रत्नावली सांस्कृतिक महोत्सव में चित्रकार दीपक कौशिक की पेंटिंग को खूब सराहा
जींद: हरियाणा की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में चल रहे चार दिवसीय राज्य स्तरीय चित्रकला कार्यशाला "रत्नावली महोत्सव" का आज समापन हुआ। इस कार्यक्रम में हरियाणा के लोकगीत , रागनियां, बीन व नगाड़ों की प्रस्तुति व सांझी बनाने से लेकर चित्रकला कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय प्रशासन ने करवाया ।जिसमें प्रदेश से 8 चित्रकारों ने भाग लिया ।युवा चित्रकार दीपक कौशिक ने अपनी तूलिका से हरियाणा की आन बान शान ' ताऊ'का चित्रण किया। इस चित्र में उन्होंने हवेली के पुराने दरवाजे , गाय के गले में बंधने वाली वाली घंटियां व घुंघरू और घर की सजावट के लिए बनाए जाने वाले कपड़े से बने तोतों को अपनी चित्र में चित्रित कर उसे सजीव रूप दिया। दीपक जी का मानना है कि हरियाणा की लोक कलाएं अपने आप समृद्ध है। आज की युवा पीढ़ी के लिए किस तरह के आयोजन होने से उन्हें अपनी संस्कृति और धरोहर की पहचान को सीखने का मौका मिलता है। दीपक कौशिक द्वारा बनाई गई कलाकृति की लोगों ने खूब सराहा। इस पूर्व भी वह अनेक राज्य व राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रदर्शनी में अपनी कलात्मक दृष्टिकोण का बखूबी परिचय दे चुके हैं ।इस मौके पर युवा एवं संस्कृति कार्य विभाग उपनिदेशक डॉक्टर गुरचरण सिंह व ललित कला विभाग के वरिष्ठ चित्रकार मौजूद रहें।
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