ओम प्रकाश धनखड़ की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी से बदले समीकरण अब मंत्रिमंडल में नान जाट चेहरों
को वरीयता देगा आलाकमान
चंडीगढ़। हरियाणा में लंबे समय से चली आर रही खींचतान के बीच प्रदेश अध्यक्ष का फैसला हो गया है। सुभाष बराला के स्थान पर पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को आलाकमान ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। अमित शाह की पहली पसंद होने के बावजूद कैप्टन अभिमन्यु की बात नहीं बन पाई। अंदरखाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल कैप्टन अभिमन्यु को किसी कीमत पर नहीं चाह रहे थे।
इस रस्साकशी में धनखड़ के नाम पर सहमति बनी और धनखड़ की संगठन के माध्यम से हरियाणा की सक्रिय राजनीति में दमदार वापसी हुई है। बादली से चुनाव हारने के बाद से यह बात चल रही थी कि धनखड़ को एडजस्ट करना है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र होने और जेपी नड्डा के साथ नजदीकियां धनखड़ के काम आईं।
जल्द ही हरियाणा में संगठन को मजबूत करने की कवायद में धनखड़ जुटे हुए नजर आएंगे। फिलहाल जाट चेहरे को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के बाद अब मंत्रिमंडल में एडजस्टमेंट के समीकरण बदल गए हैं।
मंत्रिमंडल में नान जाट चेहरों को प्राथमिकता
मंत्रिमंडल विस्तार में नान जाट चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। हरियाणा सरकार में फिलहाल दो मंत्री बनने हैं। जिसमें से एक पद जजपा के खाते में और एक पद भाजपा के खाते में जाएगा। ऐसे में नान परफार्मिंग मंत्रियों को किनारे कर सरकार कुछ नए चेहरों को आगे लाने की तैयारी कर रही है। दो पद पहले से ही खाली हैं। दो और नियुक्तियों पर कैंची चल सकती है। पिछली सरकार में भी दो मंत्रियों का काम संतोषजनक न होने के कारण उन्हें हटाया गया था। बहरहाल जुलाई के बाद किसी भी समय मंत्रिमंडल विस्तार संभव है।
मंत्रिमंडल विस्तार जब भी होगा बता दिया जाएगा। गठबंधन सरकार में दोनों घटक बैठ कर तय कर लेंगे कि किसे-किसे मंत्री बनाना है। जब भी निर्णय होगा बता दिया जाएगा।
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