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Saturday, May 30, 2020

हरियाणा सरकार के फीस संबंधी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे स्कूल, ट्यूशन फीस याचिका निपटी

(मनोज)चंडीगढ़: हरियाणा के निजी विद्यालयों की एसोसिएशन (निसा) द्वारा फीस को लेकर हरियाणा सरकार की ओर से जारी आदेश को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब कर लिया है। याचिका दाखिल करते हुए निसा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने एडवोकेट पंकज मानी के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना वायरस के चलते स्कूल कई दिनों से बंद हैं।

इसी दौरान हरियाणा सरकार की ओर से प्रशासनिक आदेश जारी करते हुए कहा गया कि स्कूल फॉर्म 6 के अनुरूप फीस में वृद्धि नहीं करेंगे और ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य फीस फिलहाल नहीं वसूली जाएगी। याचिकाकर्ता ने बताया कि हरियाणा के नियम के अनुरूप फॉर्म 6 के अनुसार स्कूलों को फीस वृद्धि तथा इसे वसूलने का अधिकार है। जो नियम बनाए गए हैं उन नियमों में केवल एक प्रशासनिक आदेश के माध्यम से संशोधन नहीं किया जा सकता।

इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने बताया कि स्कूलों के पास भवन की देखरेख तथा अन्य प्रकार के खर्च के लिए केवल फीस ही एकमात्र माध्यम होती है। ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने तथा ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंतजाम करने के लिए फंड की व्यवस्था बिना फीस वसूल नहीं की जा सकती। याचिका में बताया गया है कि स्कूल खुलने के बाद स्कूल को आधारभूत सुविधा, बच्चों की सुरक्षा, स्टाफ व स्कूल को सैनिटाइज करने पर काफी खर्च करना पड़ेगा।

दूसरी तरफ कोरोना के चलते मार्च माह के बाद स्कूल को बच्चों से फीस भी नही आई है। जिस कारण काफी स्कूल आर्थिक संकट में है। सरकार स्कूलों को कोई छूट या आर्थिक सहायता देने के बदले उन पर बंदिश लगा कर नियमों के खिलाफ काम कर रही है।

निशा ने कहा- डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट से नहीं चलते स्कूल

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत फंड न लेने व फीस न बढ़ाने के आदेश जारी किए है जो कानून के अनुरूप अनुचित है। स्कूल हरियाणा शिक्षा नियम से चलते हैं न कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत। सभी स्कूलों को एक जनवरी तक अपना फार्म 6 शिक्षा विभाग को भरकर देना होता है।

जिसमें स्कूल की आर्थिक स्थिति, जरूरत व अन्य जानकारी होती है। स्कूलों ने फार्म छह में नए सत्र से फीस बढ़ाने की योजना थी। जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। लेकिन अब सरकार इस तरह के आदेश जारी कर अपने आदेश की अवहेलना कर रही है।  याची पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार या अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है।

केवल ट्यूशन फीस वसूल करने की अनुमति से जुड़ी याचिका का निपटारा

निजी स्कूलों द्वारा लॉक डाउन के दौरान की सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूलने और दूसरे फंडों की वसूली पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका का पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संस्था अपनी इस मांग को लेकर शिकायत निवारण कमेटी के चेयरमैन के पास जाए। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने बाल क्रांति ट्रस्ट द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा सरकार 23 अप्रैल को यह आदेश जारी कर चुकी है और इसी आदेश को निजी स्कूलों ने तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर कर चुनौती दी है। यह याचिकाएं अभी विचाराधीन हैं ऐसे में हाईकोर्ट आदेश जारी करे कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस वसूल न करें। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा ही उत्तराखंड का एक मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।  ऐसे में हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता है ।

वैसे भी इस याचिका में किसी भी निजी स्कूल को प्रतिवादी पक्ष नहीं बनाया गया है। हाईकोर्ट ने कमेटी के चेयरमैन को शिकायत पर गौर कर जल्द कार्रवाई किए जाने के आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया है।

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