Breaking

Showing posts with label agar news. Show all posts
Showing posts with label agar news. Show all posts

Wednesday, January 27, 2021

January 27, 2021

Fwd: किसान आंदोलन में उपद्रव करने वालों पर हरियाणा सरकार सख्त, सीएम ने दिए कड़े आदेश


किसान आंदोलन में उपद्रव करने वालों पर हरियाणा सरकार सख्त, सीएम ने दिए कड़े आदेश

चंडीगढ़ : किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के दौरान दिल्ली में असामाजिक तत्वों की अराजकता के बाद हरियाणा मंत्रिमंडल की मंगलवार देर रात बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट ने लाल किले पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज की जगह कोई दूसरा झंडा फहराए जाने की घटना की कड़ी निंदा की। बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि लोकतंत्र में मतभेदों को दूर करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है, लेकिन कोई भारतीय यह किसी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकता कि लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज के अलावा कोई दूसरा झंडा फहराया जा सके। कैबिनेट ने फैसला किया कि हरियाणा में असामाजिक व अराजक तत्‍वों से सख्‍ती से निपटा जाएगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर परेड के दौरान हुई घटना की निंदा की गई। इसमें किसानों खासकर हरियाणा के किसानों से अनुरोध किया गया कि वे अपने घरों को लौट जाएं। कैबिनेट ने क‍हा कि इस समय इस बात की बेहद जरूरत है कि हम मिलकर असामाजिक तत्वों के नापाक इरादों को विफल करें तथा पूरे देश व राज्य में शांति बनाए रखें। इससे पहले मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य में शांति बनाए रखने तथा उपद्रवी लोगों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की रणनीति पर चर्चा की।


पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एट होम कार्यक्रम के दौरान राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से भी मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रुख से  साफ नजर आ रहा है कि सरकार अब असामाजिक तत्वों के विरुद्ध किसी तरह की ढिलाई करने के मूड में कतई नहीं है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज के अलावा कोई दूसरा झंडा फहराने का मतलब हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और देश के लोगों का अपमान है। शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग तथा शौर्य का तमाशा बनाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। दिल्ली में शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए किसान संगठनों ने गहन आश्वासन दिए थे।


उन्‍होंने कहा कि आज की घटनाओं से साफ पता चलता है कि इस किसान आंदोलन पर अब किसी का कंट्रोल नहीं है। आंदोलन का नेतृत्व उन हाथों में चला गया है, जिनकी कथनी और करनी में भारी अंतर है। अब किसानों को गहन मंथन करने की जरूरत है कि उनका आंदोलन किस दिशा में और किनके हाथों में जा रहा है।