मंडी में अधिकांश फसले कट्टो में भर चुकी है
मंडी में गेहूं और सरसों की खरीद का कार्य अब समाप्ति पर है। लेकिन किसानों का गेहूं कट्टो में भरे जाने के बावजूद उपज गोदामों तक नहीं जा पा रही है इसके कारण किसानों का भुगतान प्रभावित हो रहा है। अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान श्री भगवान की शिकायत है कि उनको ट्रांसपोर्टर की ओर से गाड़ियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। कट्टो में उपहार देने के बावजूद उनको उठाया नहीं जा रहा है।
इन लोगों को इस बात को लेकर चिंता है कि यदि मौसम खराब होता है। तब इसका खामियाजा उन्हीं को भुगतना होगा। मंडी में आने वाले किसान धर्म कांटे पर तुलवाई करने के बाद अपनी उपज आढ़तियों के भरोसे पर डाल जाते हैं। वे ढेरी बनाकर उसकी बोली का इंतजार नहीं करते हैं। इस बीच मौसम खराब होता है, तब भी इसका असर उन्हीं पर पड़ता है।
गोदाम में उपज जाने के बाद वह रिजेक्ट हो जाती है। तब भी इसका नुकसान आढ़तियों को ही उठाना पड़ता है। इस तरीके से अब जब फसल कट्टो में भरकर रख दी गई है। तब यह गोदाम पर भी पहुंचनी चाहिए। लेकिन जब इस मामले में ट्रांसपोर्टर से बात की जाती है।
आढ़तियों ने बताया कि कुछ लोगों को जल्दी थी। तब उन्होंने अपने निजी वाहन करके उपज को गोदामों तक पहुंचा दिया। ट्रांसपोर्टर का इंतजार नहीं किया। यदि अब वे अपनी इस उपज को ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से ले जाते हैं। तब भाडे के रूप में उनको ज्यादा नुकसान है।
तब उनका कहना होता है कि यह सभी उपज रोहतक के गोदामों में जा रही है और वहां पर भीड़ होने के कारण दिक्कत आ रही है। अन्य लोगों ने बताया कि कुछ गाड़ियां आती भी है।तब वे केवल एक ही आढती के पास से पूरा गाड़ी का लोड चाहते हैं। जबकि खरीद के अंतिम चरण में वाहन चालक को अलग-अलग आढ़तियों के यहां जाकर कट्टे उठाने होते हैं।
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