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Saturday, December 27, 2025

केन्द्र सरकार से मांग पंजाब स्थित दीवान टोडरमल जैन की ऐतिहासिक हवेली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए : डॉ . राजकुमार गोयल

केन्द्र सरकार से मांग पंजाब स्थित दीवान टोडरमल जैन की ऐतिहासिक हवेली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए : डॉ . राजकुमार गोयल 
जींद : अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रमुख समाजसेवी डा. राजकुमार गोयल ने केंद्र सरकार, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से पुरजोर मांग की है कि पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद शहर में स्थित दीवान टोडरमल जैन की ऐतिहासिक हवेली जिसे जहाज हवेली के नाम से जाना जाता है, को शीघ्र राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए और इसका वैज्ञानिक संरक्षण एवं संवर्धन किया जाए।
गोयल ने कहा कि दीवान टोडरमल जैन भारतीय इतिहास में त्याग, साहस, करुणा और मानवता के ऐसे अद्वितीय प्रतीक हैं जिनका नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। मुगल काल के दौरान जब सरहिंद में गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी को अत्यंत अमानवीय यातनाएं दी गई और उनके अंतिम संस्कार के लिए भूमि तक देने से इनकार कर दिया गया तब दीवान टोडरमल जैन जी ने मानव धर्म निभाते हुए अपने धन से स्वर्ण मुद्राएँ बिछाकर भूमि खरीदी और उनका विधिवत अंतिम संस्कार कराया। उन्होंने कहा कि उस दौर में सत्ता और भय के वातावरण में ऐसा साहसिक कदम महान व्यक्तित्व ही उठा सकता था।
दीवान टोडरमल जैन जी का यह कार्य केवल एक धार्मिक कर्म नहीं बल्कि मानवता, सांप्रदायिक सौहार्द और धर्मनिरपेक्षता का महान उदाहरण है जो आज भी पूरे देश को प्रेरणा देता है। गोयल ने कहा कि दीवान टोडरमल जैन जी की हवेली केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं है बल्कि यह उस महान इतिहास की सजीव साक्षी है जिसने भारत की सांस्कृतिक चेतना को नई दिशा दी। दुर्भाग्यवश समय के साथ इस ऐतिहासिक हवेली की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है और यदि शीघ्र संरक्षण के ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह अमूल्य धरोहर नष्ट होने की कगार पर पहुँच सकती है।
उन्होंने कहा कि देश की अनेक ऐतिहासिक इमारतों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर संरक्षित किया गया है, उसी तर्ज पर दीवान टोडरमल जैन की हवेली को भी राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा मिलना चाहिए ताकि इसका संरक्षण, जीर्णोद्धार और शोध कार्य व्यवस्थित रूप से हो सके और आने वाली पीढ़ियां इस गौरवशाली इतिहास से परिचित हो सकें। गोयल ने कहा कि यह पूरे देश की सांझा सांस्कृतिक विरासत को बचाने की राष्ट्रीय आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र सकारात्मक निर्णय लिया जाए।

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