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Tuesday, July 21, 2020

सरकार ने अस्थायी कैडर के 9500 जेबीटी को दी राहत,अब तबादलों में ले सकेंगे हिस्सा

सरकार ने अस्थायी कैडर के 9500 जेबीटी को दी राहत,अब तबादलों में ले सकेंगे हिस्सा 2017 में हुए थे नियुक्त,1259 को नौकरी से हटाकर एडहॉक पर दी थी नियुक्ति



चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने 2017 में नियुक्त जेबीटी को बड़ी राहत दी है। ये शिक्षक अब स्कूल शिक्षा विभाग की तबादला प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इन्हें नियुक्ति के 3 साल पूरा होने पर तबादलों में हिस्सा लेने की छूट प्रदान की है। इससे लगभग 9500 जेबीटी लाभान्वित होंगे। मौलिक शिक्षा निदेशक प्रदीप कुमार ने  इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
शिक्षा निदेशालय जल्दी जेबीटी की तबादला प्रक्रिया शुरू करने वाला है। बीते वर्ष भी इन शिक्षकों ने तबादलों में शामिल होने की अनुमति मांगी थी,लेकिन कोर्ट केस के कारण नहीं मिल पाई। मई 2020 में इनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है, जिसे देखते हुए इस बार इनकी मांग पूरी कर दी गई। हालांकि, इन जेबीटी को अभी स्थायी जिले नहीं मिल पाए हैं। ये अस्थायी तौर पर ही जिलों के स्कूलों में कार्यरत हैं। इन जेबीटी की ज्वाइनिंग जिलों में स्वीकृत पदों से अधिक हुई है। जिस कारण यह सरप्लस भी हैं।

कैडर चेंज पॉलिसी के तहत करना होगा आवेदन


इन जेबीटी शिक्षकों को जल्दी शुरू होने वाली तबादला प्रक्रिया में अपना विकल्प कैडर चेंज पॉलिसी 2018 के तहत भरना होगा। जेबीटी रजनी ने स्कूल शिक्षा विभाग से तबादला प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का आग्रह किया था। उस पर विचार करते हुए निदेशक ने पत्र जारी किया है। जिसके अनुसार तबादला प्रक्रिया जल्दी शुरू होने वाली है।

पूरा मामला

सरकार ने जेबीटी के 9870 पदों की भर्ती निकाली थी। जिसे पूरा कर मई 2017 में लगभग 9400 चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग दे दी गई। इस पर आपत्ति जताते हुए 2013 में एचटेट पास अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए। जिस पर इन्हें भी भर्ती में शामिल करने का निर्णय सुनाया गया। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने संयुक्त चयन सूची निकाली, जिसके हिसाब से चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 12731 हो गई। इसे देखते हुए विभाग ने वरिष्ठता सूची में नीचे शामिल 1250 जेबीटी को नौकरी से निकाल दिया। इनकी नियुक्ति मई 2017 में हुई थी व एक माह बाद जून में नौकरी चली गई। हालांकि, इन शिक्षकों को विभाग ने दिसंबर 2017 में एडहॉक में नियुक्त कर दिया। इन्हें अभी स्थायी नियुक्ति नहीं मिली है।

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