कहा- याचिकाकर्ताओं की बात सुने सरकार, उनकी एप्लिकेशन पर भी ले फैसला|
HSC पेपर कॉपी का मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं की बात को सुना जाए और उनकी एप्लिकेशन पर फैसला लिया जाए। जब तक याचिकाकर्ताओं की एप्लिकेशन पेंडिंग है तब तक HCS-CSAT का रिजल्ट डिक्लेयर नहीं किया जाएगा। हरियाणा सरकार की ओर से महाधिवक्ता पेश हुए थे।
इस परीक्षा में 32 सवाल पिछली बार के पेपर से कॉपी करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से इस मामले में दखल की मांग की गई है।
*याचिका में एग्जाम रद करने की मांग*
जींद निवासी अंकुर कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट में एक तिहाई प्रश्न कॉपी करने का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है। याचिका में बताया गया कि इस प्रकार प्रश्नों को कॉपी कर इस बार की परीक्षा में शामिल करना गलत है और यदि इस परीक्षा के परिणाम के आधार पर नियुक्तियां की गईं तो यह मेधावी आवेदकों के साथ अन्याय होगा।
*सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला*
याचिका में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई मामलों का हवाला दिया गया है। याचिका में हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा एचसीएस की भर्ती के लिए फरवरी में जारी विज्ञापन में विरोधाभासी निर्देश को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। याचिका अभी हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में फाइल की गई थी। इस मामले में आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
*अटैची कांड का दिया हवाला*
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि नौकरियों में भर्ती घोटालों के चलते HSSC के ‘अटैची कांड’ का भंडाफोड़ हो जाने के बाद HPSC ने पर्चा लीक करने की यह नई तकनीक ईजाद की है। खट्टर सरकार को उन 93,000 युवाओं से तुरंत माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने उनके पारदर्शिता के झूठे नारों पर विश्वास करके परीक्षा का फॉर्म भरा था। इस परीक्षा को तुरंत रद्द करके दुबारा पेपर करवाया जाए।
*HC के सिटिंग जज करें जांच*
सुरजेवाला ने मांग की कि HPSC तथा भ्रष्ट आयोग को बर्खास्त करके उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से साढ़े 8 साल में इनके घोटालों की जांच करवाने की मांग कर चुके हैं। पिछली बार HSSC का डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर रुपए की भरी अटैची और अभ्यर्थियों की OMR शीट के साथ पकड़ा गया था। उस समय तो खट्टर साहब की विजिलेंस ने अकेले अनिल नागर को बलि का बकरा बनाकर सरकार की बाकी सभी बड़ी मछलियों को बचा लिया था।
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