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Friday, August 18, 2023

हरियाणा बिजली मंत्री के सामने रोई महिला:बोली- अधिकारी कम नहीं करते बिल, मरने का रास्ता बचा, DC बोलीं- 7000 के लिए जान नहीं दे सकते

हरियाणा बिजली मंत्री के सामने रोई महिला:बोली- अधिकारी कम नहीं करते बिल, मरने का रास्ता बचा, DC बोलीं- 7000 के लिए जान नहीं दे सकते
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती महिला।

हरियाणा के नारनौल पंचायत भवन में ग्रीवेंस कमेटी की मासिक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने की, लेकिन इस दौरान मीटिंग में एक महिला ने खूब हंगामा किया। वह महिला बिजली बिल अधिक आने से परेशान थी। महिला ने मंत्री के सामने ही सुसाइड करने की भी बात कही। इस पर भाजपा के जिला प्रधान ने कहा कि उसका बिल वे भर देंगे।

ग्रीवेंस मीटिंग में परिवादों की सुनवाई करते बिजली मंत्री रणजीत चौटाला।

15 परिवादों में से 11 निपटाए गए
वहीं DC मोनिका गुप्ता ने महिला से कहा कि धैर्य रखें, केवल 7 हजार रुपए के लिए जान नहीं दी जा सकती। बैठक में ग्रीवेंस कमेटी के पूर्व सदस्य द्वारा हंगामा भी किया गया। पूर्व सदस्यों का आरोप था कि मामलों की जांच में उनको शामिल कर लिया जाता है, लेकिन उनको बुलाया नहीं जाता।बता दें कि मीटिंग में रखे गए 15 परिवादों में से 11 परिवादों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया।
बिजली कर्मियों पर मनमानी करने के आरोप लगाए
मिली जानकारी के अनुसार, ग्रीवेंस मीटिंग में बिजली मंत्री समस्याएं सुन रहे थे। इस बीच एक महिला बड़का कुआं निवासी सुशीला आई। पुलिस कर्मचारियों ने महिला को मंत्री तक नहीं जाने दिया तो महिला हंगामा करने लगी। महिला ने कहा कि बिजली निगम के कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। उसके पति का एक्सीडेंट हो गया था, जो अब एक खोखा लगाकर जीवन यापन कर रहा है। उसकी 3 लड़कियां हैं।

ग्रीवेंस मीटिंग में परिवादों की सुनवाई करते बिजली मंत्री रणजीत चौटाला।

महिला ने सुसाइड को एकमात्र रास्ता बताया
महिला ने कहा कि बिजली निगम ने उसका बिजली का बिल 7500 रुपए बना दिया, जबकि बिल मात्र 250 ही होना था। महिला ने कहा कि वह पूर्व में भी अधिकारियों और मंत्री के सामने गुहार लगा चुकी है। इस बार वह अंतिम बार आई है, अगर उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उसके सामने जान देने के अलावा और कोई चारा नहीं रह जाएगा। मंत्री ने महिला की शिकायत को गंभीरता से सुनते हुए अधिकारियों से कहा कि महिला की समस्या का समाधान कर दिया जाए।
ग्रीवेंस कमेटी के पूर्व सदस्यों ने किया हंगामा
ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में पूर्व सदस्यों ने भी हंगामा किया। सदस्यों का कहना था कि कई मामलों में उनका नाम लिख लिया जाता है कि उक्त मामले के निपटारे में ग्रीवेंस कमेटी के मेंबरों को बुलाया जाएगा, लेकिन बाद में अधिकारी उनको नहीं बुलाते। ऐसे में बैठक में आना या किसी मामले के निपटाने में उनका नाम लिखना उचित नहीं है। इस पर मंत्री ने कहा कि आगे से ऐसा नहीं होगा और अधिकारी ग्रीवेंस कमेटी के मेंबरों की बातों को सुनेंगे।
वहीं बैठक में मार्केट कमेटी के सचिव द्वारा एक लाइसेंस बनाने की देरी करने पर मंत्री ने मार्केट कमेटी के सचिव को फटकार लगाई और जल्द ही लाइसेंस बना कर देने की बात कही।

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