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Thursday, May 25, 2023

*सुप्रीम कोर्ट में याचिका, नई संसद का इनॉग्रेशन राष्ट्रपति करें:समारोह का 20 विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया, 17 दल शामिल होंगे*

*सुप्रीम कोर्ट में याचिका, नई संसद का इनॉग्रेशन राष्ट्रपति करें:समारोह का 20 विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया, 17 दल शामिल*
संसद के नए भवन के इनॉग्रेशन पर विवाद थम नहीं रहा है। कुल 40 पार्टियों में से कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है। उधर, भाजपा समेत 17 पार्टियों ने सरकार के न्योते को स्वीकार कर लिया है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन कराने का निर्देश देने वाली याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है।
विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉग्रेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। बुधवार को विपक्षी दलों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। ऐसे में नए भवन का कोई मतलब नहीं है।
यह फोटो नए संसद भवन का है। लोकसभा कुछ ऐसी दिखेगी। कुल 40 दलों के लोकसभा में 539 और राज्यसभा में 238 सदस्य हैं ।
भाजपा समेत 17 पार्टियां शामिल होंगी: भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), शिरोमणी अकाली दल, NPP, NDPP, SKM, JJP, RLJP, RP (अठावले), अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस, AIADMK, BJD, तेलुगूदेशम पार्टी, YSR कांग्रेस, IMKMK और AJSU MNF।

*लोकसभा में 60.82% (सदस्य 328) और राज्यसभा में 42.86% (102 सदस्य) प्रतिनिधित्व।*
20 पार्टियां विरोध कर रहीं: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, DMK, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट), समाजवादी पार्टी, राजद, CPI, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, रालोद, राकांपा, JDU, CPI (M), IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP, AIMIM और MDMK।
विरोध करने वाले दलों का लोकसभा में 26.38% (कुल 143 सदस्य) और राज्यसभा में 38.23 % (91 सदस्य) प्रतिनिधित्व है।

*नई संसद विवाद पर किसने क्या, कहा*
कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा, 'कल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में झारखंड देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का इनॉग्रेशन किया। यह एक व्यक्ति के अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है, जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नए संसद भवन का इनॉग्रेशन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जहां तक नए संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है। यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी। अब कोई इसका बहिष्कार करता है या उद्घाटन समारोह में नहीं जाता है तो इस पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। नए भवन का निर्माण जरूरी था और यह अच्छा है कि अब यह बन गया है।
UP CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नई संसद पर बयानबाजी करना गलत है। विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है। ये गैरजिम्मेदार रवैया है।
सुबह हवन-पूजा, दोपहर 12 बजे उद्घाटन करेंगे PM मोदी
नए संसद भवन पर 28 मई, रविवार सुबह हवन के साथ पूजा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे उद्घाटन करेंगे। संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले श्रमयोगियों का सम्मान भी किया जाएगा।

PM मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को संसद भवन की नई बिल्डिंग का भूमिपूजन किया था।
75 साल बाद राजदंड का संसद में प्रवेश होगा
मोदी 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पवित्र सेंगोल (राजदंड) स्थापित करेंगे। अंग्रेजों की तरफ से 14 अगस्त 1947 की रात इसे पं. नेहरू को सत्ता हस्तांतरण के रूप में सौंपा गया था। 1960 से पहले आनंद भवन और 1978 से इलाहाबाद म्यूजियम में रखा था। 

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