका वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। DGP को सभी 18 रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने का निर्देश दिया। साथ ही DGP को यह बताने के लिए कहा कि वह मामले को बंद करने के इच्छुक क्यों हैं, जबकि कई सोर्स ने ऐसा होने की बात कही है और कई आरोप भी सामने आए हैं? कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
9 नवंबर 2009 को केरल के DGP 18 रिपोर्ट सौंपते हुए एक हलफनामा दायर करते हैं। इसमें बताया गया कि सोर्स द्वारा दी गई जानकारी और जो आरोप लगाए गए उनके समर्थन में आपराधिक गतिविधि या संगठन के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 1 दिसंबर 2009 को हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि देश में कोई लव जिहाद आंदोलन या संगठन अस्तित्व में नहीं है।
इसके बाद जस्टिस शंकरन 9 दिसंबर 2009 को अपने लंबे फैसले में जिला SP द्वारा दायर सभी 14 रिपोर्टों को खारिज कर देते हैं। साथ ही कहते हैं कि यह स्पष्ट है कि विशेष धर्मों से संबंधित लड़कियों को दूसरे धर्म में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी स्पष्ट है कि रिपोर्ट में दर्ज कुछ संगठनों की शह पर ऐसा किया जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने शहंशाह और सिराजुद्दीन को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
हालांकि एक हफ्ते बाद ही जस्टिस एम शशिधरन नांबियार ने शहंशाह और सिराजुद्दीन के अभियोजन पर रोक लगा दी। जस्टिस नांबियार ने इसके बाद तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम के जिला जज से मामले में डिटेल में रिपोर्ट मांगी। दोनों जिला जज की रिपोर्ट में लव जिहाद या धर्मांतरण की साजिश का कोई सबूत नहीं था। इसके बाद जस्टिस नांबियार ने 10 दिसंबर 2010 को शहंशाह और सिराजुद्दीन के खिलाफ FIR को रद्द करते हुए उन्हें बरी कर दिया।

साल 2016 में केरल में लव जिहाद एक बार फिर चर्चा में आया। वैकोम शहर में होम्योपैथी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही 25 साल की अखिला धर्मपरिवर्तन करके मुस्लिम बन जाती है और अपना नाम हदिया रख लेती है। साथ ही अपने पेरेंट्स को बिना बताए शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से शादी कर लेती है।
लड़की के पिता एम अशोकन इसे लव जिहाद का मामला बताते हैं और 2016 में केरल हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करते हैं। वह आरोप लगाते हैं कि उनकी बेटी का जबर्दस्ती धर्म बदलवाकर उसकी शादी करा दी गई है और वो गायब है।
लड़की के पिता की याचिका पर पर केरल हाईकोर्ट ने 24 मई 2017 को यह शादी रद्द कर दी। साथ ही हदिया को उसके माता-पिता के पास रहने का आदेश दिया। इसके बाद शफीन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की के पिता को उसे पेश करने का आदेश दिया।
इसके बाद हदिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया था कि वह मुस्लिम है और मुस्लिम ही बनी रहना चाहती है। उसने यह भी कहा है कि वह शफीन जहां की पत्नी ही बनी रहना चाहती है।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का ऑर्डर रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हदिया और शफीन पति-पत्नी की तरह रह सकेंगे। साथ ही कोर्ट ने NIA को लव जिहाद की साजिश की जांच जारी रखने का आदेश दिया।

18 अक्टूबर 2018 को हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि NIA ने केरल में लव जिहाद मामले की जांच बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NIA ने केरल में दूसरे धर्म में हुई 11 शादियों की जांच की थी। एजेंसी ने पाया कि इसमें किसी भी मामले में यह नहीं पाया गया कि युवक या युवती को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया हो।
*यानी अब तक देश में लव जिहाद के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं*।
सवाल-2: ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के टीजर में दावा किया गया है कि केरल में 32,000 से ज्यादा लड़कियां गायब हुई हैं। ट्रेलर में भी हजारों लड़कियों के धर्म परिवर्तन के बाद ISIS जॉइन करने की बात कही गई है। इस दावे में कितनी सच्चाई है?
जवाब : टाइम्स ऑफ इंडिया ने 15 जुलाई 2016 को केरल की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कोझिकोड और मलप्पुरम में 2 मान्यता प्राप्त रिलीजियस कन्वर्जन सेंटर में 2011 से 2015 के बीच 5,793 लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया। रिपोर्ट में सरकार अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया कि गैर मान्यता प्राप्त केंद्रों में होने वाले धर्म परिवर्तनों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया इस्लाम धर्म को अपनाने वाले लोगों में लगभग आधी महिलाएं हैं। साथ ही इनमें से अधिकांश महिलाएं यानी 76% 35 साल से कम उम्र की हैं। जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया उनमें 4,719 हिंदू थे और 1,074 ईसाई थे।
25 जून 2012 को केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने राज्य की विधानसभा में बताया था कि 2006 से 2,667 लड़कियों ने इस्लाम धर्म अपनाया है।
सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि केरल के करीब 100-120 लोग या तो ISIS में शामिल हो गए या शामिल होने की कोशिश की। उनमें से कुछ मध्य पूर्व से सीरिया या अफगानिस्तान गए, वहां पर वह ISIS के लिए काम करने लगे।
इनमें से कई मारे गए। वहीं अगस्त 2019 में मलप्पुरम के एक इंजीनियरिंग छात्र मोहम्मद मुहसिन के परिवार को एक संदेश मिला कि उनका इकलौता बेटा अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया है।

2014-15 में सुरक्षा एजेंसियों ने 17 भारतीयों की पहचान की, जिन पर ISIS में शामिल होने का संदेह था। उनमें से तीन केरल से थे। ये लोग मिडिल ईस्ट में काम कर रहे थे और 2013-14 में सीरिया चले गए।
मई-जून 2016 में महिलाओं और बच्चों समेत केरल के करीब दो दर्जन लोग ISIS में शामिल होने के लिए गए। जांच में ISIS के कासरगोड मॉड्यूल का पता लगा। जो लोग गायब हुए, उनमें से ज्यादातर उसी जिले के थे।
यानी केरल में धर्म परिवर्तन और ISIS में शामिल होने के मामले तो हैं, लेकिन ये गिनती के हैं। हजारों या 32 हजार तो बिल्कुल नहीं।

सवाल-3: ‘द केरल स्टोरी’ में दिखाया गया है कि केरल से गायब होने वाली लड़कियों ने ISIS जॉइन किया है। इसमें कितनी सच्चाई है?
जवाबः केरल की 4 महिलाएं अपने पति के साथ 2016-18 में अफगानिस्तान के नंगरहार पहुंची थीं। उनके पति अफगानिस्तान में अलग-अलग हमलों में मारे गए थे।
ये महिलाएं ISIS के उन हजारों लड़ाकों में शामिल थीं, जिन्होंने नवंबर और दिसंबर 2019 में अफगानिस्तान के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
साल 2021 में भारत सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन चारों महिलाओं को भारत आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

*सवाल-4: क्या इन सबके पीछे कोई संगठित गिरोह है?*
जवाब : केरल हाईकोर्ट को 2009 में दिए अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने बताया कि लव जिहाद को लेकर देश में कोई संगठित गिरोह नहीं है।
वहीं केरल से ISIS में भर्ती कराने के पीछे 3 बड़े मॉड्यूल के सक्रिय होने की बात सामने आई है। इसमें कासरगोड मॉड्यूल, कन्नूर मॉड्यूल और द उमर-अल-हिंद मॉड्यूल का पता लगा।