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Wednesday, June 14, 2023

पुलिस में सबसे अधिक रक्तदान करने वाले डॉ. अशोक कुमार बचा चुके हैं 51420 जिंदगियां

पुलिस अधिकारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा 157 बार रक्तदान कर चुके हैं जिसमे वे 73 बार प्लटेलेट्स भी दे चुके

पुलिस में सबसे अधिक रक्तदान करने वाले डॉ. अशोक कुमार बचा चुके हैं 51420 जिंदगियां  
चण्डीगढ़: रक्तदान के प्रति लग्न और धुन किसी किसी में होती है और वह भी ऐसी की स्वयं पूरा जीवन ही रक्तदान को समर्पित कर दिया हो। आज 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस पर जब ऐसे लोगों की चर्चा होती है तो एक ऐसा व्यक्तित्व सामने आता है जो खाकी में होता है। वे हैं हरियाणा पुलिस के उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा। सराहनीय पुलिस सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस से विभूषित, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक शतकवीर विजेता, पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा वर्ष 2020 से हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो में जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी के रूप में नियुक्त हैं और हरियाणा प्रान्त के सभी ज़िलों में वे नशा मुक्त अभियान को लेकर साइकिल पर चलते हुए मिल जाएंगे। अपने राजकीय कार्यों के साथ साथ वे रक्तदान को अपने जीवन का अंग बना चुके हैं। 1989 से निरंतर रक्तदान कर रहे डॉ. अशोक कुमार वर्मा 157 बार रक्तदान कर चुके हैं जिसमे वे 73 बार प्लटेलेट्स भी दे चुके हैं। रक्तदान में न केवल वे अपितु उनकी पत्नी सुषमा वर्मा, पुत्र अक्षय वर्मा, पुत्रियां जिसमे प्रियंका वर्मा न्यायाधीश और दिव्या वर्मा उनके साथ रक्तदान करते हैं। इतना ही नहीं उनके सभी भाई सतपाल, यशवंत, विनोद कुमार रक्तदान करते हैं। उन्होंने करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, नोएडा, सिरसा, दिल्ली, चंडीगढ़, अम्बाला और पंजाब सहित हरियाणा के अनेक ज़िलों में जाकर भी रक्तदान किया है। पुलिस विभाग में सबसे अधिक बार रक्तदान करने में डॉ. अशोक कुमार वर्मा का नाम आता है।  प्रथम बार उन्होंने करनाल में 1989 में रक्तदान किया था जब लोग रक्तदान करने से डरते थे और सगे संबंधियों एवं रिश्तेदारों के लिए रक्तदान करने से छिप जाया करते थे। लोग डॉ. अशोक कुमार वर्मा को घर से बुलाकर रक्तदान के लिए लेकर जाया करते थे। उस समय वे और उनका अनुज विनोद कुमार वर्मा रक्तदान करते थे।  
डॉ. अशोक कुमार वर्मा न केवल स्वयं रक्तदान करते हैं अपितु वे रक्तदान शिविर भी आयोजित करते हैं। बिना किसी बैनर के वे 454 स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगा चुके हैं। उन्होंने अपने सैनिक नायक पिता श्री कली राम खिप्पल की पुण्यतिथि पर 26 नवंबर 2010 को प्रथम स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया था जो आज यह 454 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आंकड़ा पूरा कर गया है। रक्तदान शिविरों की व्यवस्था, सम्मान समारोह और भोजन आदि की सभी व्यवस्था वे अपनी जेब से करते हैं। वे अब तक 454 रक्तदान शिविरों में 17140 रक्त इकाई सरकारी रक्त कोषों को जुटा चुके हैं जिससे 51420 जिंदगियों को नव जीवन मिला है। वर्ष 2018 में 1934 वर्ष 2019 में 2096 वर्ष 2020 में 1336 वर्ष 2021 में 2079 और 2022 में 1203 रक्त इकाई सरकारी रक्त कोषों को उपलब्ध कराने वाले डॉ. वर्मा उत्तर भारत के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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