जींद : जींद के सिविल अस्पताल में जन्म लेने वाले तमाम बच्चों को डिस्चार्ज करने से पहले उनके अभिभावकों के हाथों में बर्थ सर्टिफिकेट होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सरकार की गाइडलाइन पर अमल करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जितने भी बच्चे डिस्चार्ज हुए, उनके अभिभावकों को सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान और पीएमओ डॉ. जितेंद्र के दिशा-निर्देश पर सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विंग के नोडल अधिकारी डॉ. अजय चालिया ने वार्ड में जाकर मरीजों के अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाए।सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन है कि मरीज को डिस्चार्ज करने से पहले जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाया जाए। इसकी अनुपालना करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार से अमल शुरू कर दिया है। सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि वैसे तो बिना देरी के जन्म का पंजीकरण 21 दिन में करवाया जा सकता है, लेकिन सिविल अस्पताल में जितने भी बच्चे जन्म लेंगे, उनको डिस्चार्ज से पहले जन्म प्रमाण पत्र बनवा होगा। डॉ. भोला ने कहा कि नार्मल डिलीवरी पर महिला को 48 घंटे बाद छुट्टी दी जाती है, जबकि सिजेरियन के बाद महिला को एक सप्ताह बाद छुट्टी मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकार की गाइडलाइन की पालना जींद में शुरू हो गई है। सिविल अस्पताल जींद की बात की जाए तो हर रोज 20 से 25 डिलीवरी हो रही है। महीने में 100-120 सर्जरी होती है। इस मौके पर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विंग के नोडल अधिकारी डॉ. अजय चालिया ने बताया कि शुक्रवार विभाग की ओर से डिस्चार्ज होने वाले बच्चों के अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाए गए।
डिस्चार्ज से पहले अभिभावकों के हाथों में होगा बर्थ सर्टिफिकेट : डॉ. भोला
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