‘एक समय आएगा जब...', कभी कुंभ से भगाए जाने के बाद अपनी मां से क्या बोलीं थीं हर्षा रिछारिया
Mahakumbh Harsha Richhariya: महाकुंभ जारी है और उसमें एक नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है, वो है हर्षा रिछारिया का. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर होने के साथ-साथ हर्षा ने संत से दीक्षा भी ले ली है. कहा जा रहा है कि हर्षा रिछारिया सबसे सुंदर साधवी है. दुनिया भर की सुर्खियां बटोरने के बाद अब हर्षा की मां और पिता का भी बयान सामने आया है. उनका कहना है कि हर्षा ने बचपन में कहा था कि वह एक दिन कुंभ में हाथी की सवारी करेगी और गुरुओं के साथ स्नान करेगी.
एक चैनल से बातचीत में हर्षा रिछारिया की मां ने बताया कि वह एक बुटीक चलाती हैं. उन्होंने कहा, “मुझे सब मालूम था कि मेरी बेटी ने कहां औऱ किससे दीक्षा ली है. वहीं प्रयागराज जाने के लिए उसने स्पेशल ड्रेस बनवाई थी. उसको धोती कुर्ता पहनना था. उसने जो भी ड्रेस पहना सब मैंने ही बनाया है. इसके पहले वो भोपाल में रहती थी और इवेंट मैनेजमेंट कर रही थी. कुछ दिनों पहले से हरिद्वार में रहती है और उसने गुरु दीक्षा ले रखी है. उसे योग करना, मेडिटेशन करना, भगवान महादेव की पूजा करना, सेवा करने के तरफ खूब रुझान था. वो भगवान भोलेनाथ को बहुत मानती है.”
हर्षा की मां ने बताया, “साल 2004 में उज्जैन के कुंभ में गए थे तब हर्षा छठी कक्षा में पढ़ती थी. उस समय बेटी ने कहा कि मम्मी देखना आने वाले कुंभ में एक समय ऐसा आएगा कि मैं हाथी की सवारी करूंगी. हम लोगों को पुलिस वालों ने बाहर निकाल दिया था. उस समय हर्षा ने कहा था कि आज हमको स्नान करने से बाहर कर दिया गया है, लेकिन एक समय आएगा जब हम शाही स्नान करेंगे गुरुओं के साथ. अब हमने देखा कि जब अमृत स्नान हो रहा था तो वह भी जा रही थी.” उन्होंने ये भी कहा कि हम इस महीने के आखिर तक जाएंगे कुंभ में नहाने के लिए.
यही नहीं हर्षा की मां ने ये भी कहा कि उसने सिर्फ गुरु दीक्षा ली है तो परिवार उसके लिए लड़के भी देख रहे हैं. शादी करेंगे बेटी की.
वहीं हर्षा के पिता ने बताया कि हर्षा के नाम के आगे साधवी का टैग लगाया गया वो सरासर गलत है क्योंकि उसने साधवी की दीक्षा अभी नहीं ली है. हर्षा ने गुरु दीक्षा ली है जो ग्रस्त जीवन में हर इंसान लेता है. अध्यात्म को लेकर हर्षा के पिता ने कहा, “अध्यात्म को लेकर हर किसी का झुकाव होता है. मैं खुश हूं कि बच्चे अपने कर्म धर्म हर चीज को समझ रहे हैं. इसमें मुझे कोई बुराई नहीं लगती.
हर्षा के पिता ने बताया, “वह तीन साल पहले केदारनाथ गई थी और हम सबकी बैठ कर चर्चा हुई थी तब उसने कहा था कि पापा मैं अब इस जीवन को त्यागना चाहती हूं. इससे थक चुकी हूं और दूसरी लाइन में आना चाहती हूं. इसके बाद उसने अपना एनजीओ बनाया रजिस्टर्ड कराया. कुछ समय बाद उनका काम भी शुरू हो जाएगा.”
हर्षा के पिता ने कहा, “पिछले दो दिनों से हमारी बेटी की पुरानी तस्वीरें वायरल की जा रही है. उसे ट्रोल क्या जा रहा है, लेकिन लोगों को कौन रोक सकता है. बेटी अध्यात्म की ओर मुड़ रही है तो तो प्लीज उसे ट्रोल करना बंद करें और अच्छा रास्ता दिखाएं.”
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