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Friday, June 2, 2023

*बृजभूषण पर दर्ज दोनों FIR आई सामने:चोटिल महिला खिलाड़ी को कहा- खर्चा उठाएंगे, यौन संबंध बनाने होंगे; नाबालिग पहलवान को कमरे में बुला की कोशिश*

*बृजभूषण पर दर्ज दोनों FIR आई सामने:चोटिल महिला खिलाड़ी को कहा- खर्चा उठाएंगे, यौन संबंध बनाने होंगे; नाबालिग पहलवान को कमरे में बुला की कोशिश*
चोटिल महिला खिलाड़ी को कहा- खर्चा उठाएंगे, यौन संबंध बनाने होंगे; नाबालिग पहलवान को कमरे में बुलाने की कोशिश|
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज दोनों FIR अब सामने आ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बृजभूषण और सचिव विनोद तोमर मुख्य रूप से आरोपी हैं। बालिग पहलवानों ने बृजभूषण ने कथित रूप से अनेकों बार छेड़छाड़ की। बहुत बेढ़ग तरीके से उन्हें छुआ। यहां तक की सांस चेक करने के बहाने उनकी टी-शर्ट उतारी।

पेट पर हाथ लगाया। चोटिल महिला खिलाड़ी का खर्चा संघ द्वारा उठाए जाने पर शारीरिक संबंध बनाने की डिमांड की। जब इससे खिलाड़ी ने मना किया तो उनके साथ ट्रायल में भेदभाव किया गया। वहीं, दूसरी FIR के मुताबिक बृजभूषण ने किशोरी पहलवान को बहाने से अपने कमरे में बुलाया। जहां उसके साथ शोषण की कोशिश की। मगर, किसी तरह वह वहां से बच निकली।

*अब पढ़िए दोनों FIR के मुख्य अंश*
FIR 1...बालिग पहलवानों की शिकायत पर ये है मुकदमा दर्ज
पहली FIR भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत दर्ज की गई है। प्राथमिकी में बृजभूषण और WFI सचिव विनोद तोमर का नाम है। प्राथमिकी में शिकायतकर्ताओं में से एक का कहना है कि "सभी महिला एथलीट जब भी अपने-अपने कमरे से निकलती थीं तो समूहों में चलती थीं, ताकि अकेले आरोपी से मिलने से बचा जा सके"। एक अन्य पहलवान ने आरोप लगाया है कि एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान बृजभूषण ने होटल के रेस्तरां में खाने की मेज पर उसे छुआ।

बृजभूषण की इन हरकतों से वह गहरे सदमे में थी। वह अगले कुछ दिनों तक न तो ठीक से सो सकी और न ही ठीक से खा सकी। भारत में एक लीग के दौरान, और फिर दो साल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के दौरान दिल्ली में महासंघ कार्यालय में कथित रूप से उन्हें फिर से अनुचित तरीके से छुआ गया था। शिकायतकर्ता का दावा है कि PMO में एक बैठक के दौरान, उसने "बार-बार होने वाले यौन, भावनात्मक, शारीरिक, शारीरिक आघात के बारे में बात की, जो उसे और अन्य महिला पहलवानों को बृजभूषण द्वारा मिले थे।
इलाज के बहाने शारीरिक संबंध बनाने की डिमांड
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में बृजभूषण द्वारा पहली बार उनका यौन उत्पीड़न किया गया था, जब उन्होंने कथित तौर पर उनकी टी-शर्ट उतारी और उनकी सांस की जांच के बहाने अपना हाथ उनके पेट के नीचे खिसका दिया। उनका दावा है कि उस चैंपियनशिप के दौरान उन्हें चोट लग गई थी और भारत आने के बाद उन्हें फेडरेशन के ऑफिस में बुलाया गया था। बृजभूषण ने कथित तौर पर उससे कहा कि महासंघ उसके इलाज का खर्च वहन करने को तैयार है, बशर्ते वह उसके यौन संबंधों के आगे झुक जाए।

जांच कमेटी ने बंद किए बार-बार कैमरे
वह कहती हैं कि वह WFI प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित पैनल के सामने भी पेश हुईं और समिति के सदस्यों के सामने कैमरे के सामने पेश हुईं। हालांकि, उसने आरोप लगाया कि रिकॉर्डिंग डिवाइस को बार-बार बंद कर दिया गया, जिससे उसे विश्वास हो गया कि उसके बयान के साथ छेड़छाड़ की गई हो सकती है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपी को मेरा और कई अन्य महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के लिए दंडित किया जाए, जिनका वह अपनी शक्ति और स्थिति के कारण शोषण करता है। आरोपी को यौन उत्पीड़न और शोषण के और कृत्यों को करने से रोकना आवश्यक है। उसने शिकायत में मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करें और उसे सलाखों के पीछे डालें।

