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Monday, May 11, 2020

नए उद्योग लाने व बंद पड़े उद्योगों को पुन: संचालित करने के प्रयास हुए तेज, जानिए आपके जिले मे किस उद्योग का बनेगा कलस्टर -हरियाणा सरकार

(मनोज)चण्डीगढ़, 10 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के कारण बंद पड़े उद्योगों को पुन: संचालित व उद्योग को बढ़ावा देने, निवेशकों को आकृषित करने और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा किये जा रहे है| पुन: संचालित करने के लिए सरल हरियाणा पोर्टल saralharyana.gov.in पर अनुमति व पास देने का कार्य शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों का पंजीकरण हो और सरकार के पास समुचित डाटा उपलब्ध हो ताकि भविष्य की योजनाएं बनाते समय भी इसे  उपयोग में लाया जा सके।

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55,935 उद्योगों को मिल चुकी पुन: संचालन की अनुमति

          इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में वर्तमान में स्थापित लगभग 1 लाख 16 हजार 700 लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग हैं तथा अब तक पोर्टल पर 55,935 उद्योगों ने पुन: संचालन की अनुमति के लिए आवेदन किया है, जिसमें 21 लाख 86 हजार 98 कर्मियों को पुन: काम मिलेगा। इनमें शहरी क्षेत्र में 35,572 उद्योग तथा ग्रामीण क्षेत्र में 20,246 उद्योग स्थित हैं। इनके अलावा, 608 उद्योग इन-सिटू वाले भी हैं।
          प्रवक्ता ने बताया कि इन 25 श्रमिकों तक की संख्या वाले उद्योगों की संख्या 43,653 है, जबकि 25 से 200 श्रमिकों तक की संख्या उद्योगों की संख्या 10,186 है। इसी प्रकार, 200 से अधिक श्रमिकों की संख्या वाले उद्योगों की संख्या 1979 है। उन्होंने बताया कि अब तक 34,375 उद्योगों को काम करने की अनुमति दी जा चुकी है, जिसमें 15 लाख 48 हजार 574 कर्मियों को काम मिला है। इनमें 18,816 उद्योग शहरी क्षेत्रों में हैं, जिसमें 8,02,825 कर्मियों को काम मिला है। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 11,842 उद्योग में 4,97,828 कर्मियों को काम मिला है।
          उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, 558 इन-सिटू उद्योगों को भी काम करने की अनुमति दी गई है, जिसमें कुल 26,546 कर्मियों को काम मिला है। इनमें शहरी क्षेत्रों  के 294 उद्योग में 13,574 कर्मियों तथा ग्रामीण क्षेत्र के 264 उद्योगों में 12,972 कर्मियों को काम मिला है। इसी प्रकार, राज्य में 1448 ईंट भटठों के संचालन की अनुमति भी दी गई है, जिनमें 2,08,046 कर्मी काम पर लौटे हैं।

लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम 11 मई, 2020 से करे सामान्य स्थिति की तरह उत्पादन

        उप-मुख्यमंत्री जिनके पास  श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम 11 मई, 2020 से शत प्रतिशत अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की तरह उत्पादन आरम्भ करे। उन्होंने बताया कि सभी कामगारों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतू एप्प अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा तथा सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर मास्क, सेनिटाइजेशन व लॉकडाउन के अन्य नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग वर्कस वाले उद्योगों को भी शीघ्र ही खोलने की अनुमति होगी।

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जिलों मे बनेगे उद्योग कलस्टर 

 प्रदेश सरकार द्वारा क्लस्टर योजना बनाई गई है, ताकि कोई भी उद्योग केवल एक जिले तक सीमित न रहे, बल्कि सभी 22 जिलों में उद्योगों का विस्तार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बुनायदी ढ़ांचे जैसे सडक़ और रेल की व्यवस्था, जो भी आवश्यक होगा उसे पूरा किया जाएगा। 
  योजना की बारीकियों से अवगत करवाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 22 जिलों के अंदर विशेष तौर पर गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत यह ऐसे जिले हैं, जहां पहले से उद्योग चल रहे हैं। शेष जिलों में भी उद्योगों का विस्तार हो इसके लिए यह योजना बनाई गई है।

हर जिले मे अलग उद्योग 

        उन्होंने कहा कि सिरसा जिले में कृषि का अच्छा उत्पाद होता है तो वहां फूड प्रोसेसिंग के यूनिट के साथ ही कपड़ा उद्योग का कलस्टर तैयार करने के लिए योजना बनाएंगे। फतेहाबाद और जींद जिले में कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योग, लोहा और इस्पात उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
        उन्होंने कहा कि हिसार जिले में लोहा और इस्पात का पहले से अच्छा उद्योग है उसी को और अधिक बढ़ाया जाएगा। इसी प्रकार, भिवानी में कपड़ा उद्योग पहले से चल रहा है, इसको और बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही, खाद्य आधारित उद्योगों का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला सरसों का क्षेत्र है और वहां तेल की मिलें अधिक हैं तो इसी उद्योग को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, ऑटो कॉम्पोनेंट्स उद्योग भी लगाए जाएंगे।
        उन्होंने कहा कि रेवाड़ी जिले में ऑटो कॉम्पोनेंट्स, कपड़ा उद्योग, नूंह जिले में फार्मास्यूटिकल और केमिकल इंडस्ट्री, अंबाला में वैज्ञानिक उपकरण, पंचकूला में आईटी एवं आईटी- सक्षम सेवाओं, सोनीपत में कृषि एवं खाद्य आधारित और ऑटोमोबाइल कॉम्पोनेंट्स, फरीदाबाद में ऑटो कॉम्पोनेंट्स, निर्माण और इंजीनियरिंग, कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योगों और चरखी दादरी में तेल की मिलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
        उन्होंने कहा कि यमुनानगर में पहले से ही प्लाईवुड और इस्पात की फैक्ट्रियां है, इसे ही बढ़ावा दिया जाएगा। इसी प्रकार, कुरुक्षेत्र में पेपर मिल, कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योग लगाए जाएंगे। पानीपत में कपड़ा उद्योग पहले से चल रहा है, इसके साथ ही कृषि एवं खाद्य आधारित उद्योगों को बढ़ाया जाएगा। झज्जर में फुटवियर उद्योग विशेषकर बहादुरगढ़ में इस उद्योग का और अधिक विस्तार किया जाएगा। रोहतक में इंजीनियरिंग यूनिट्स को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
        उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल, ऑटो कॉम्पोनेंट, आईटी एवं आईटी- सक्षम सेवाओं, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग इन सबका विस्तार किया जाएगा। करनाल में कृषि एवं खाद्य आधारित, पैकेजिंग, फार्मास्यूटिकल उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
      
        उन्होंने कहा कि हरियाणा के नागरिकों को रोजगार के योग्य बनाने के लिए उनका कौशल विकास करना आवश्यक है और हरियाणा का एकमात्र श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल में युवाओं को कौशल परिक्षण करके उन्हें रोजगार योग्य बनाया जा रहा है ताकि विभिन्न प्रकार के उद्योगों में उनको काम मिले।

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