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Wednesday, July 29, 2020

सालों से अधर में लटका है यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के रेट का मुद्दा, हाईकोर्ट ने कहा

सालों से अधर में लटका है यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के रेट का मुद्दा, हाईकोर्ट ने कहा- इससे जुड़े लोग बैठकर इसे देख लें वरना फिर हम तो देखेंगे ही


चंडीगढ़: 2008 में लांच हुई यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम अभी तक पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ पाई है।अधर में लटकी इस स्कीम को कब आधार मिलेगा इस आस में न जाने कितने यूटी इम्प्लाइज जाने कबसे बैठें हैं।दरअसल, हाउसिंग स्कीम के अधर में लटकने का एक सबसे बड़ा कारण है इसके रेट जो हैं वो तय नहीं हो पा रहे हैं।बताया जाता है कि, हाउसिंग बोर्ड की ओर से निकाली गई इस स्कीम में 7827 लोगों ने एप्लाइ किया था जिसमें साल 2010 में हाइकोर्ट के दखल देने पर ड्रा कराया गया आए 3930 इम्प्लाइज स्कीम में नामित हुए।

अब तो हाइकोर्ट के सहारे इम्प्लाइज..


यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग वेल्फेयर
 सोसायटी चण्डीगढ के महासचिव डॉ० धर्मेन्द्र का कहना है कि, हाउसिंग स्कीम के रेट का मुद्दा अब हाइकोर्ट पहुँच गया है।डॉ० धर्मेन्द्र ने बताया कि, हाइकोर्ट ने बीते मार्च महीने में इस मामले पर इससे जुड़े लोगों को बैठकर निष्कर्ष निकालने को कहा था।हाइकोर्ट ने निर्देशित किया था कि केन्द्र सरकार के एडिशनल सोलिसीटर जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता भारत सरकार के गृहसचिव से निर्देश लेकर एक मीटिंग कन्वीन करें जिसमें चण्डीगढ प्रशासन के सलाहकार और चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन के साथ-साथ याचिकाकर्ताओं की तरफ से उनके तीन प्रतिनिधि भी शामिल हों। यह छह सदस्यीय कमेटी मीटिंग में रेट के मामले का हल निकालें अन्यथा हाईकोर्ट  इस पर अपना फैसला करेगा और फिर सम्बन्धित दोषी अफसरों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

कोरोना के चलते न हो सकी मीटिंग और न ही सकी सुनवाई


डॉ० धर्मेन्द्र के अनुसार, कोई निष्कर्ष न निकलने पर हाइकोर्ट ने जा चुकी तारीख 12 मई को सुनवाई करने को कहा था लेकिन कोरोना के चलते न मीटिंग हो सकी और न ही सुनवाई।फिलहाल अब फिर से 1 सितम्बर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है जहां उससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने लम्बित मामले की गम्भीरता को समझते हुए रेट के मुद्दे पर फैसला करने के लिए 04-08-2020 तारीख निर्धारित की है।अब देखना यह है कि इस 6 सदस्यीय टीम की मीटिंग में क्या फैसला होता है।डॉ० धर्मेन्द्र ने बताया कि पटीशनर्स की तरफ से वह, डॉ ब्रह्म प्रकाश यादव, और सरदार बलविन्दर सिंह शामिल होंगे ।

हमें पुराने रेट पर ही फ्लैट चाहिए, हमारे पास नई कीमतों में पैसा नहीं


डॉ धर्मेन्द्र ने बताया कि लगभग सभी इम्प्लाइज ब्राशर रेट/पुराने रेट पर फ्लैटों की मांग कर रहे हैं क्योंकि 2008 में स्कीम के लांच करने के समय कर्मचारियों के वेतन के हिसाब से फ्लैटों के रेट तय किये गये थे लेकिन अब अचानक से रेट बढ़ा दिए गए हैं।अब नए रेट के अनुसार इम्प्लाइज करोडों रुपये कहाँ से दें।इतने महंगे फ्लैट तो आई.ए.एस अधिकारी भी नहीं खरीद सकते । डॉ धर्मेन्द्र ने कहा कि समय इतना निकल चुका है कि इस बीच हमारे दो से तीन दर्जन के करीब इम्प्लाइज तो अपने इन फ्लैटों की उम्मीद में दुनिया ही छोड़ गये हैं और 300 के लगभग स्कीम में सफल उम्मीदवार /इम्प्लाइज रिटायर हो चुके हैं।

स्कीम जब लांच हुई तो इम्प्लाइज ने इतना पैसा जमा किया था


स्कीम लांच होने के समय इम्प्लाइज ने चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के पास 57 करोड़, 82 लाख,30 हजार 400/- रुपये जमा कराए थे लेकिन चण्डीगढ प्रशासन के 4-5 सलाहकार और चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के 4-5 चेयरमैन बदलने के बाद भी आज तक स्कीम सिरे नहीं चढ़ी ।
डॉ० ब्रह्मप्रकाश यादव, डॉ० धर्मेन्द्र और सरदार बलविन्दर ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि भारत सरकार के गृह सचिव के साथ 04-08-2020 को होने वाली मीटिंग में फलदायी नतीजे सामने आएंगे ।

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