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Monday, July 3, 2023

*मानसून ने किया पूरा हरियाणा कवर:आज व कल ज्यादा बारिश नहीं; 5 जुलाई से बढ़ेगी वर्षा की तीव्रता, धान की रोपाई प्रभावित*

*मानसून ने किया पूरा हरियाणा कवर:आज व कल ज्यादा बारिश नहीं; 5 जुलाई से बढ़ेगी वर्षा की तीव्रता, धान की रोपाई प्रभावित*
आज व कल ज्यादा बारिश नहीं; 5 जुलाई से बढ़ेगी वर्षा की तीव्रता, धान की रोपाई प्रभावित|
मानसून ने पूरे हरियाणा को कवर कर लिया है। अब दो दिन 3 व 4 जुलाई को जहां प्रदेश में बारिश की हल्की गतिविधियां देखने को मिलेगी, वहीं 5 जुलाई से बारिश की तीव्रता और फैलाव बढ़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य तौर पर मानसून पूरे भारत को 8 जुलाई तक कवर करता है, लेकिन इस बार 6 दिन पहले ही पूरे देश में छा गया है। अब अरब सागर से आने वाली आर्द्र हवाएं उत्तर पश्चिम भारत को नमी प्रदान करना शुरू कर देंगी।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम भारत में मानसून कमजोर है। हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में खंडों में बारिश हो रही है। इसका असर सीधा किसानों पर पड़ने लगा है। जींद, फतेहाबाद, कैथल में किसानों ने धान की रोपाई फिलहाल बंद कर दी है और बारिश का इंतजार करने लगे हैं। इन जिलों में जो किसान धान लगा चुके हैं, वे फसल को पूरा पानी देने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। अगले 2-3 दिन तक ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना है।
पूरा प्रदेश कवर, अब बारिश का इंतजार

IMD चंडीगढ़ के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून हरियाणा के शेष हिस्सों में आगे बढ़ गया है। पूरे प्रदेश को मानसून ने कवर कर लिया है। पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में अपनी धुरी पर औसत से 5.8 किमी ऊपर है। लॉन्ग के साथ समुद्र का स्तर लगभग 76° पूर्व से 30° उत्तर तक चला गया है।

हरियाणा में 3 जुलाई को एकाध स्थानों पर बारिश की गतिविधि देखने को मिलगी। 
हरियाणा में 3 जुलाई को एकाध स्थानों पर बारिश की गतिविधि देखने को मिलगी।
आज ज्यादा बारिश की संभावना नहीं

मौसम विभाग ने 5 दिनों के लिए मौसम का जो पूर्वानुमान जारी किया है उसमें जानकारी दी गई है कि 3 जुलाई को हरियाणा में बारिश तो होगी, लेकिन अलग थलग (ISOLATED) क्षेत्रों में कुछ देर के लिए हल्क स्तर की रहेगी। बारिश का जो स्तर होगा वह मुश्किल से 25 प्रतिशत तक ही संभव है।
4 जुलाई को बढ़ेगी बारिश की गतिविधि

हालांकि 4 जुलाई को इसका दायरा बढ़ेगा। अंबाला, यमुनानगर, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, पलवल, मेवात, फरीदाबाद में बारिश का स्तर हल्का होगा। प्रदेश के अन्य जिलों में क्षेत्रों में 50 प्रतिशत तक बारिश की गतिविधि दर्ज होगी। इसके बाद 5 जुलाई को यमुनानगर, करनाल, हिसार व फतेहाबाद में बारिश की गतिविधि अधिकतर स्थानों पर देखने को मिलेगी। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में कुछेक स्थानों पर बारिश की संभावना है।

HAU का ये है आकलन

HAU कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में 3 व 4 जुलाई को मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहेगा। उत्तरी जिलों में कुछ-एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी ही संभावित है। इसके बाद 5 जुलाई से एक बार फिर मानसून की सक्रियता राज्य में बढ़ने की संभावना है। 5 जुलाई की रात से 7 जुलाई के दौरान राज्य में ज्यादातर स्थानों पर अच्छी बारिश की संभावना बन रही है।
स्काईमेट भी बारिश को लेकर आश्वस्त

दूसरी तरफ मौसम पर नगर रखने वाली एजेंसी स्काईमेट ने भी 5 से 10 जुलाई के दौरान हरियाणा में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। स्काईमेट के अनुसार पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम भारत में मानसून कमजोर है। हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में खंडों में बारिश हो रही है।

पूर्व-पश्चिम ट्रफ दिल्ली के दक्षिण में है, जो उत्तर पश्चिम राजस्थान से उत्तर पूर्व भारत तक फैला हुआ है। 4 जुलाई तक रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रहेगी। 5 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता और प्रसार बढ़ सकता है। अरब सागर से आने वाली आर्द्र हवा से प्रदेश में नमी की मात्रा बढ़गी और बरसने वाले बादलों का निर्माण होगा।

अभी तक बारिश की ये स्थिति

हरियाणा में 7 जिलों को छोड़ दें तो अन्य 15 जिलों में मानसून जमकर बरस रहा है। 23 से 29 जून तक प्रदेश में ओवर आल सामान्य से 180 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है। बात पूरे जून महीने की करें तो 50.5 एमएम सामान्य बारिश के मुकाबले 44 प्रतिशत बारिश ज्यादा रिकॉर्ड हुई है। माैसम विभाग का मानना है कि राज्य में महीने में बड़े स्तर पर अधिक वर्षा हुई है। अभी मानसून बरसना बाकी है। सावन में लगने वाली बारिश का झड़ी का लोगों को इंतजार है।

IMD की ओर से एक सप्ताह में हुई बारिश का जो डाटा जारी किया गया है, उसमें जून महीने के अंतिम 7 दिनों में झज्जर में 760 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा रही। फतेहाबाद एक ऐसा जिला है, जहां सामान्य बारिश के मुकाबले इस सप्ताह 72 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जो कि प्रदेश में सबसे कम है। पांच जिलों में जहां जमकर बारिश हुई है, वहीं पांच जिले सूखे का सामना कर रहे हैं। यहां मानसून की बारिश का किसानों को इंतजार है।

अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, जींद व पंचकूला 5 ऐसे जिले हैं जहां बारिश सामान्य से बहुत कम हुई है। फतेहाबाद में तो औसतन 2.4 एमएम बारिश ही हुई है, जबकि यहां सामान्य बारिश 8.5 एमएम आंकी गई है। इसके बाद जींद में 61 प्रतिशत और हिसार में 50 प्रतिशत बारिश कम हुई है। पंचकूला में यह आंकड़ा 20 प्रतिशत रहा।

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