महांसघ कार्यालय में जबरदस्ती की कोशिश
आरोप लगाया गया है कि बृजभूषण ने एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान उसे अनुचित तरीके से छुआ और चैंपियनशिप के बाद जब वह नई दिल्ली में महासंघ कार्यालय गई तो उसके साथ "जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की"। “यौन उत्पीड़न और पीछा करने की घटना ने उसे आघात पहुंचाया है और आज भी उसके दिमाग पर जोर डाल रही है। आरोपी द्वारा की गई इन हरकतों की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान थी। जिस कारण उसके लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना और अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का प्रदर्शन करना मुश्किल था।

प्रताड़ना के बारे में पीएमओ को बताया
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में 2012 से 2022 तक विभिन्न स्थानों पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने की घटनाओं के बारे में उन्होंने कई बार PMO को भी जिक्र किया। एक अन्य पहलवान ने आरोप लगाया कि एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान बृजभूषण ने होटल के रेस्तरां में खाने की मेज पर उसे छुआ।

बृजभूषण की इन हरकतों की वजह अगले कुछ दिनों तक वह न तो ठीक से सो सकी और न ही ठीक से खाना खा पाई। भारत में एक लीग के दौरान और फिर दो साल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के दौरान दिल्ली में महासंघ कार्यालय में कथित रूप से उन्हें फिर से अनुचित तरीके से छुआ गया था।

FIR 2... पॉक्सो एक्ट
पुलिस को दूसरी शिकायत नाबालिग खिलाड़ी के पिता ने दी है। पिता की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज है। जिसमें पिता ने घटना साल 2016 की बताई है। शिकायत के अनुसार खिलाड़ी की वर्तमान में उम्र 17 साल है। शिकायत में कहा गया कि जब पहलवान ने भारत में एक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, बृजभूषण शरण सिंह ने तस्वीर लेने के बहाने जबरदस्ती उसे अपनी ओर खींच लिया और उसे अपनी बाहों से इतनी कस कर पकड़ लिया कि वह हिल नहीं सकती थी या खुद को मुक्त नहीं कर सकती थी।

इसके बाद उसने कथित तौर पर "उसे अपनी ओर और अधिक दबाया और उसके कंधे पर जोर से दबाया और फिर जानबूझकर अपना हाथ उसके कंधे के नीचे खिसका दिया और उसके स्तनों पर हाथ फेरा"। प्राथमिकी के अनुसार, बृजभूषण ने तब उससे कहा, 'तू मेरे को सपोर्ट कर, मैं तुझे सपोर्ट करुंगा, मेरे साथ टच में रहना'। उस वक्त खिलाड़ी ने यह कहते हुए पलटवार किया, 'सर मैं अपने बलबूते पर यहां तक आई हूं, आगे भी मेहनत करके आगे तक जाऊंगी।' आरोप है कि तब बृजभूषण ने कथित तौर पर उसे चेतावनी दी कि एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल जल्द ही होने वाले हैं और चूंकि वह उसके साथ सहयोग नहीं कर रही थी, इसलिए उसे ट्रायल में नतीजे भुगतने होंगे।

कमरे पर बुला कर की कोशिश, भाग निकली किशोरी
शिकायतकर्ता का दावा है कि बृजभूषण ने पीड़ित नाबालिग खिलाड़ी को अपने कमरे में बुलाया और "उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की।" उनका दावा है कि जब वह कमरे से बाहर निकलने में सफल रही, तो एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के दौरान उसके साथ बहुत भेदभाव किया गया, क्योंकि उसने "आरोपी के यौन उत्पीड़न का विरोध किया और उसकी मांगों को मानने को तैयार नहीं थी"।

शिकायतकर्ता ने कहा कि मेरी बेटी 17 साल की एक युवा पहलवान है और अपने करियर की शुरुआत में है। वह आरोपी की तरह एक यौन शिकारी का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी और इस तरह शिकायत नहीं कर सकी या फेडरेशन के साथ इन मुद्दों को नहीं उठा सकी। क्योंकि फेडरेशन पूरी तरह से आरोपी के नियंत्रण में है और उसके हुक्म के अनुसार काम करता है।

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