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Monday, June 1, 2020

June 01, 2020

निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग की नसीहत के साथ फिर नई गाइडलाइन हुई जारी, अब शिकायत का समाधान जिला शिक्षा अधिकारी करेगे

(मनोज)हरियाणा सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि निजी स्‍कूल जून से रेगुलर फीस की वसूली कर सकेंगे। अब तक इस पर रोक लगी हुई थी। सरकार ने निजी स्कूलों के लिए कई गाइडलाइंस जारी की है। वही पहले के आदेशो को मानने के निर्देश दिए गए है कि  स्‍कूल मासिक ट्यूशन फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। इसके साथ ही वे मासिक फीस के साथ किसी भी तरह का अघोषित शुल्‍क नहीं ले पाएंगे। यदि ऐसा नही होता है तो शिकायत का समाधान जिला शिक्षा अधिकारी करेगे 

Saturday, May 30, 2020

May 30, 2020

खुलेंगे स्कूल / स्थिति ठीक रही तो एक जुलाई से स्कूल खोलने के लिए हरियाणा की पूरी तैयारी, मास्क लगाकर आएंगे विद्यार्थी

हरियाणा ने पहले भी केंद्र से की थी 50 फीसदी बच्चों के साथ स्कूल खोलने की सिफारिश

चंडीगढ़: केंद्र सरकार की गाइड लाइन जारी होने के बाद हरियाणा ने भी अपनी प्लानिंग बनाई है। में एक जुलाई शैक्षणिक संस्थान खुल सकते हैं। क्योंकि शिक्षा विभाग 50 प्रतिशत बच्चों के साथ क्लास शुरू करने की पहले ही केंद्र से सिफारिश कर चुका है। अब केंद्र ने जून में शिक्षण संस्थान खोलने के लिए राज्य सरकारों से फीडबैक मांगा है तो हरियाणा इसके लिए पहले ही तैयार है।

विभाग की ओर से एक जुलाई से स्कूल खुलने पर कोर्स पूरा कराने की भी प्लानिंग बना चुका है। स्कूलों के बच्चों की 43 दिनों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। ऐसे में विभाग की प्लानिंग है कि 16 दिनों सर्दी की छुटि्टयां रद्द की जाएंगी। इसके साथ हर माह के एक शनिवार का अवकाश नहीं होगा।

इसके अलावा अगस्त और सितंबर में बच्चों की दो घंटा अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। इससे 40-41 दिन की अतिरिक्त पढ़ाई होने से अप्रैल-मई में बच्चों की प्रभावित हुई शिक्षा पूरी हो जाएगी। बता दें कि राज्य में करीब 52 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहें हैं। इधर, कॉलेजों को लेकर भी सरकारी की पूरी तैयारी है। देखना यह होगा कि कोचिंग सेंटरों के लिए क्या फीडबैक आता है।

इंटर स्टेट बॉर्डर खोलने से पहले विचार करेगी सरकार: विज

केंद्र सरकार की ओर से अब इंटर स्टेट और इंटर डिस्ट्रिक्ट के लिए पास अनिवार्यता खत्म कर दी है। परंतु इसके लिए परिस्थिति के अनुसार राज्यों को भी निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। हरियाणा में दिल्ली से सटे जिलों में संक्रमण ज्यादा है। ऐसे में सरकार इंटर स्टेट बॉर्डर खोलने के लिए विचार करेगी। अभी बॉर्डर सील किए हुए हैं। फिर भी गुड़गांव, फरीदाबाद और सोनीपत में केस सबसे ज्यादा मिल रहें हैं। हरियाणा को दिल्ली से खतरा है। इसलिए हरियाणा सरकार में इसमें गहन मंथन होना तय है। गृह मंत्री अनिल विज कह चुके हैं कि दिल्ली से ही ज्यादा संक्रमण हरियाणा में आ रहा है। विज का कहना है कि केंद्र ने राज्यों पर बॉर्डर खोलने या बंद रखने का निर्णय छोड़ा है। इसलिए सरकार इस विचार करेगी कि क्या किया जाए।

सितंबर के टेस्ट हो सकते हैं रद्द

विभाग का मानना है कि एक जुलाई से स्कूल खुलने से बच्चों का कोर्स पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन सितंबर में होने वाले टेस्ट रद्द किए जा सकते हैं। क्योंकि पहले बच्चों का कोर्स पूरा कराना होगा।

यह बरती जाएगी एहतियात : 

स्कूल खुलने पर बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य किया जाएगा। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जाएगी। इसके अलावा स्कूलों में सेनिटाइज की व्यवस्था की जाएगी। बुखार, खांसी-जुकाम आदि से पीड़ित बच्चे का स्कूल में आना वर्जित रहेगा।

हम स्कूल खोलने के लिए प्लानिंग बना चुके हैं। यदि परिस्थिति ठीक रहती है तो एक जुलाई से स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं। बच्चों की 43 दिनों की प्रभावित पढ़ाई को पूरा करने के लिए भी तैयारी हो चुकी है-कंवरपाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री।
May 30, 2020

हरियाणा सरकार के फीस संबंधी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे स्कूल, ट्यूशन फीस याचिका निपटी

(मनोज)चंडीगढ़: हरियाणा के निजी विद्यालयों की एसोसिएशन (निसा) द्वारा फीस को लेकर हरियाणा सरकार की ओर से जारी आदेश को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब कर लिया है। याचिका दाखिल करते हुए निसा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने एडवोकेट पंकज मानी के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना वायरस के चलते स्कूल कई दिनों से बंद हैं।

