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Monday, October 2, 2023

चंडीगढ़ में कांग्रेस OBC सेल का प्रदर्शन:कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गवर्नर हाउस जाने से रोका; महिलाओं को आरक्षण देने की मांग

चंडीगढ़ में कांग्रेस OBC सेल का प्रदर्शन:कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गवर्नर हाउस जाने से रोका; महिलाओं को आरक्षण देने की मांग
गवर्नर के OSD को ज्ञापन सौंपते कांग्रेसी नेता।

चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस OBC सेल की तरफ से OBC महिलाओं को आरक्षण देने के की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस OBC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय से प्रदर्शन करते हुए गवर्नर हाउस जाने के लिए निकले, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया है। कांग्रेस नेताओं की तरफ से गवर्नर के OSD को ज्ञापन सौंपा गया है
चंडीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शन के चलते दक्षिण मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्ट किया है। पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन को देखते हुए जीरकपुर से चंडीगढ़ की तरफ आने वाले रास्ते पर होटल रमाड़ा प्लाजा के पास ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है।
2011 में हुई जातीय गणना के आधार पर मिले आरक्षण
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि 2011 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने जो जातीय जनगणना कराई गई थी, उसके आधार पर OBC महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। यह आरक्षण 2024 में होने वाले चुनावों से पहले ही लागू किया जाना चाहिए।
महिलाओं के साथ धोखा करने का आरोप
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संसद में जो बिल लेकर आई है, उस बिल के जरिए वह महिलाओं के साथ धोखा कर रही है। अगर केंद्र सरकार की मंशा महिलाओं को रिजर्वेशन देना है तो इसे 2024 से ही लागू किया जाना चाहिए। अभी केंद्र सरकार की तरफ से 2029 में इसे लागू करने का कहा जा रहा है। सरकार 2024 के चुनाव में फायदा उठाने के लिए यह बिल लेकर आई है।
क्या है नारी शक्ति बंधन अधिनियम
केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से विशेष सत्र बुलाकर नारी शक्ति बंधन अधिनियम बिल 2024 को पास कराया गया था। यह 128वां संशोधन लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का बिल था। इसे कैबिनेट की बैठक में 18 सितंबर को मंजूरी दी गई थी। 19 सितंबर को इसे लोकसभा में रखा गया था। जहां से 20 सितंबर को इसे बहुमत से पास कर दिया गया था।
इसके बाद 21 सितंबर को यह बिल राज्यसभा से भी पास हो चुका है। अब राष्ट्रपति की सहमति के बाद यह कानून बन गया है, लेकिन इसे अभी लागू नहीं किया जाएगा। क्योंकि जब तक जनगणना नहीं हो जाती तब तक सीटों को आरक्षित नहीं किया जा सकता है।

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