जींद में सरपंचों का धरना समाप्त:कल से जंतर-मंतर पर 10 अप्रैल को प्रदर्शन के लिए डोर-टू-डोर मांगेंगे सहयोग
जींद : जींद में पिछले 2 माह से भी ज्यादा समय से मांगों को लेकर धरना दे रहे सरपंचों ने अब नई रणनीति बनाई है। बुधवार को सरपंचों ने BDPO कार्यालय के बाहर धरना समाप्त कर दिया। अब गुरुवार से सरपंच गांवों में प्रचार पर निकलेंगे और डोर-टू-डोर जाकर ग्रामीणों से 10 अप्रैल को दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए सहयोग मांगेंगे।
धरने के अंतिम दिन सरपंचों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरपंचों का दावा है कि 10 अप्रैल को जींद से हजारों की संख्या में ग्रामीणों को लेकर जंतर-मंतर पर पहुंचेंगे।
जींद ब्लॉक प्रधान कंडेला की सरपंच नीलम देवी, अनूप कंडेला, मांडो खेड़ी सरपंच अनिल लाठर, पिंडारा सरपंच कुलदीप, आजाद निर्जन, ऋषिपाल हैबतपुर, किसान नेता पूनम कंडेला समेत काफी गांवों के सरपंच और पंच BDPO कार्यालय के बाहर धरने पर एकत्रित हुए। यहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
*सरपंच एसोसिएशन में इनको बनाया पदाधिकारी*
जींद ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन की प्रधान नीलम देवी को चुनने के बाद नरेश भुक्कल जुलानी को उप-प्रधान, अनिल लाठर को प्रेस प्रवक्ता, ऋषिपाल हैबतपुर को प्रभारी, दिनेश आसन को सहप्रभारी, दीपक रूपगढ़ को सह-प्रवक्ता, हिंतेद्र रामराय को सचिव, सुंदर रामगढ़ को महासचिव, रामनिवास ईंटल कलां को खजांची, रामप्रसाद अशरफगढ़ को मुख्य खजांची, आजाद सिंह निर्जन संचालक, जोगिंद्र ललित खेड़ा को सचिव, सुरेश बराह कलां को सहसचिव बनाया गया।
सरपंचों के धरने पर पहुंची किसान नेता पूनम कंडेला ने कहा कि सीएम मनोहर लाल द्वारा सरपंचों के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दिए जा रहे हैं, उन्हें चोर बताया जा रहा है, जिसका खामियाजा भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में देखने को मिलेगा। आम जनता से लेकर किसान, युवा, कर्मचारी वर्ग, सरपंच और पंच सरकार के खिलाफ जा चुके हैं।
अगर सरपंचों की मांगों को पूरा नहीं किया तो सरकार को सत्ता से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
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