रेवाड़ी मे मंदिर बंद, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था बरकरार बंद दरवाजे की चौखट पर धूप-अगरबत्ती लगा कर रहे पूजा-अर्चना प्रसाद विक्रेता उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, न मास्क और न सेफ्टी
रेवाड़ी, 14 जुलाई (पंकज कुमार ) कोरोना महामारी के चलते देश के सभी मंदिर व धार्मिक स्थल के दरवाजे अभी बंद है, लेकिन धार्मिक स्थल बंद होने के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था बरकरार है। श्रद्धालु बंद दरवाजे की चौखट पर ही ज्योत जलाकर भगवान को भोग लगा रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा आज रेवाड़ी में देखने को मिला, जहां श्रद्धालु यहां के प्राचीन हनुमान मंदिर के समक्ष जुटे हुए थे और बंद दरवाजे की चौखट पर प्रसाद रखकर हनुमान को भोग अर्पित कर रहे थे। इतना ही नहीं मंदिर में बढ़ते श्रद्धालुओं को देखते हुए प्रसाद विक्रेता ने मंदिर के पास पैर जमाने शुरू कर दिये हैं। आज अधिकतर प्रसाद विके्रता बिना मास्क व सेनिटाइजर आदि सेफ्टी के प्रसाद तोलते दिखाई दिये।
गौरतलब है कि शहर के बड़ा तालाब स्थित हनुमान जी का बहुत पुराना मंदिर है। जिसमें शहर के अलावा जिला के सैकड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को हजारों की संख्या में यहां हनुमान के दर्शन करने व प्रसाद चढ़ाते है। लेकिन जब से कोरोना के चलते लॉकडाउन हुआ है, तभी से इस मंदिर के कपाट भी बंद है। हालांकि सरकार ने बाजार आदि खोलने के आदेश तो दे दिये, लेकिन अभी मंदिर व धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं है। पिछले साढ़े तीन माह से बंद उक्त मंदिर के समक्ष अब श्रद्धालु जुटने लग गए हैं। जिससे लगता है कि कोरोना पर आस्था भारी है। आज भी सैकड़ों लोग मंदिर के समक्ष पहुंचे और चौखट पर ही भोग व धूप लगाकर भगवान के प्रति आस्था प्रकट की।
प्रसाद विक्रेता उड़ा रहे नियमों की धज्जियां: मंदिर के समक्ष श्रद्धालुओं के आवागमन को देखते हुए प्रसाद विक्रेता भी लौट आए हैं और अपनी-अपनी रेहड़ियां प्रसाद से भर दी है। लेकिन प्रसाद विके्रता सरकार की गाइडलाइन का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं। आज दर्जनों प्रसाद की रेहड़िया लगी हुई, जिसमें से अधिकतर दुकानदार बिना मास्क के ही प्रसाद तोल रहा था। प्रसाद विक्रेता नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।
पुलिस रोकने की बजाए श्रद्धालुओं को जागरूक कर चली भी गई: सूचना पाकर भाड़ावास पुलिस चौकी मंदिर के पास पहुंची, लेकिन उन्हें रोकने की बजाए सचेत व जागरूक कर लौट गई। पुलिसकर्मियों ने श्रद्धाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, चोर से सचेत रहने व प्रसाद वितरित न करने को कहा। लेकिन बिना मास्क के दुकानदारी कर रहे प्रसाद विक्रेताओं को पुलिस ने कुछ नहीं कहा। जिससे उनका भय खत्म हो गया।
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