18 जनवरी को परिवहन मंत्री आवास पर अम्बाला छावनी में न्याय मार्च करके समस्याओं बारे अवगत करवाएंगे रोड़वेज कर्मचारी*
*बड़े आंदोलन का होगा ऐलामोर्च
जींद : हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चे के पूर्व में घोषित कार्यक्रम अनुसार आज जींद डिपो में गेट मीटिंग राममेहर रेढू, जितेंद्र लाठर, रमेश
कुमार, अनिल गौतम की अध्यक्षता में की गई।संचालन नीतीश शर्मा ने किया। गेट मीटिंग में शामिल कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए सांझा मोर्चे के वरिष्ठ सदस्य अनूप लाठर, दिनेश हुड्डा, जगदीप लाठर, श्रीभगवान लाठर, सुशील इक्कश, संदीप रंगा ने बताया कि प्रदेश सरकार छात्र,छात्राओं एवम आम व्यक्ति की पसंद सुरक्षित एवम सस्ती परिवहन सेवा का निजीकरण करके पूंजीपतियों के हवाले कर रही हैं। योजना की ठेके की इलेक्ट्रिक बसों व ठेके की किलोमीटर स्किम की बसों को रोड़वेज विभाग में बिना मांग के लगातार शामिल किया जा रहा। योजना की ठेके की बसों से रोड़वेज विभाग को घाटा हो रहा हैं। दूसरी ओर मंत्री एवम विधायक अपने अपने विधानसभा के हर गांव में सरकारी बसों चलवाने के आदेश रोडवेज़ अधिकारियों दिए जा रहे हैं। जबकी रोड़वेज विभाग के पास सभी गाँवो में सरकारी बस भेजने के लिए पर्याप्त बसे नही हैं।आज रोड़वेज विभाग में चालक,परिचालकों की बहुत कमी हैं। बसों की मुरम्मत करने के लिए कर्मचारी ना के बराबर रहे गए हैं। चालक, परिचालकों की कमी एवम बसों मरमत समय पर न होने के कारण बसे खड़ी रहती हैं।रोड़वेज विभाग में आज हजारों पद खाली पड़े हैं। आम जनता को परिवहन सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा हैं। प्रदेश की जनसंख्या के आधर पर सरकार नई सरकारी बसों को खरीदकर रोड़वेज बेड़े में शामिल करे।जिससे हजारों बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा।आज रोड़वेज विभाग में चालक,परिचालकों व कर्मशाला के कर्मचारियों की कमी होने के कारण मौजूदा कर्मचारियों पर काम बोझ बहुत बढ़ गया हैं। कर्मचारियों का शारीरिक एवम मानशिक उत्पीड़न किया जा रहा हैं। आम जनता की विपरीत परिस्थितियों में दिन रात सेवा करने वाले रोड़वेज कर्मचारियों की अनेक समस्याओं व मांगो को सरकार जायज मानकर यूनियन नेताओ से समझौता तो लगातार कर रही है परन्तु उन जायज मांगो को लागू नही कर रही हैं।जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा हैं। कर्मचारियों की मुख्य मांगो में धुन्ध,बारिश एवम कोरोना काल जैसे विपरीत समय मे जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। ऑनलाइन तबादला नीति के स्थान विभाग एवम कर्मचारी हित की आपसी तबादला नीति को पुनः अपनाया जाए।चालको, परिचालक,लिपिक,स्टोर किपर,कैशियर के पद का पे ग्रे बढ़ाया जाए। देय अर्जित अवकाश कटौती पत्र को वापिस लेकर पूर्व की तरह देय अर्जित अवकाश दिए जाए। 2002 के चालको को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए एवम पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाए। सभी प्रकार की पूर्ण प्रकिया करने वाले 2016 के चालको को पक्का किया जाए। अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके चालको को प्रमोशन दी जाए। वंचित 2008 के परिचालकों को उपनिरीक्षक के पद पर प्रमोशन की जाए। कर्मशाला के 2018 के ग्रुप द के कर्मचारियों को कॉमन कैडर से बाहर करके तकनीकी पदो पर प्रमोशन दी जाए। जुत्ता भत्ता,शिक्षा भत्ता, वर्दी भत्ता महंगाई अनुसार बढ़ाया जाए। दादरी डिपो के 52 हेल्परो सहित सभी प्रकार के का कच्चे कर्मचारियों की पॉलिसी बनाकर पक्का किया जाए। कोरोना समय मे खड़ी ठेके की बसों को पेमेन्ट करने के आदेश रद्द करने पूरे मामले की जांच की जाए। बकाया बोनस का भुगतान किया जाए। सभी डिपो के सभी मार्गो का पुनः सर्वे करवाया जाए। चालक परिचालकों से आठ घण्टे की ड्यूटी ली जाए। आठ घण्टे की ड्यूटी से अधिक ड्यूटी का ओवर टाईम दिया जाए। अनेक मांगे हैं जिन्हें सरकार जायज मानती हैं परंतु लागू नही कर रही हैं। सरकार समय रहते बातचीत माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं को हल करे।अगर सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नही किया तो प्रदेश भर के सभी डिपो के रोड़वेज कर्मचारी 18 जनवरी 2026 को अम्बाला छावनी में परिवहन मंत्री के आवास पर न्याय मार्च निकालेंगे ओर बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी। गेट मीटिंग में मुख्य रूप से राजकुमार रधाना, बलकार रेढू, जसबीर चहल, विजय कुमार, मनदीप रेढू, ओमवीर, पवन मलिक, सतपाल लोहान, नरेश कुमार, जयभगवान खरब, जोगेंद्र सिंह आदि शामिल हुए।
