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Saturday, September 2, 2023

हरियाणा में 500 क्लर्क भर्ती में घोटाले का शक:सरकार ने विभागों से मांगे दस्तावेज; गड़बड़ी मिलने पर 7 दिन में हटाने का आदेश

हरियाणा में 500 क्लर्क भर्ती में घोटाले का शक:सरकार ने विभागों से मांगे दस्तावेज; गड़बड़ी मिलने पर 7 दिन में हटाने का आदेश

हरियाणा में 500 क्लर्कों की नौकरी पर संकट गहरा गया है। 2020 में क्लर्कों की भर्ती की गई थी। इस भर्ती में घोटाले की आशंका को देखते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही आयोग की ओर से भर्ती से संबंधित सभी विभागों से दस्तावेज तलब कर लिए गए हैं।

सरकार की ओर से विभागों से दस्तावेजों का विवरण मांगा गया है। जांच में गड़बड़ी मिलने पर 7 दिन के अंदर हटाने के आदेश भी सरकार की ओर से दिए गए हैं।
साढ़े 3 साल से दे रहे सेवाएं
हरियाणा में 4798 क्लर्क अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 500 की नौकरी पर अब संकट खड़ा हो गया है। HSSC ने सितंबर 2020 से नौकरी पर लगे सभी क्लर्कों की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा था। यह भी कहा गया था कि नए सिरे से नियुक्तियां होंगी और नौकरी गंवाने वाले क्लर्कों की जगह नए अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।


हाईकोर्ट पहुंचा था मामला
कुछ अभ्यर्थी भर्ती में पूछे गए सवालों के गलत उत्तर को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए थे। अभ्यर्थियों ने संशोधित परिणाम जारी कराने की अपील की थी। तमाम दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने तीन सवालों को ठीक मानते हुए अप्रैल 2022 में संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। इन सवालों के ठीक होने के चलते करीब एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ गए, जबकि 48 हजार के कम हो गए।
इसी आधार पर आयोग ने संशोधित परिणाम जारी किया था। बायोमेट्रिक निशान और चेहरे के निशान नहीं मिलने के कारण 58 अभ्यर्थियों के परिणाम को रोक लिया गया था।
इसलिए फर्जीवाड़े की हुई आशंका
आयोग ने 21 मई से 6 जून तक कुल 24097 अभ्यर्थियों को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया गया था। 13168 अभ्यर्थी ही दस्तावेजों की जांच कराने पहुंचे और 10929 अभ्यर्थी नहीं आए। इनमें से 900 के करीब ऐसे अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे, जो पहले से ही चयनित थे। आशंका जताई है कि इस भर्ती में बड़े स्तर पर भर्तीवाड़ा हुआ था। काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर आर्थिक सामाजिक आधार के अंक हासिल किए थे। फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के डर से अधिकतर अभ्यर्थियों ने जांच से दूरी बनाई।
ये था विवाद
पेपर के दो सेट थे। सेट सी में प्रश्न नंबर 3, 47 व 66 वही थे जो सेट ए में 24, 62 व 9 थे। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प ए, बी, सी, डी दिए गए थे। सेट सी में यदि प्रश्न का उत्तर सी था तो सेट ए में डी था। आयोग ने परिणाम जारी किया तो दोनों के विकल्प सी को सही बताते हुए अंक दिए। इन अंकों के चलते कई आवेदक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। हाईकोर्ट ने उन तीन सवालों को ठीक मानकर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे।

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