*राव नरेंद्र सिंह की जीवनी*
चंडीगढ़ – राव नरेंद्र सिंह हरियाणा कांग्रेस के नेता है और राज्य में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष है. राव नरेंद्र सिंह हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके है. इस लेख में हम आपको हरियाणा के कांग्रेस नेता व नारनौल के पूर्व विधायक राव नरेंद्र सिंह की जीवनी (Rao Narendra Singh Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
राव नरेंद्र सिंह का जन्म और परिवार (Rao Narendra Singh Birth & Family)
राव नरेंद्र सिंह हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल से है. राव नरेंद्र सिंह के पिता का नाम स्व राव बंसी सिंह है. वे भी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय थे और हरियाणा की तत्कालीन सरकार में मंत्री भी रह चुके थे. उनके भाई का नाम राव देवेंद्र सिंह है. उनके दो संतान है. राव नरेंद्र सिंह हिन्दू है. वे ओबीसी से आते है.
राव नरेंद्र सिंह का राजनीतिक करियर (Rao Narendra Singh Political Career)
राव नरेंद्र सिंह की राजनैतिक यात्रा नब्बे के दशक से शुरू हुई है. कुलदीप विश्नोई के नेतृत्व वाली पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस से राजनीति करने वाले राव नरेंद्र तीन बार के विधायक रह रह चुके है. बाद में, कांग्रेस में शामिल हो गए और राज्य की तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार के कैबिनेट का हिस्सा बने.
राव नरेंद्र सिंह वर्ष 1996 और 2000 में हरियाणा के अटेली विधानसभा क्षेत्र से चुनकर विधायक बने. इसके बाद वे वर्ष 2009 में राज्य के नारनौल विधानसभा क्षेत्र से चुने गए. हालांकि 2014 में वे कांग्रेस के टिकट पर यहाँ से फिर खड़े हुए पर हार गए. इसी बीच वे राज्य में भूपेंद्र हुड्डा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर आसीन रहे. इससे पहले वे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रह चुके है.
अब कांग्रेस ने उन्हें राज्य में बड़ी जिम्मेदारी दी है और उन्हें हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. पार्टी अध्यक्ष किसी भी पार्टी का सबसे जिम्मेदारी भरा पद माना जाता है और इसी पर पार्टी की जीत दिलाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. इतना ही नहीं राज्य स्तर पर उम्मीदवारों के बीच टिकट बटबारें में इनकी भूमिका सबसे अधिक होती है. वैसे केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका सर्वोच्च मानी जाती है पर राज्य में ये सबसे अधिक महत्वपूर्ण पद होता है. अब हरियाणा कांग्रेस को राज्य में फिर से खड़ा करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राव नरेंद्र सिंह पर आ गया है.
*कांग्रेस ने राव नरेंद्र सिंह को ही हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष क्यों बनाया*
इसे समझने के लिए पहले राव नरेंद्र के विधानसभा क्षेत्र के भूगोल को समझना आवश्यक है. नरेंद्र सिंह जिस क्षेत्र से आते है, वह हरियाणा का महेंद्रगढ़ जिला है. हरियाणा का महेंद्रगढ़ जिला उत्तर पूर्व और पश्चिम में हरियाणा के दूसरे जिले से लगता है तो दक्षिण में राजस्थान के अलवर, सीकर और जयपुर से लगता है. इसी जिले का एक अनुमंडल (सबडिवीजन) है, नारनौल है और यह क्षेत्र हरियाणा के 90 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है.
यह क्षेत्र हरियाणा का दक्षिणी भाग है और इस क्षेत्र में रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम आता है. इन तीनो जिलों में पुरे हरियाणा के 11 विधानसभा क्षेत्र आते है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि इन 11 सीटों में 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 1 सीट पर किसी तरह से जीत हासिल हुई थी. इतना ही 2014 में भी कांग्रेस की यहाँ से हार हुई थी. दोनों ही बार यहाँ से अकेले भाजपा को 10 सीटें मिली थी.
इसलिए यह तो तय है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस को मिलती लगातार हार कोई संयोग नहीं है. जाहिर है, यहाँ पार्टी अंतिम सांसे गिन रही है. ऐसे में पार्टी को आशा की किरण तब दिखी जब इस क्षेत्र से बड़े नेता के रूप में राव नरेंद्र सिंह उनकी पार्टी का हिस्सा है और राज्य के पूर्व मंत्री है. अब यही कारण है कि कांग्रेस ने जाट और दलित से हटकर ओबीसी से आने वाले राव को पार्टी का कमान सौपा है क्योकि हरियाणा का यह क्षेत्र ओबीसी बाहुल्य है.
सरकार बनाने के लिए पार्टी एक एक सीट महत्वपूर्ण है. कहते है, बून्द बून्द से तालाब भरता है, वही नियम यहाँ लागू होता है. अब जब दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में बैठे बड़े नेता हरियाणा में मिलने वाली लगातार हार और विशेषकर इस क्षेत्र की हार पर मंथन कर रही है, तब उन्हें यह लगा कि कुछ तो गड़बड़ है. अब यही कारण है कि राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा का मुखिया बनाया गया है ताकि इस क्षेत्र को मजबूत किया जा सकें और यहाँ पर भाजपा के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकें.
इस लेख में हमने आपको हरियाणा कांग्रेस नेता राव नरेंद्र सिंह की जीवनी (Rao Narendra Singh Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.
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