Breaking

Saturday, November 1, 2025

बाल विवाह रोकने की कवायद, देवउठनी ग्यारस पर होने वाली शादियों पर रहेगी विशेष नजर

बाल विवाह रोकने की कवायद, 
देवउठनी ग्यारस पर होने वाली शादियों पर रहेगी विशेष नजर
जींद : देवउठनी ग्यारस पर सामाजिक प्रथा बाल विवाह होने का अंदेशा बना रहता है, जो बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी अपराध है । हालांकि पिछले तीन-चार वर्षों की बात की जाए तो लगातार बाल विवाह के मामलों में कमी आई है। बावजूद इसके जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम किसी भी स्तर पर कोर-कसर छोडऩा नही चाह रही है। देवउठनी ग्यारस पर जिलाभर में विवाह समारोहों की धूम रहेगी और युवा भी खूब विवाह बंधन में बंधेंगे। ऐसे में देवउठनी ग्यारस पर होने वाले सामूहिक विवाह की आड़ में कुछ बाल विवाह भी हो सकते हैं। जिसके चलते जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम की विशेष नजर रहेगी। इसमें लड़के की आयु 21 वर्ष से कम तथा लड़की की आयु 18 वर्ष की आयु से कम पाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके साथ-साथ अब बाल विवाह के केस में पोक्सो एक्ट का केस दर्ज करवाने का प्रावधान भी कर दिया गया है। 
जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता के दिशा-निर्देशन में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं और MDD आफ इंडिया NGO का भी सहयोग लिया जा रहा है। हालांकि जिले में बाल विवाह पिछले वर्षों के मुकाबले घट रहे हैं जोकि लोगों की जागरूकता के कारण ही संभव हुआ है। टीम ने सभी से निवेदन किया है कि वह अपने अपने कार्यों के साथ-साथ विवाह में लड़का-लड़की के जन्म से संबंधित कागजात मंगवा कर देखें ताकि पता लग सके कि दोनों बालिग हैं या नहींं। बाल विवाह से संबंधित सूचना तुरंत महिला हैल्पलाइन नंबर 181, 112 नंबर या 88140-11559 पर दें ।

No comments:

Post a Comment