BJP का राव इंद्रजीत को ‘जोर का झटका’:संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को एंट्री देकर पार्टी का दो टूक संदेश- और नहीं झुकेंगे
रेवाड़ी : हरियाणा में अहीरवाल की सियासत को अपने हिसाब से हांकने वाले राव इंद्रजीत की BJP में मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हरियाणा BJP के नेताओं को राव इंद्रजीत पहले दिन से फूटी आंख नहीं सुहाते और अब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी उन्हें सबक सिखाने के मूड में दिख रहा है। BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने 11 मेंबरी संसदीय बोर्ड में हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली सुधा यादव को शामिल कर राव इंद्रजीत को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि उनके आगे अब और नहीं झुका जाएगा।
राव इंद्रजीत इस समय हरियाणा के गुरुग्राम से BJP सांसद और मोदी सरकार में सांख्यिकी मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री हैं। राव इंद्रजीत दक्षिणी हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट में मजबूत पकड़ रखते हैं और इस बेल्ट में आज तक उनके कद का कोई दूसरा नेता नहीं उभर पाया। यही वजह है कि वह अहीरवाल की राजनीति को अपने हिसाब से चलाते रहे हैं मगर अब BJP के अंदर उन्हें यहां से चुनौती मिलती दिख रही है।
BJP के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में इकलौती महिला के तौर पर जगह पाने वाली सुधा यादव अहीरवाल बेल्ट में पड़ते रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं। सुधा यादव कारगिल में शहीद हुए BSF के डिप्टी कमांडेंट सुखबीर यादव की पत्नी हैं और अहीरवाल में राव इंद्रजीत के विरोधी गुट से ताल्लुक रखती हैं। 1999 के लोकसभा चुनाव में सुधा यादव गुरुग्राम सीट से राव इंद्रजीत को हरा भी चुकी हैं। तब राव इंद्रजीत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे जबकि सुधा यादव का वह पहला लोकसभा चुनाव था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दक्षिणी हरियाणा से ही ताल्लुक रखने वाले भूपेन्द्र यादव को अपनी सरकार में मंत्री बनाया। भूपेंद्र यादव राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा मेंबर हैं और नरेंद्र मोदी के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खास हैं। भूपेन्द्र यादव मूलरूप से गुरुग्राम के रहने वाले हैं। केंद्र में मंत्री बनने के बाद भूपेंद्र यादव ने गुरुग्राम में आवास भी बना लिया। राव इन्द्रजीत और भूपेन्द्र यादव के बीच की दूरियां जग जाहिर है। ऐसे में भूपेंद्र यादव के बाद रेवाड़ी जिले की सुधा यादव का भाजपा के संसदीय बोर्ड में शामिल होना राव इन्द्रजीत के लिए दूसरा तगड़ा झटका है।
सुधा यादव मूलरूप से रेवाड़ी जिले के धामलावास गांव की रहने वाली हैं। उनके पति सुखबीर यादव BSF में डिप्टी कमांडेंट थे और कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। कारगिल के बाद 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महेन्द्रगढ़ लोकसभा सीट से सुधा यादव को टिकट दिया। राव इंद्रजीत तब महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे और वह सुधा यादव से चुनाव हार गए। भाजपा ने अगली बार भी सुधा यादव को राव के खिलाफ मैदान में उतारा मगर वह जीत नहीं पाईं। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इन्द्रजीत भाजपा में शामिल हो गए और तब से वह गुरुग्राम से BJP के सांसद हैं।
हरियाणा में BJP के कई सीनियर नेता हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी जगह संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल कर सबको चौंका दिया। दरअसल सुधा यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीबी हैं। सुधा यादव इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी हैं। सुधा यादव ओबीसी से आती हैं। भाजपा नेतृत्व ने उनके जरिये पूरे देश के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। इसके अलावा सुधा यादव कारगिल शहीद की पत्नी भी हैं। ऐसे में सैनिक परिवारों को भी मैसेज देने की कोशिश की गई।
राव इन्द्रजीत दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले तक दक्षिण हरियाणा और अहीरवाल बेल्ट में भाजपा बेहद कमजोर थी। राव इन्द्रजीत के BJP में आने के बाद यहां पार्टी की ताकत बढ़ी लेकिन 8 साल बाद भी राव इन्द्रजीत खुद को BJP में सहज नहीं पा रहे। पिछले काफी समय से वह बगावती तेवर दिखा रहे हैं। हालांकि राव इंद्रजीत ने BJP के केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा। उनके निशाने पर हमेशा से हरियाणा भाजपा के नेता और राज्य की सरकार ही रही।
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