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Tuesday, June 13, 2023

*जींद में SBI में फर्जी खाते खोल हड़पे 80 लाख:बैंक मैनेजर ने पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना में 50 लोगों के जाली डॉक्यूमेंट लगाए*

*जींद में SBI में फर्जी खाते खोल हड़पे 80 लाख:बैंक मैनेजर ने पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना में 50 लोगों के जाली डॉक्यूमेंट लगाए*
बैंक मैनेजर ने पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना में 50 लोगों के जाली डॉक्यूमेंट लगाए|
प्रतीकात्मक फोटो।
हरियाणा के जींद जिले के गांव गांगोली के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 50 लोगों के खाते खोले और इनमें 80 लाख रुपए बैंक के पूर्व शाखा मैनेजर ने डकार गया। बैंक ने अब तत्कालीन मैनेजर जोगेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। इस फ्रॉड में शामिल मैनेजर व कई अन्य खिलाफ पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

पुलिस को दी शिकायत में गांगोली के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर अजय रंगा ने बताया कि इस बैंक में पूर्व में मैनेजर रहे गुरुग्राम के ओम नगर निवासी जोगेंद्र ने उसके साथी दिनेश के साथ मिलकर कई लोगों के पैन कार्ड की फोटो कॉपी का इंतजाम किया। इन पेन कार्डों को ऐडिट कर किसी में पिता का नाम तो किसी में जन्मतिथि में बदलाव किया। इसके बाद इन पेन कार्ड पर फोटो भी बदले गए और रंगीन फोटो कॉपी निकालकर बैंक में जमा करवाए।

जाली दस्तावेजों पर खोले खाते

बैंक में इसके बाद सेविंग अकाउंट खोलने के लिए एप्लिकेशन दी। इसके बाद उन लोगों ने फर्जी वोटर आईडी भी तैयार कर ली और फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवा लिए। सेविंग अकाउंट खुलने के बाद पशुधन योजना के तहत लोन के लिए स्वीकृत पत्रों की फर्जी प्रतियां तैयार की और इनकी रंगीन फोटोकापी निकालकर आवेदकों के नाम से जाली दस्तावेजों के आधार पर ही लोन खाते खुलवा लिए।

लोन की राशि को सेविंग अकाउंट में डाल दिया गया। बचत खातों की राशि को एटीएम और अन्य माध्यमों से निकाल भी लिया गया। यह राशि शाखा प्रबंधक जोगेंद्र सिंह द्वारा निकाली गई थी। करीब 50 सेविंग खाते खुलवाए गए और 80 लाख रुपए से ज्यादा की राशि निकाली गई।

बैंक प्रबंधन ने की कार्रवाई

बैंक प्रबंधन और मुख्यालय को पता चलते ही मैनेजर जोगेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई। साथ ही पुलिस को भी एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया लेकिन उस समय पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जिसके बाद एसपी को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए लिखा गया।

फोरेंसिक एक्सपर्ट ने खोली पोल

मामले की जांच आंतरिक जमाकर्ताओं और बैंक स्तर पर फोरेंसिक एक्सपर्ट से भी करवाई गई और फोरेंसिक एक्सपर्ट ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर लोन स्वीकृत किए गए हैं, वह मात्र रंगीन फोटो कॉपी है, जिनके नाम, पते बदले गए हैं और यह फर्जी हैं।

पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने बैंक के तत्कालीन मैनेजर जोगेंद्र सिंह और उसके साथ दिनेश कुमार के खिलाफ सरकारी धनराशि का दुरुपयोग करने, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

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