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Monday, July 20, 2020

कुरुक्षेत्र :केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, सड़क पर नजर आए ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर

हरियाणा:केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, सड़क पर नजर आए ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर

कुरुक्षेत्र : शाहाबाद मंडी में चारों तरफ नजर आ रहे किसानों के ट्रैक्टर

प्रदेशभर में किसान यूनियन के बैनर तले हुआ विरोध प्रदर्शन

कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे में दिखा जोरदार ट्रैक्टर प्रदर्शन


हरियाणा के अलग-अलग जिलों में सोमवार को किसानों ने केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इन अध्यादेश के विरोध में किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर निकले। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद कस्बे में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने इसकी अगुवाई की। सुबह 10 बजे शुरू हुआ यह प्रदर्शन दोपहर 1 बजे खत्म हुआ। इस दौरान सड़क पर ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आए। 

केंद्र सरकार के इन अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं किसान

पहले कानून के मुताबिक हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। 

अनाज, दालों, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी गई है। 

सरकार कांट्रेक्ट फॉर्मिंग को बढावा देने की बात कह रही है।

क्या कहते हैं किसान नेता

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि किसान की फसल यदि मंडी की बजाए बाहर खरीदने की छूट मिल जाएगी तो मंडियों में व्यापारियों का होने वाल कंपीटिशन खत्म हो जाएगा। फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। इस कानू से जहां हरियाणा व पंजाब की मंडियां खत्म हो जाएगी, वहीं किसानों की फसल मंडीकरण से पूर्व पुराने जमाने की तरह औने-पौने दाम पर बिकेंगी। व्यापारी मनमर्जी तरीके से लूट मचाएंगे। 

कुछ खाद्य पदार्थों को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इनकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी है। चढूनी कहते हैं कि बड़े उद्योगपति व पूंजीपति लोग इनका अत्यधिक भंडारण करके इन चीजों की कालाबाजारी करेंगे। जैसे कई वर्षों पहले प्याज में किया गया था। इससे वे लोग देश की जनता का खून निचोड़ेंगे। 

कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग पर गुरनाम चढूनी का कहना है कि कंपनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बनकर रह जाएगा। उसके सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग की गाइडलाइन में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तक का कोई जिक्र नहीं है।

चढूनी बोले सरकार वापस ले अध्यादेश

गुरनाम चढूनी ने सोमवार को शाहाबाद मंडी में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश में यह प्रदर्शन सफल रहा है। सरकार को इस किसान विरोध अध्यादेश को वापस लेना चाहिए। एसडीएम किरण का कहना था कि हमने ज्ञापन ले लिया है, इसे सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा। 

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