स्पेशल स्टोरी (हितेश) जी हाँ, बिल्कुल ठीक देखा आपने, आप जिस कम्पनी मे कल तक वर्क फ्रॉम होम काम कर रहे थे आज आपको उस कम्पनी से बिना किसी कारण के निकाल दिया गया है और आपका अनुभव पत्र ईमेल से साथ मे भेज दिया गया है तो आप क्या करेगे ?
ऐसा ही कुछ हो रहा आज के कोरोना काल मे जहा एक ओर नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के निजी और सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारियों की भी चिंता की है। केंद्र सरकार ने इन क्षेत्रों की कंपनियों से कहा है वे इस संकट की घड़ी में कर्मचारियों की न ही छंटनी करें और न ही उनका वेतन काटें।
पिछले दिनों लेबर सेक्रेटरी हीरालाल सामरिया ने भी सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी पत्र में कहा था कि कोरोना वायरस से पैदा संकट के बीच कर्मचारियों की सहूलियतों का ध्यान रखना जरूरी है। सभी पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों को सुझाव दिया जाता है कि वे इस दौरान किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करेंगे और न ही उनका पैसा काटेंगे। अगर कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है तो भी वह ड्यूटी पर माना जाएगा। नियमित और संविदा दोनों तरह के स्टाफ की सेवा सुरक्षा का ख्याल रखा जाए।
लेबर सेक्रेटरी ने कहा था कि इस विपरीत परिस्थिति में अगर किसी कर्मचारी को टर्मिनेट किया जाता है तो इससे स्थिति और खराब होगी। किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई इस महामारी से लड़ने में उसकी इच्छाशक्ति को कम करेगा। लेबर सेक्रेटरी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अपने राज्य में स्थित निजी और सार्वजनिक कंपनियों को इस संबंध में दिशा-निदेर्श जारी करने को कहा भी कहा था |
एक ही कम्पनी ने 15,000 से ज्यादा कर्मचारियो को निकाला
जिसके कुछ दिनों के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी वितीय सुधारो के लिए आर्थिक मदद के पैकेज का ऐलान किया था | लेकिन आज हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ के पास कुछ लोगो के कॉल व ईमेल आते है और बताया जाता है कि हमारी कम्पनी ने पुरे देश से लगभग 15,000 से ज्यादा कर्मचारियो को बिना किसी कारण के , बिना किसी पूर्व सुचना के , घर से काम करते करते निकाल दिया | ये कर्मचारी महीने के 20,000 से 80,000 रूपये तक लेने वाले है | आप सोच सकते है कि जो व्यक्ति कमा रहा है अपने परिवार का पेट पाल रहा है उस पर क्या बीत रही होगी |
क्या करती है ये कम्पनी
ये कम्पनी कर्नाटका की ऑनलाइन कम्पनी है जो अपना कुछ नही बनाती लेकिन जहा समान बनता है उनसे समान खरीदती है या बड़े ब्रांड्स से ज्यादा समान अच्छे डिस्काउंट के साथ खरीद लेती है | जिसको देशभर के छोटे व्यापारियो को बेचती है | जैसे आप बड़ी बड़ी ई-कॉमर्स Amazon या Flip-kart से आप किसी भी तरह के सामान को निजी प्रयोग के लिए मंगवा सकते हो | ठीक उसी तरह इस कम्पनी से कोई भी व्यापारी किसी भी तरह के सामान को आगे बेचने के लिय मंगवा सकता है |
क्या करते थे ये कर्मचारी
ये कर्मचारी उक्त कर्नाटका की ऑनलाइन कम्पनी के लिए देश भर के दुकानदारो से सम्पर्क करते थे, उनको कम्पनी के साथ जोड़ते थे व कम्पनी से समान खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते थे | केवल हरियाणा प्रदेश मे उक्त कम्पनी औसत 2 से 3 करोड़ रूपये का समान बेच रही थी |
इतनी बड़ी खबर लेकिन किसी भी राष्ट्रिय चैनल या अखबार मे क्यों नही
क्योकि देश भर मे काम कर रहे ये 15000 से ज्यादा कर्मचारी सीधे तौर से कम्पनी के कर्मचारी नही थे, ये सब काम कम्पनी की अधिकारिक वेबसाइट के माद्यम से करते थे लेकिन तृतीय पक्ष नियोजन (Third Party Employment) के तहत लगे हुए थे | जिसमे एक से अधिक कम्पनियो से माद्यम से कर्मचारियो को लिया गया था| लेकिन राष्ट्रिय चैनल या अखबारों तक ये खबर कैसे नही पहुची इस बारे हम कोई कटाक्ष नही कर सकते | लेकिन हमने सोशल मीडिया होने के नाते इस खबर को प्रमुखता से तथ्यों के साथ प्रकाशित कर रहे है |
हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ परिवार देश के तमाम कंपनियो से अपील करता है कि इस मुसीबत कि घडी मे किसी कर्मचारी को निकाल कर पेट पर लात मत मारिये , पहले भी इन कर्मचारियो के बलबूते आप बड़ी कम्पनी बने है| आज का कोरोना काल स्थाई नही है लेकिन आपके कर्मचारी आपकी स्थाई दौलत है जो जीवनभर आपकी कम्पनी के लिए दिन रात खून पसीने की मेहनत से काम करेगी | हम अपील करते है देश व प्रदेश की सरकारों से इस तरह की कम्पनियो के खिलाफ आप भी उचित कार्यवाही कीजिये या दिशा निर्देश दीजिए ताकि आम आदमी इस मुसीबत की दलदल से बहार आ सके |
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