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Wednesday, May 10, 2023

केरल स्टोरी पर रोक की पिटीशन सुनेगा सुप्रीम कोर्ट:पहले कहा था- एक्टर-प्रोड्यूसर ने मेहनत की; फिल्म अच्छी है या नहीं, बाजार तय करेगा

केरल स्टोरी पर रोक की पिटीशन सुनेगा सुप्रीम कोर्ट:पहले कहा था- एक्टर-प्रोड्यूसर ने मेहनत की; फिल्म अच्छी है या नहीं, बाजार तय करेगा
मुंबई : फिल्म द केरल स्टोरी 5 मई को रिलीज हुई है। बंगाल और तमिलनाडु में ये बैन कर दी गई है। UP और MP में टैक्स फ्री है। 

फिल्म द केरल स्टोरी की रिलीज पर रोक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है। कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने मंगलवार को चीफ जस्टिस से याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की। इसके बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख तय कर दी है। पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- फिल्म अच्छी है या नहीं, ये बजार तय करेगा।
फिल्म 5 मई को रिलीज हुई है और इसी दिन केरल हाईकोर्ट ने फिल्म का ट्रेलर देखा था। इसके बाद अदालत ने फिल्म की रिलीज पर रोक से इनकार कर दिया था। इस फिल्म की रिलीज बंगाल और तमिलनाडु में बैन कर दी गई है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है।
फिल्म केरल के हालात पर आधारित है। केरल में कांग्रेस और दूसरी राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि फिल्म एक समुदाय विशेष को टारगेट कर रही है।
*हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द केरल स्टोरी पर क्या कह चुके हैं...*

सुप्रीम कोर्ट: पहले जब इस याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की गई, तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा था- फिल्म बनाने के लिए एक्टर्स और प्रोड्यूसर ने मेहनत की है। आपको यह जरूर सोचना चाहिए। आपको फिल्म पर रोक लगाने के मामले में बहुत सावधान रहना चाहिए। अगर यह फिल्म अच्छी नहीं है तो ये बाजार तय कर देगा।
केरल हाईकोर्ट: 5 मई को जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था- फिल्म केवल सत्य घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड ने इसे देखने के बाद रिलीज की इजाजत दी है। किसी समुदाय के लिए इसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं दिख रहा है। किसी भी याचिकाकर्ता ने फिल्म देखी? प्रोड्यूसर कह रहा है कि फिल्म कुछ घटनाओं का काल्पनिक वर्जन है। वो उस टीजर को भी सोशल मीडिया से हटाने को राजी हैं, जिसमें 30 हजार महिलाओं के ISIS में शामिल होने की बात है।
*यूपी के CM योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के साथ देख सकते हैं फिल्म*

द केरल स्टोरी को मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी टैक्स फ्री कर दिया गया है। UP के CM योगी आदित्यानाथ ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, वे अपने कैबिनेट के साथ फिल्म भी देख सकते हैं।
*डायरेक्टर बोले- फिल्म पर बैन राजनीति से प्रेरित*

फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने बिना देखे फिल्म को बैन कर दिया है। इस फिल्म की वजह से राज्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। यह बैन पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे फिल्म को देखें, फिर कोई फैसला लें। फिल्म मेकर अशोक पंडित ने कहा कि यह बैन अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।
*फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा- ममता पहले फिल्म देखें। फिर कोई फैसला लें।*
 
*फिल्म के क्रू मेंबर को धमकी, मैसेज भेजा- अकेले घर से बाहर मत निकलना*
फिल्म के एक क्रू मेंबर को अनजान नंबर से धमकी भरा मैसेज आया है। इस मैसेज में लिखा है, 'अकेले घर से बाहर मत निकलना। तुमने फिल्म में ये कहानी दिखाकर अच्छा नहीं किया।' मुंबई पुलिस के मुताबिक, फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने ही इस बात की जानकारी पुलिस को दी थी।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने धमकी पाने वाले क्रू मेंबर को सिक्योरिटी दे दी है। हालांकि अब तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं कराई गई है, क्योंकि उन्हें लिखित में शिकायत मिलनी बाकी है।
*यह फिल्म आतंक और आतंकवाद के खिलाफ है- स्मृति ईरानी*

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मंगलवार को दिल्ली के चाणक्यपुरी में एक सिनेमा हॉल में फिल्म द केरल स्टोरी देखने पहुंचीं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति भी दिल्ली के चाणक्यपुरी में एक सिनेमा हॉल में फिल्म देखने पहुंचीं। फिल्म देखकर बाहर आने पर स्मृति ने कहा कि कुछ लोगों के लिए यह फिल्म कल्पना है लेकिन बहुत सारे केरल प्रदेश के लोगों के लिए यह हकीकत है। वह राजनीतिक दल जो लड़कियों को फंसाए जाने, जबरन धर्मांतरण और ISIS ब्राइड्स को झुटलाते हैं, मैं उनसे अपील करती हूं कि यह फिल्म आतंक और आतंकवाद के ख़िलाफ़ है।
अगर आपने इस फिल्म को अपने प्रदेश में रोका है तो आप देश को संकेत और संदेश दे रहें हैं कि आप आतंक के समर्थक हैं महिला सुरक्षा के नहीं। मैं ममता बनर्जी से पूछती हूं कि जिस फिल्म में आतंकवादी संगठनों का पर्दाफाश हुआ, जिस फिल्म में असल पीड़ित परिवार समाज, राष्ट्र, राजनीतिक दल से मदद की गुहार लगा रहीं, ऐसे में ममता बनर्जी पीड़ित महिलाओं का समर्थन करने के बजाए आतंकवादी संगठनों का समर्थन क्यों कर रहीं हैं? वोट बैंक की राजनीति समझ आती है, टेरर बैंक की राजनीति समझ के परे है।

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