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Saturday, June 29, 2024

भारतीय कला में जीवन का दर्शन: ओम प्रकाश चौहान

भारतीय कला में जीवन का दर्शन: ओम प्रकाश चौहान

टाबर उत्सव के प्रतिभावान छात्रों को मंच प्रदान करेगी सोसाइटी
जींद : सोल एंड स्पीरिट आर्ट सोसायटी हरियाणा ने आज कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे टाबर उत्सव में प्रतिभाशाली बच्चों को स्मृति चिन्ह और हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा दी गई सामग्री देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ओमप्रकाश चौहान वरिष्ठ साहित्यकार एवं संस्कार भारती जींद के अध्यक्ष, सोल एंड स्पीरिट आर्ट के अध्यक्ष दीपक कौशिक, मुख्य वक्ता इंद्रजीत वशिष्ठ सोल एंड स्पीरिट आर्ट सोसायटी के वरिष्ठ सलाहकार, सहसचिव सुमित कुमार मुख्य रूप से मौजूद रहे।पिछले करीब 1 महीने से बच्चों की कला को निखारने का काम कर रहे दीपक कौशिक और सुमित कुमार ने बताया कि इस टाबर उत्सव में कम से कम आधा दर्जन बच्चों ने अपनी मेहनत और कला से सभी का मन मोहने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जींद में बच्चों ने कला के प्रति जो रुचि दिखाई है वह निश्चित तौर पर सराहनीय है। हर रोज सुबह 8:00 बजे से लेकर 12 बजे तक बच्चे बिना मोबाइल के केवल कला में ध्यान देने का काम कर रहे थे। दोनों शिक्षकों ने कहा कि इन 30 दिनों में बच्चों ने ऐसी कलाकृतियां बनाई हैं जो शायद आर्ट कॉलेज में दूसरे वर्ष के छात्र भी नहीं बना सकें। दीपक कौशिक ने बताया कि सोल एंड स्पीरिट आर्ट सोसायटी अब इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि जो बच्चे इस उत्सव में अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें एक सही मंच उपलब्ध करवाया जाए ताकि वह लगातार अपनी प्रतिभा को और अधिक निखार सकें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बच्चों में कौशल पैदा करना चाहती है तो ऐसे में इस प्रकार के एक महीने के उत्सव के बाद प्रतिभाशाली बच्चों को उनका कौशल निखारने में केंद्र सरकार को भी मदद करनी चाहिए। ओम प्रकाश चौहान और इंद्रजीत वशिष्ठ ने कहा कि यह एक बड़ी बात है कि आज कोई बच्चा 4 घंटे मोबाइल से पूरी तरह से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल कोई अच्छी चीज नहीं है। इसका प्रयोग केवल उतना ही होना चाहिए जितना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मोबाइल से दूर रहकर बच्चे अपना स्वास्थ्य भी ठीक रख रहे हैं और साथ ही कला के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने बच्चों की कलाकृतियों को देखा और उनकी सराहना की।

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