कुमार, अनिल गौतम की अध्यक्षता में की गई।संचालन नीतीश शर्मा ने किया। गेट मीटिंग में शामिल कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए सांझा मोर्चे के वरिष्ठ सदस्य अनूप लाठर, दिनेश हुड्डा, जगदीप लाठर, श्रीभगवान लाठर, सुशील इक्कश, संदीप रंगा ने बताया कि प्रदेश सरकार छात्र,छात्राओं एवम आम व्यक्ति की पसंद सुरक्षित एवम सस्ती परिवहन सेवा का निजीकरण करके पूंजीपतियों के हवाले कर रही हैं। योजना की ठेके की इलेक्ट्रिक बसों व ठेके की किलोमीटर स्किम की बसों को रोड़वेज विभाग में बिना मांग के लगातार शामिल किया जा रहा। योजना की ठेके की बसों से रोड़वेज विभाग को घाटा हो रहा हैं। दूसरी ओर मंत्री एवम विधायक अपने अपने विधानसभा के हर गांव में सरकारी बसों चलवाने के आदेश रोडवेज़ अधिकारियों दिए जा रहे हैं। जबकी रोड़वेज विभाग के पास सभी गाँवो में सरकारी बस भेजने के लिए पर्याप्त बसे नही हैं।आज रोड़वेज विभाग में चालक,परिचालकों की बहुत कमी हैं। बसों की मुरम्मत करने के लिए कर्मचारी ना के बराबर रहे गए हैं। चालक, परिचालकों की कमी एवम बसों मरमत समय पर न होने के कारण बसे खड़ी रहती हैं।रोड़वेज विभाग में आज हजारों पद खाली पड़े हैं। आम जनता को परिवहन सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा हैं। प्रदेश की जनसंख्या के आधर पर सरकार नई सरकारी बसों को खरीदकर रोड़वेज बेड़े में शामिल करे।जिससे हजारों बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा।आज रोड़वेज विभाग में चालक,परिचालकों व कर्मशाला के कर्मचारियों की कमी होने के कारण मौजूदा कर्मचारियों पर काम बोझ बहुत बढ़ गया हैं। कर्मचारियों का शारीरिक एवम मानशिक उत्पीड़न किया जा रहा हैं। आम जनता की विपरीत परिस्थितियों में दिन रात सेवा करने वाले रोड़वेज कर्मचारियों की अनेक समस्याओं व मांगो को सरकार जायज मानकर यूनियन नेताओ से समझौता तो लगातार कर रही है परन्तु उन जायज मांगो को लागू नही कर रही हैं।जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा हैं। कर्मचारियों की मुख्य मांगो में धुन्ध,बारिश एवम कोरोना काल जैसे विपरीत समय मे जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। ऑनलाइन तबादला नीति के स्थान विभाग एवम कर्मचारी हित की आपसी तबादला नीति को पुनः अपनाया जाए।चालको, परिचालक,लिपिक,स्टोर किपर,कैशियर के पद का पे ग्रे बढ़ाया जाए। देय अर्जित अवकाश कटौती पत्र को वापिस लेकर पूर्व की तरह देय अर्जित अवकाश दिए जाए। 2002 के चालको को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए एवम पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाए। सभी प्रकार की पूर्ण प्रकिया करने वाले 2016 के चालको को पक्का किया जाए। अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके चालको को प्रमोशन दी जाए। वंचित 2008 के परिचालकों को उपनिरीक्षक के पद पर प्रमोशन की जाए। कर्मशाला के 2018 के ग्रुप द के कर्मचारियों को कॉमन कैडर से बाहर करके तकनीकी पदो पर प्रमोशन दी जाए। जुत्ता भत्ता,शिक्षा भत्ता, वर्दी भत्ता महंगाई अनुसार बढ़ाया जाए। दादरी डिपो के 52 हेल्परो सहित सभी प्रकार के का कच्चे कर्मचारियों की पॉलिसी बनाकर पक्का किया जाए। कोरोना समय मे खड़ी ठेके की बसों को पेमेन्ट करने के आदेश रद्द करने पूरे मामले की जांच की जाए। बकाया बोनस का भुगतान किया जाए। सभी डिपो के सभी मार्गो का पुनः सर्वे करवाया जाए। चालक परिचालकों से आठ घण्टे की ड्यूटी ली जाए। आठ घण्टे की ड्यूटी से अधिक ड्यूटी का ओवर टाईम दिया जाए। अनेक मांगे हैं जिन्हें सरकार जायज मानती हैं परंतु लागू नही कर रही हैं। सरकार समय रहते बातचीत माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं को हल करे।अगर सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नही किया तो प्रदेश भर के सभी डिपो के रोड़वेज कर्मचारी 18 जनवरी 2026 को अम्बाला छावनी में परिवहन मंत्री के आवास पर न्याय मार्च निकालेंगे ओर बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी। गेट मीटिंग में मुख्य रूप से राजकुमार रधाना, बलकार रेढू, जसबीर चहल, विजय कुमार, मनदीप रेढू, ओमवीर, पवन मलिक, सतपाल लोहान, नरेश कुमार, जयभगवान खरब, जोगेंद्र सिंह आदि शामिल हुए।
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