Breaking

Tuesday, October 3, 2023

हिमाचल CM बोले- हरियाणा जैसी गलती नहीं करेंगे:​​​​​​​सुक्खू ने कहा- जो आउटसोर्स कर्मचारी हटाए, उन्हें कहां एडजस्ट करना है, विचार कर रहे

हिमाचल CM बोले- हरियाणा जैसी गलती नहीं करेंगे:​​​​​​​सुक्खू ने कहा- जो आउटसोर्स कर्मचारी हटाए, उन्हें कहां एडजस्ट करना है, विचार कर रहे

हिमाचल सरकार ऐसी गलती नहीं करेगी, जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से हुई थी। यह बात मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के शुभारंभ अवसर पर मंगलवार को CM सुखविंदर सुक्खू ने कही। उन्होंने कहा कि नौकरी से हटाए आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कानून का अध्ययन किया जा रहा है। जो लोग कोरोना काल में लगे, उनके लिए कोई नीति नहीं पाई गई।

इन्हें कैसे और कहां एडजस्ट करना है। इस पर विचार कर रहे हैं। ओम प्रकाश चौटाला से भी थोड़ी सी गलती हुई थी। उन्होंने इसकी सजा 10 साल जेल में रहकर भुगती है। इसलिए कानून के दायरे में रहकर ही सरकार कोई निर्णय लेगी।
दरअसल, हिमाचल सरकार ने 30 सितंबर को ही 1844 कोरोना वॉरियर्स और IGMC के 34 सुरक्षा कर्मियों की छुट्‌टी की है। इसे लेकर विपक्ष सुक्खू सरकार पर हमलावर है।


स्पेशल पैकेज की बन रही SOP
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि 4500 करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज का जल्द प्रभावित परिवारों को लाभ मिलना शुरू होगा। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जा रही है। इसके फाइनल होते ही जिन लोगों के घर टूटे हैं, उन्हें 7 लाख रुपए दिए जाएंगे।
दोबारा बुलाई जाएगी ग्रामसभाएं
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पंचायत की ग्राम सभा में कोरम पूरा नहीं हुआ, वहां दोबारा ग्राम सभाएं बुलाई जाएगी। जिला परिषद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है।
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का शुभारंभ
इससे पहले CM सुखविंदर सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आज से ही 1200 अनाथ बच्चों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया। उच्च शिक्षा ले रहे 18 साल से ऊपर के सभी बच्चों को लाभ मिलना शुरू हो गया है। ऐसे 2700 ओर बच्चों का पता चला है। इन्हें भी 4000 रुपए देने की योजना है।


इस दौरान मुख्यमंत्री आश्रमों में रह रहे 30 बच्चों को लेपटाप दिए। उन्होंने 11वीं और 12वीं कक्षा के मेधावी छात्रों को भी लेपटाप दिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में हिमाचल इकलौता ऐसा राज्य है, जहां अनाथ बच्चों को कानून बनाकर अधिकार दिया गया है। अब ऐसे बच्चे 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' कहलाएंगे।
जिनका कोई नहीं, उन्हें सुखाश्रय का सहारा
प्रदेश में जिन बच्चों को कोई नहीं हैं, उन्हें सहारा देने के लिए सरकार सुखाश्रय योजना लेकर आए है। ऐसे बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार उठा रही है। चाहे ऐसे बच्चे अपने घर या किसी पड़ोसी के पास या फिर आश्रम में रह रहे हो। सरकार 27 साल तक इनकी पढ़ाई का खर्च उठाएगी।

No comments:

Post a Comment