कुरूक्षेत्र में नेशनल हाईवे पर पक्का मोर्चा लगाने के बारे में जानकारी देते राकेश टिकैत और दूसरे किसान नेता।
हरियाणा में सूरजमुखी पर MSP और किसानों की रिहाई की मांग को लेकर कुरूक्षेत्र में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे पर पक्का मोर्चा लग गया है। मंगलवार को किसानों की प्रशासन से बातचीत विफल रही। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मीटिंग के बाद ऐलान किया कि अब हाईवे पर जाम नहीं खुलेगा। कुरुक्षेत्र में किसानों ने कल सोमवार दोपहर 2 बजे से जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर रखा है। किसानों ने हाईवे पर ही रात भी गुजारी।
सुबह 10 बजे के अल्टीमेटम के बाद किसानों ने टेंट गाड़ दिए। किसानों ने कहा- सूरजमुखी पर MSP की घोषणा की जाए और गुरनाम चढ़ूनी समेत दूसरे किसान नेताओं को रिहा करें। दोपहर को SP सुरेंद्र भोरिया और प्रशासनिक अधिकारियों की चढ़ूनी यूनियन से जुड़े किसान नेताओं से मीटिंग हुई। SP ने कहा- जल्द मामले का समाधान हो जाएगा।
वहीं मीटिंग से निकले किसानों ने कहा कि 4 बजे तक का टाइम दिया गया था, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, प्रशासन टालमटोल कर रहा है। अब प्रशासन से कोई मीटिंग नहीं करेंगे।
हरियाणा में कुरूक्षेत्र के पास जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे पर जाम और टेंट गाड़ते किसान।
हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर पूछा कि हरियाणा में सूरजमुखी के सबसे रेट ज्यादा हैं, फिर भी क्या राष्ट्रीय राजमार्ग रोकना जायज है?
DM शांतनु शर्मा ने कहा- ''जिले में लाठी-डंडे, तलवार, गंडासा आदि किसी भी तरह के घातक हथियार लेकर चलने, पेट्रोल-डीजल के बोतल में बिक्री पर रोक लगा दी गई है। धारा 144 लागू है।"
रात को हाईवे पर किसान गानों पर नाचते भी दिखे।
कुरुक्षेत्र में सोमवार रात हाईवे पर सोते किसान।
कुरुक्षेत्र में सोमवार रात हाईवे पर सोते किसान।
सरकार ने कहा- 29.13 करोड़ राहत राशि दे चुके
सरकार ने कहा-'' हरियाणा में 38,414 एकड़ में सूरजमुखी की फसल है। 8,528 किसानों को भावांतर योजना में प्रति क्विंटल 1000 रुपए अंतरिम राहत राशि दी जाती है। अब तक 29.13 करोड़ की राशि दे चुके हैं। हरियाणा में मार्केट रेट 4,900 और 1000 रुपए सरकार की तरफ से, यानी सूरजमुखी का प्रति क्विंटल रेट 5,900 रुपए मिलता है। उसके उलट कर्नाटक में 4,077, पंजाब में 4 हजार, तमिलनाडु में 3,550, महाराष्ट्र में ,और गुजरात में 3,975 प्रति क्विंटल रेट है। सरकार ने इसे सूरजमुखी की बिक्री की सच्चाई करार दिया है।
सूरजमुखी की MSP से जुड़ा विवाद 5 पॉइंट में
1. बातचीत विफल रही तो हाईवे जाम किया
हरियाणा सरकार ने ऐलान किया था कि वह सूरजमुखी को भावांतर योजना के तहत खरीद करेगी। जिसमें मार्केट रेट पर खरीद में हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। मगर, किसान MSP पर खरीद की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार से बातचीत हुई, लेकिन वह विफल रही। इसके बाद 6 जून को किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।
हाईवे जाम होते ही उसी दिन पुलिस हाईकोर्ट के ऑर्डर लाई और 15 मिनट में जाम खोलने को कहा। किसान नहीं माने तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी समेत 150 नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। 700 किसानों पर केस दर्ज किए गए। पुलिस ने हाईवे खुलवा लिया।
3. किसान संगठन समर्थन में आए, टोल पर प्रदर्शन
नेताओं की गिरफ्तारी पर किसान भड़क गए। 7 जून को पूरे हरियाणा में सड़कें जाम करने का ऐलान कर दिया गया। ऐलान के मुताबिक किसानों ने रोड जाम कर दिए। टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया। इस दिन भी कई किसान हिरासत में लिए, लेकिन शाम को वो छोड़ दिए थे। रोहतक में किसानों और पुलिस में झड़प हुई थी।
4. किसान नेताओं ने जमानत नहीं ली, 12 को महापंचायत बुलाई
इसी दिन गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 9 किसान नेताओं को पुलिस ने कुरुक्षेत्र जिला कोर्ट में पेश किया। अदालत में सभी ने जमानत लेने से मना कर दिया। इसके बाद सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसके बाद कुरुक्षेत्र के शाहबाद में किसान नेताओं की रिहाई और एमएसपी को लेकर पंचायत हुई। जिसमें किसान संगठनों ने 12 जून को पिपली में महापंचायत का फैसला लिया।
5. महापंचायत में 2 बार बातचीत विफल, हाईवे जाम का ऐलान
सोमवार यानी 12 जून को कुरुक्षेत्र में किसानों की रैली हुई। जिसमें हरियाणा के अलावा पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के किसान नेता व खाप प्रतिनिधि पहुंचे। यहां 2 बार प्रशासन से बातचीत हुई लेकिन सिरे नहीं चढ़ी। जिसके बाद दोपहर 2 बजे जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान कर दिया गया।
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