कांग्रेस ने CWC में हरियाणा के दोनों गुट साधे:दीपेंद्र हुड्डा परमानेंट इनवाइटी; सैलजा-सुरजेवाला को मेंबर बनाया, किरण चौधरी का नाम नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस पार्टी की नई वर्किंग कमेटी (CWC) का ऐलान कर दिया है। हाईकमान ने नई CWC में हरियाणा के नेताओं के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश की है। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को CWC में बतौर परमानेंट इन्वायटी शामिल किया है वहीं हुड्डा गुट के धुर विरोधी रणदीप सिंह सुरजेवाला और कुमारी सैलजा को CWC में बतौर मेंबर जगह दी गई है।
हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकीं कुमारी सैलजा इस समय छत्तीसगढ़ की प्रभारी हैं वहीं रणदीप सुरजेवाला पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं और हाईकमान के बेहद करीबी माने जाते हैं। हाईकमान ने CWC में किरण चौधरी को जगह नहीं दी जो पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी बंसीलाल के परिवार से आती हैं। किरण चौधरी भिवानी की तोशाम सीट से कांग्रेस की एमएलए हैं और हुड्डा विरोधियों की अगुवाई कर ही तिकड़ी में सुरजेवाला-सैलजा के साथ शामिल हैं।
गुटबाजी को देखते हुए फैसला
केंद्रीय नेतृत्व को पता है कि हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी है। यही कारण है कि 9.5 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक पार्टी संगठन खड़ा नहीं कर पाई है। एक गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का माना जाता है। वहीं तीन गुट रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और किरण चौधरी के थे, लेकिन आज हुड्डा के खिलाफ तीनों नेता एक मंच पर आ गए हैं।
इसको देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने हुड्डा गुट से दीपेंद्र को और SRK से रणदीप और सैलजा को CWC में शामिल किया है।
अक्टूबर 2022 में खड़गे ने भंग की थी CWC
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद अक्टूबर-2022 में 23 सदस्यीय CWC को भंग कर उसकी जगह 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया था।
कांग्रेस पार्टी के अंदर CWC टॉप एग्जीक्यूटिव बॉडी है। इसका गठन दिसंबर 1920 में कांग्रेस के नागपुर सेशन के दौरान किया गया था। कांग्रेस पार्टी के संविधान की व्याख्या और उन्हें लागू करने का अंतिम अधिकार CWC के पास ही रहता है।
यहां देखिए लिस्ट...
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