haryana news
June 25, 2020
लग्जरी गाड़ियां बेचने का मामला / 7 से 10 दिन में हो जाते थे कागजात तैयार; आधी से भी कम कीमत में बेचते थे गाड़ियां
लग्जरी गाड़ियां बेचने का मामला / 7 से 10 दिन में हो जाते थे कागजात तैयार; आधी से भी कम कीमत में बेचते थे गाड़ियां
चरखी दादरी : लगातार जिले में चोरी की लग्जरी गाड़ियां बरामद हो रही हैं। यह चोरी की गाड़ियां कारोबारी, प्रोपर्टी डीलर व ऊंची पहुंच वालों के पास मिल रही हैं। गाड़ियों के इस कारोबार नेटवर्क को चलाने वाले सरगना के एक और साथी को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया।
गुरुग्राम एसटीएफ इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि उन्होंने फर्जी आरसी बनवाने वाले तीसरे आरोपी महम के गांव सैमाण निवासी रमेश बामल को दबोच लिया है।
रमेश बामल अपने साथी अमित महम व प्रवीण दादरी के साथ मिलकर फर्जी आरसी बनवा कर चोरी की लग्जरी गाड़ियों को बेचता था। जिससे जिले में चोरी की लग्जरी गाड़ी रखने वालों के नाम उजागर होने की पूरी संभावना है। बुधवार को पुलिस ने रमेश बामल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया। जहां से उसे 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
*2 दर्जन से अधिक गाड़ियां चोरी होने के सबूत हाथ लगे*
गुरुग्राम एसटीफ ने अब तक जिले से 18 लग्जरी गाड़ियां रिकवर की हैं जो ज्यादातर इन्हीं लोगों के पास से मिली हैं। वहीं जिले में करीब दो दर्जन से अधिक ओर ऐसी लग्जरी गाड़ियां है जिनके चोरी के होने के सबूत हाथ लगे हैं और यह एसटीएफ की राडार पर आ गई हैं। ऐसे में पिछले एक सप्ताह से ये गाड़ियां सड़कों पर दिखाई नहीं दे रही हैं।
*40 से 50 लाख रुपये कीमत हैं गाडि़यां*
एसटीएफ ने अब तक 18 चोरी की लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। लेकिन दो दर्जन से अधिक अन्य लग्जरी गाड़ियां भी राडार पर हैं। ये गाड़ियां ज्यादातर शहर के लोहारू रोड पर ज्यादा दिखाई देती थी। लेकिन जब तक एसटीएफ ने दादरी का रूख किया है एक सप्ताह से यह दिखाई देनी बंद हो गई हैं। ये गाड़ियां 40 से 50 लाख रुपये कीमत की हैं। जिनके नंबर भी वीवीआईपी हैं।
कर्मचारी फर्जी सेल लेटर व नकली मोहर रखते थे।
*एसटीएफ के हत्थे चढ़े*
महम एसडीएम कार्यालय के तीनों कर्मचारियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह छुट्टी वाले दिन फर्जी आरसी बनाने का कार्य करते थे। जो चोरी की गाड़ियों के फर्जी सेल लेटर बनाते थे और नकली मोहर भी रखते थे। वहीं फर्जी आरसी बनाने के बाद जैसे ही गाड़ी बेचते उसे वहीं पर ट्रांसफर करवा देते थे। ताकि वहीं के नंबर मिलने से कोई शक न हो सके कि यह चोरी की गाड़ियां हैं।
*100 करोड़ से अधिक कीमत की 200 गाड़ियां बेच चुके हैं*
एसटीएफ के हत्थे चढ़े आरोपियों से हुए खुलासे में पता चला है कि रैकेट के लोग करीब 100 करोड़ से अधिक कीमत की 200 गाड़ियां बेच चुके हैं। जिन्हें रैकेट के सदस्य करीब 30 से 40 करोड़ रुपये में बेच चुके हैं। यानि कि जो गाड़ी की असली कीमत है उससे आधी या उससे भी कम रुपयों में यह गाड़ी बेची गई हैं।
*दो दर्जन से अधिक लग्जरी गाड़ी राडार पर*
गुरुग्राम एसटीएफ इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि दादरी से अब तक 18 लग्जरी गाड़ी रिकवर की हैं। अब दो दर्जन से अधिक लग्जरी गाड़ी राडार पर हैं। जिन्हें जल्द ही रिकवर किया जाएगा। फिलहाल काफी ऐसी गाड़ियां हैं जो एक सप्ताहभर से अंडर ग्राउंड कर दी गई हैं। यह ज्यादातर गाड़ियां 40 से 50 लाख कीमत की हैं और नंबर भी वीवीआईपी हैं।