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Monday, August 22, 2022

हरियाणा के रोहतक समेत इन तीन जिलों मे धारा 144 लागू, प्रशासन ने जारी किए सख्त आदेश

हरियाणा के रोहतक समेत इन तीन जिलों मे धारा 144 लागू, प्रशासन ने जारी किए सख्त आदेश

रोहतक: देश में दिन प्रतिदिन नई- नई बीमारियों के संक्रमण ने लोगों की चिंता बढ़ा रखी है।  पहले इंसानों में कोरोना और मंकीपॉक्स वायरस ने कहर ढा रखा था। वही अब एक नया वायरस जोकि पशुओं में तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का नाम है लंपी वायरस, जिसने पशुओं को अपने संक्रमण में जकड़ रखा है। हरियाणा के रोहतक, जींद और सोनीपत जिले में पशुओं मे फैल रहे लंपी वायरस को ध्यान में रखते हुए IPC की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है। इस धारा के तहत पशुओं का मेला लगाने, और इस बीमारी से मरने वाले पशुओं की चमड़ी उतारने, तथा बाहर से मवेशियों को चराने के लिए आने वाले गवालो के आवागमन पर भी पूर्णतया रोक लगा दी गई है। 
रोहतक में अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट महेंद्र पाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला की सीमा में अंतर जिला व अंतर राज्य पशुओं के आवागमन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही जिला में पशुओं के मेले आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये गये आदेशों में बताया गया है कि राज्य में लम्पी स्किन डिजिज (एलसीडी) बीमारी बढ़ रही है। अगर इन्हें नहीं रोका गया तो मामले बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने एलसीडी की घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाने के लिए मवेशियों के अंतरा राज्य व अंतर राज्य आवागमन के साथ-साथ मवेशियों की खरीद बिक्री के लिए भी किसी भी प्रकार के मेलों के आयोजन पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। 
जिला पुलिस अधीक्षक से महत्वपूर्ण स्थानों पर नाकों व पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करके इन आदेशों कि अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ ही आदेशों में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक को कहा गया है कि जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के साथ तालमेल बनाकर यह सुनिश्चित करें कि जिला में कोई भी पशु मेला आयोजित ना किया जा सके। सख्त अनुपालना के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं और अगर कोई इन आदेशों की उल्लंघना करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। बता दें लंपी वायरस के संपर्क में आने वाले मवेशियों की त्वचा पर गांठे बन जाती हैं, उनके मुंह से लार आने लगती है,  उनको तेज बुखार, और आंखें लाल हो जाती हैं, साथ ही उन्हें भूख भी कम लगने लगती हैं।  जिला प्रशासन ने मवेशियों को संक्रमण से बचाने के लिए गौशालाओं में फोगिंग करने के आदेश दिए हैं। हरियाणा के पशुपालन मंत्री JP दलाल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग 14 जिले के मवेशी लंपी वायरस से ग्रसित हो गए हैं।  प्रदेश सरकार पशुओं को लंपी वायरस से बचाने के लिए सामूहिक रूप से टीकाकरण का आयोजन करेगी।  दुखदायक बात यह है कि अब तक प्रदेश में कुल 87 गायों की इस वायरस के सक्रमण से मृत्यु हो चुकी है।एलसीडी को लेकर महम क्षेत्र में गाय पालने वाले लोगों की चिताएं बढती जा रही हैं। वार्ड आठ के पार्षद विनोद कुमार की बछड़ी को बीमारी लगने से उसने प्राइवेट डाक्टर से उनसे टीके लगवाए हैं। वार्ड नौ में दुकानदार महेंद्र सिंह के घर गाय का बीमारी के कारण बुरा हाल है। महेंद्र उसे लगातार दवाई दिलवा रहा है लेकिन उसे कोई आराम नहीं आ रहा है। यह बीमारी महम में धीरे-धीरे पैर पसार रही है। गाय एलएसडी से पीड़ित होने को संदेह जताया जा रहा है।
वहीं, वैटरनरी विभाग के एसडीओ नरेंद्र दहिया ने बताया कि पहले गोशालाओं व बाडों में इक्टठी रहने वाली गायों को टीके लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि लंपी स्कीन बीमारी से बचाव के लिए महम सब डिविजन में 1288 वैक्सीन आई थी। जिनमें से महम गोशाला में 298, मोखरा में लगभग 400 व अन्य वैक्सीन बैंसी व पशु अस्पतालों में लगाई जा चुकी हैं। रविवार को वैक्सीन समाप्त हो चुकी हैं। सोमवार को और वैक्सीन पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। एसडीओ दहिया ने यह भी बताया कि गायों में फैलने वाली बिमारी का इलाज करवाने में पशुपालकों को कोई संकोच नहीं होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि पशुओं को साफ सुथरे स्थान पर ही रखें। 
प्रदेशभर में पशु पालकों से लेकर सरकार और प्रशासन भी अलर्ट मोड में है। लेकिन बेसहारा गोवंश को लेकर अभी तक कोई योजना तय नहीं हो सकी है। दरअसल, बेसहारा गोवंश के साथ ही पशु पालक दूध निकालकर दुधारू गोवंश को भी छोड़ देते हैं। निगम के नियम तो कहते हैं कि दुधारू गोवंश को जब्त कर लिया जाता है। कोई दुधारू गोवंश को लेने आता है तो कम से कम पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन निगम ने अभी तक इस तरह की कार्रवाई को लेकर सुध नहीं ली है। दूसरी ओर, पशु पालन विभाग ने बेसहारा गोवंश को लेकर कोई योजना तय नहीं की गई। यह भी सवाल उठ रहा है कि बेसहारा गोवंश के वैक्सीनेशन कैसे और कब से होगा।

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