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Thursday, June 4, 2020

स्टार्टअप के लिए एक वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरिज की शुरुआत

चंडीगढ़, 4 जून-  कोविड-19 के दौरान विभिन्न संगठनों पर पड़े व्यावसायिक प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने स्टार्टअप इंडिया के सहयोग से वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज की शुरुआत की है। राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न लाभ प्रदान करके उद्यमियों और युवाओं की सहायता के लिए एक गतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम को स्थापित करने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है।
          इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने स्टार्टअप इंडिया के साथ मिलकर शुरुआती चरण के स्टार्टअप के लिए एक वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरिज की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य संकट के समय में अपने-अपने स्थानों से मेंटर्स और स्टार्टअप को एक-दूसरे के साथ जुडऩे का एक सुरक्षित सलाह मंच प्रदान करना है।
        प्रवक्ता ने बताया कि वर्चुअल मेंटरशिप वर्कशॉप सीरीज़ का उद्देश्य स्टार्टअप्स के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने और विशेष रूप से वैश्विक संकट के मद्देनजर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में उनकी मदद करना है। उन्होंने बताया कि यह तीन महीने का कार्यक्रम है, जो शुरुआती चरण के स्टार्टअप के लिए उद्योग के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने, उनके ज्ञान और विशेषज्ञता से सीखने तथा अपने कारोबार में तेजी लाने के लिए रणनीति तैयार करने का एक अवसर प्रदान करता है।
          उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में समूह सत्र और व्यक्तिगत सत्र शामिल हैं। समूह सत्र स्टार्टअप को मेंटर्स के ज्ञान और अनुभव से सीखने और अन्य स्टार्टअप के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करते हैं, जबकि व्यक्तिगत सत्र स्टार्टअप को उनके स्टार्टअप से जुड़े विशेष मुद्दों पर मेंटर्स के साथ बातचीत करने में मदद करते हैं।
        उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में व्यवसाय मॉडलिंग, उत्पादों / सेवा का आवश्यकता विश्लेषण, कराधान, कानून और वित्त पोषण की मूल बातों, डिजिटल विपणन, व्यापार निरंतरता आदि जैसे विषयों पर सत्र शामिल हैं, जो शुरुआती दौर में स्टार्टअप्स के लिए उपयोगी होते हैं।
        उन्होंने बताया कि विभाग ने कोविड-19 संकट के दौरान 8 मई, 2020 को ‘व्यापार निरंतरता’ विषय पर पहला सत्र आयोजित किया था। उसके बाद 18 मई, 2020 को कराधान / कानूनी आधार विषय पर दूसरा सत्र आयोजित किया गया था।
        प्रवक्ता ने बताया कि जून और जुलाई महीनों के सत्र भी निर्धारित किए गए हैं, जिनमें डिजिटल मार्केटिंग आवश्यकता, फंडिंग टिप्स, पिच डेक प्रिपरेशन, निवेशक संबंध प्रबंधन, कराधान / कानूनी रणनीतियाँ और अन्य प्रासंगिक विषयों को कवर किया जाएगा।

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