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Thursday, May 25, 2023

*सौगात:आईटीआई के पास 5 करोड़ रुपए से बनेगी जिला उद्योग केंद्र व एमएसएमई की डबल स्टोरी बिल्डिंग*

*सौगात:आईटीआई के पास 5 करोड़ रुपए से बनेगी जिला उद्योग केंद्र व एमएसएमई की डबल स्टोरी बिल्डिंग*
आईटीआई के पास 5 करोड़ रुपए से बनेगी जिला उद्योग केंद्र व एमएसएमई की डबल स्टोरी बिल्डिंग|
जींद रोड स्थित पुराना जिला उद्योग केंद्र।
7 साल से कंडम घोषित हो चुके जिला उद्योग केंद्र की अब नई बिल्डिंग जींद रोड पर आईटीआई के पास बनाई जाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस पर 5 करोड़ रुपए के करीब खर्च आएगा। पूरा पैसा उद्योग विभाग के हेडक्वार्टर की तरफ से पीडब्ल्यूडी को ट्रांसफर कर दिया है। इसमें से पीडब्ल्यूडी ने निर्माण शुरू करने को 2 करोड़ 57 लाख 72 हजार 224 रुपए का पहला टेंडर लगा दिया है।

7 जून को टेंडर ओपन होगा। इसके बाद टेंडर एजेंसी को अलॉट कर दिया जाएगा। टेंडर अलॉट होते ही बिल्डिंग का काम शुरू हो जाएगा। इस डबल स्टोरी बिल्डिंग में उद्योग केंद्र विभाग व माइक्रो स्माल एंड मिडीयम डिपार्टमेंट समेत फर्म एवं समितियां रजिस्ट्रार का ऑफिस शामिल रहेगा। 5 करोड़ रुपए में निर्माण से लेकर इंटीरियर व फर्नीचर समेत तमाम काम किए जाएगा। जिसमें दोनों विभागों के 25 से 30 कर्मचारी काम करेंगे।

*जानिए...इस विभाग में पब्लिक को क्या-क्या होते हैं काम*
जिला उद्योग केंद्र में सभी बड़े स्तर की इकाइयों का लेखा-जोखा होता है। इसमें औद्योगिक इकाइयां 100 करोड़ या इससे ऊपर के निवेश की इकाइयां शामिल होती हैं। साथ वेयर हाऊस बनाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। कोई औद्योगिक ईकाई शुरू करने से पहले किसी डिपार्टमेंट संबंधित कोई परेशानी आ रही है तो उसका हल निकाला जाता है। जिला रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी में पार्टनरशिप फर्म का पंजीकरण, समितियों का पंजीकरण समेत किसी प्रकार के विवाद को सुलझाने का काम किया जाता है। एमएसएमई में छोटे स्तर की औद्योगिक ईकाइयों संबंधित लेखा-जोखा या सब्सिडी देने संबंधित काम होते हैं।

*1966 में बनाई थी बिल्डिंग, अब पंचायत भवन में किराए पर चल रहा है काम*

जिला उद्योग विस्तार अधिकारी नीतीश ने बताया कि साल 1966 में जींद रोड स्थित आईटीआई की दीवार के साथ लगती जिला उद्योग केंद्र की बिल्डिंग बनाई गई थी। साल 2016 में बिल्डिंग की हालत जर्जर होने के बाद इसको कंडम घोषित कर दिया गया था। इसके बाद करीब 7 साल कर्मचारी व अधिकारी डर के साये में जर्जर भवन में काम करते रहे। बारिश के मौसम में छत टपकती थी।

जहरीले जीव अंदर घुस आते थे। रिकार्ड खराब होने का डर था। जिस कारण रिकार्ड को पीछे बने क्वार्टर में रखना पड़ा। इस साल 11 अप्रैल को विभाग ने ऑफिस को पंचायत भवन में ट्रांसफर कर लिया। जो जरूरत का रिकार्ड था उसको तो यहां से पहले उठा लिया गया। कुछ रिकार्ड अभी भी पुरानी बिल्डिंग में पड़ा है। यहां पर विभाग प्रतिमाह 7820 रुपए किराए का भुगतान कर रहा है।

जिला उद्योग केंद्र की बिल्डिंग बनाने को लेकर टेंडर लगा दिया गया है। 7 जून को टेंडर खुलेगा। इसके बाद अलॉटमेंट प्रोसेस होगी। एजेंसी को टेंडर अलॉट होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ. केसी पठानिया, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी विभाग कैथल।

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