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सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालो पर जींद पुलिस कि पैनी नजर
फॉरवर्ड करने वाला भी दोषी, ग्रुप एडमिन भी जिम्मेदार
जींद : जींद पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया अब अपराध का मंच नहीं बनने दिया जाएगा। कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले, भड़काऊ व झूठी पोस्ट फैलाने वाले और समाज में जहर घोलने वाले तत्वों को जींद पुलिस अब किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जींद पुलिस की साइबर निगरानी टीम 24x7 सक्रिय है और हर प्लेटफॉर्म—व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब समेत हर माध्यम पर पैनी नजर रखी जा रही है। यदि कोई भी व्यक्ति नफरत, अफवाह, दहशत या वैमनस्य फैलाने का प्रयास करेगा, तो आईटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की संगीन धाराओं के तहत सीधे गिरफ्तारी होगी।
🚨जींद पुलिस की एडवाइजरी 🚨
1. फर्जी खबरें, एडिटेड वीडियो, नफरत भरे मैसेज – शेयर करना सीधा अपराध।
2. “फॉरवर्डेड” कहकर पल्ला झाड़ना अब नहीं चलेगा – कानून पकड़ कर ले जाएगा।
3. ग्रुप एडमिन जिम्मेदार – चुप्पी भी अपराध मानी जाएगी।
4. धर्म, जाति या राजनीति पर उकसाने वाली पोस्ट – देशद्रोह की श्रेणी में आ सकती हैं।
5. फेक आईडी, वीपीएन या छद्म नाम – पुलिस तकनीक से हर अपराधी को ढूंढ़ निकालेगी।
जींद पुलिस का स्पष्ट संदेश
6. अब कोई बहाना, पहचान या रसूख अपराधियों को कानून के शिकंजे से नहीं बचा सकेगा। चाहे छात्र हो या प्रोफेशनल, नेता हो या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर – कानून सब पर बराबर लागू होगा।
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