इसी दौरान हरियाणा सरकार की ओर से प्रशासनिक आदेश जारी करते हुए कहा गया कि स्कूल फॉर्म 6 के अनुरूप फीस में वृद्धि नहीं करेंगे और ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य फीस फिलहाल नहीं वसूली जाएगी। याचिकाकर्ता ने बताया कि हरियाणा के नियम के अनुरूप फॉर्म 6 के अनुसार स्कूलों को फीस वृद्धि तथा इसे वसूलने का अधिकार है। जो नियम बनाए गए हैं उन नियमों में केवल एक प्रशासनिक आदेश के माध्यम से संशोधन नहीं किया जा सकता।

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने बताया कि स्कूलों के पास भवन की देखरेख तथा अन्य प्रकार के खर्च के लिए केवल फीस ही एकमात्र माध्यम होती है। ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने तथा ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंतजाम करने के लिए फंड की व्यवस्था बिना फीस वसूल नहीं की जा सकती। याचिका में बताया गया है कि स्कूल खुलने के बाद स्कूल को आधारभूत सुविधा, बच्चों की सुरक्षा, स्टाफ व स्कूल को सैनिटाइज करने पर काफी खर्च करना पड़ेगा।

दूसरी तरफ कोरोना के चलते मार्च माह के बाद स्कूल को बच्चों से फीस भी नही आई है। जिस कारण काफी स्कूल आर्थिक संकट में है। सरकार स्कूलों को कोई छूट या आर्थिक सहायता देने के बदले उन पर बंदिश लगा कर नियमों के खिलाफ काम कर रही है।

निशा ने कहा- डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट से नहीं चलते स्कूल

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत फंड न लेने व फीस न बढ़ाने के आदेश जारी किए है जो कानून के अनुरूप अनुचित है। स्कूल हरियाणा शिक्षा नियम से चलते हैं न कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत। सभी स्कूलों को एक जनवरी तक अपना फार्म 6 शिक्षा विभाग को भरकर देना होता है।

जिसमें स्कूल की आर्थिक स्थिति, जरूरत व अन्य जानकारी होती है। स्कूलों ने फार्म छह में नए सत्र से फीस बढ़ाने की योजना थी। जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। लेकिन अब सरकार इस तरह के आदेश जारी कर अपने आदेश की अवहेलना कर रही है।  याची पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार या अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है।

केवल ट्यूशन फीस वसूल करने की अनुमति से जुड़ी याचिका का निपटारा

निजी स्कूलों द्वारा लॉक डाउन के दौरान की सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूलने और दूसरे फंडों की वसूली पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका का पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संस्था अपनी इस मांग को लेकर शिकायत निवारण कमेटी के चेयरमैन के पास जाए। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने बाल क्रांति ट्रस्ट द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा सरकार 23 अप्रैल को यह आदेश जारी कर चुकी है और इसी आदेश को निजी स्कूलों ने तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर कर चुनौती दी है। यह याचिकाएं अभी विचाराधीन हैं ऐसे में हाईकोर्ट आदेश जारी करे कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस वसूल न करें। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा ही उत्तराखंड का एक मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।  ऐसे में हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता है ।

वैसे भी इस याचिका में किसी भी निजी स्कूल को प्रतिवादी पक्ष नहीं बनाया गया है। हाईकोर्ट ने कमेटी के चेयरमैन को शिकायत पर गौर कर जल्द कार्रवाई किए जाने के आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया है।

Thursday, May 28, 2020

May 28, 2020

एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत वेबिनार (ऑनलाइन संगोष्ठी) का हुआ आयोजन

(मनोज)चंडीगढ़, 28 मई- हरियाणा संस्कृत अकादमी ने प्रदेश मुख्यालय में ‘संस्कृत,-संस्कृति एवं स्वास्थ्य संरक्षण’ विषय पर एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत वेबिनार (ऑनलाइन संगोष्ठी) का आयोजन किया। इस आयोजन में देश एवं विदेश के प्रसिद्ध संस्कृत विद्वानों और शोधार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संगोष्ठी में 1000 के लगभग  संचार तकनीकी के माध्यम से प्रतिभागी सम्मिलित हुए।
         संगोष्ठी का शुभारम्भ अकादमी निदेशक डॉ. सोमेश्वर दत्त शर्मा द्वारा वैदिक मंत्रों से किया गया। उन्होंने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा पूर्णतया वैज्ञानिक और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण भाषा है। प्रसिद्ध चिकित्सा विज्ञानियों आचार्य चरक, श्रुसुत आदि द्वारा लिखे चिकित्सा ग्रंथों में हर एक रोग का निदान है। उन्होंने सभी से इस महामारी से निपटने के लिये योग, संयम और अनुशासन का प्रमुख रूप से पालन करने की कही।
         संगोष्ठी में कनाडा से डॉ. ऋषि राम आचार्य ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। संस्कृत विद्वान और डीएवी महाविद्यालय पेहोवा, कुरुक्षेत्र के प्राचार्य डॉ. कामदेव झा प्राचार्य ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की।
         डॉ. कामदेव झा ने अपने बताया कि संस्कृत भाषा बहुत सरल, सरस और मधुर है।  चौ. बंसीलाल राजकीय महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर जयपाल शास्त्री ने संगोष्ठी की शुरुआत की। उन्होंने संस्कृत के महान विद्वानों के तत्कालीन उदाहरणों के माध्यम से संस्कृत की महत्ता पर प्रकाश डाला 
         आहार विशेषज्ञ डॉ. शिवा कुमारी ने आज के समय में उचित खानपान और सावधानियों के बारे में बताया। डॉ. पीयूष अग्रवाल ने संगोष्ठी में शामिल हुए सभी विद्वानों एवं शोधार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।