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Monday, August 10, 2020

लोकायुक्त में पहुंचा जुर्माना वसूली का मामला अधिकारी जमा नहीं करा रहे जुर्माने के 2.27 करोड़ डिफाल्टरों में कई प्रदेश के एचसीएस भी शामिल,

लोकायुक्त में पहुंचा जुर्माना वसूली का मामला अधिकारी जमा नहीं करा रहे जुर्माने के 2.27 करोड़ डिफाल्टरों में कई प्रदेश के एचसीएस भी शामिल, 

चंडीगढ़। हरियाणा के 1726 जनसूचना अधिकारी जुर्माना राशि के 2.27 करोड़ रुपये जमा नहीं करा रहे हैं। इन्हें वर्षों पहले यह जुर्माना लगाया गया था। अब इन जनसूचना अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त के पास शिकायत पहुंच गई है। राशि न देने वालों में एचसीएस अधिकारी व कई अन्य उच्च अधिकारी शामिल हैं।
लोकायुक्त को 24 जुलाई को शपथ पत्र व आरटीआई दस्तावेजों सहित दी शिकायत में आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने आरोप लगाया है कि अधिकांश सूचना अधिकारी न तो सूचनाएं देते हैं न ही राज्य सूचना आयोग से लगे जुर्माना की राशि राजकोष में जमा करा रहे हैं। 
राज्य सूचना आयोग ने वर्ष 2006 से दिसंबर 2019 तक राज्य जनसूचना अधिकारियों पर कुल 3,50,54,740 रुपये जुर्माना लगाया था। इसमें से 1726 जनसूचना अधिकारियों ने वर्षों बीतने पर भी 2.27 करोड़ जमा नहीं कराए। सरकार के आदेशों का भी इन पर कोई अमल नहीं हुआ।
कपूर ने लोकायुक्त से 2.27 करोड़ रुपये ब्याज सहित वसूलने, जनसूचना अधिकारियों की एसीआर में विपरीत टिप्पणी दर्ज करने, जुर्माना वसूली के लिए राज्य सूचना आयोग में विशेष प्रकोष्ठ बनाने व वसूली न करने वाले अफसरों को दंडित करने की मांग की है।

एचसीएस समेत अधिकारी भी नहीं भर रहे जुर्माना

13 एचसीएस अफसरों समेत,तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद जींद, तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद हांसी, तत्कालीन संपदा अधिकारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण जींद, तत्कालीन बीडीपीओ यमुनानगर, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता यूएचबीवीएन पानीपत, तत्कालीन चेयरपर्सन आईटीटीआर खानपुर कलां, तत्कालीन बीडीपीओ करनाल, तत्कालीन तहसीलदार सोनीपत, तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नगर निगम पंचकूला,  तत्कालीन डीएफएससी करनाल, तत्कालीन डीआरओ गुरुग्राम, तत्कालीन बीडीपीओ गन्नौर तत्कालीन प्रिंसिपल डीआईईटी हिसार, तत्कालीन डीटीपी टाउन कंट्री प्लानिंग विभाग, तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नगर निगम यमुनानगर, तत्कालीन भूमि अधिग्रहण अधिकारी गुरुग्राम, तत्कालीन अधीक्षक निदेशालय स्कूल शिक्षा विभाग, तत्कालीन डीएफएसओ पलवल, तत्कालीन प्रिंसिपल यासीन मेव डिग्री कॉलेज मेवात, तत्कालीन डीआरओ रोहतक, तत्कालीन सचिव नगर निगम फरीदाबाद जुर्माना नहीं भर रहे हैं।

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