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Sunday, August 16, 2020

आर्थिक तंगी से मजदूरी कर रही थी गोल्ड मेडलिस्ट बेटी, अभय चौटाला 15 हजार रुपये देंगे मासिक

आर्थिक तंगी से मजदूरी कर रही थी गोल्ड मेडलिस्ट बेटी, अभय चौटाला 15 हजार रुपये देंगे मासिक

चण्डीगढ़ : हरियाणा में खेल नीति को सरकार भले ही बढ़ा चढ़ाकर बताती हो, लेकिन जो हालात खिलाड़ियों के हैं वो किसी से छुपे नहीं है। मामला रोहतक के महम इलाके इंदरगढ़ गांव का है। यहां पर इस बेटी के घर गोल्ड, सिल्वर मेडलों का ढेर लगा हुआ है, लेकिन आर्थिक तंगी में कोई भी मदद करने को तैयार ना था। जब ये बेटी मनरेगा मजूदरी पर निकली तब जाकर आंखें खुली। मीडिया ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया तो कुछ राहत मिली।

इस बेटी की आर्थिक तंगी की जानकारी जब अभय चौटाला के बड़े बेटे करण चौटाला को मिली तो उन्होंने फोन पर बात की। इसके बाद करण चौटाला ने वुशु खिलाड़ी शिक्षा को दस हजार रुपये मासिक सहायता देने का ऐलान किया। अब जब अभय चौटाला खुद पहुंचे तो वुशु खिलाड़ी को 15 हजार रुपये मासिक देने की बात कही।

इंदरगढ़ गांव की वुशू खिलाड़ी शिक्षा 56 और 60 किलोग्राम भार वर्ग में 9 बार नेशनल और 24 बार स्टेट लेवल पर गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीत चुकी है। शिक्षा के पिता दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। खिलाड़ी शिक्षा को खेल विभाग से कैश अवार्ड और एससी स्कॉलरशिप का इंतजार था, लेकिन वो नहीं आ रही थी। जिसके बाद शिक्षा ने मनरेगा में दिहाड़ी करनी शुरु कर दी।

शिक्षा ने बताया कि विभाग की तरफ से जब भी पूछा गया तो पैसे नहीं आने की बात कही गई। इसके बाद परिवार की भी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है कि वह अपनी डाइट के लिए घर से गुजारा कर सके, इसके लिए शिक्षा ने फिर दिहाड़ी मजदूरी का रास्ता अपना लिया।

शिक्षा ने दो बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वूशु चैंपियनशिप एमडीयू की अगुआई की है और सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। एमडीयू रोहतक के खेल निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने कहा कि खिलाड़ियों को तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। वूशु खिलाड़ी शिक्षा को जल्द आर्थिक मदद दी जाएगी।

हालांकि जैसे ही मामला मीडिया में आया तो केंद्रीय खेल मंत्री ने हरियाणा की इस खिलाड़ी को पांच लाख रुपये की मदद की मंजूरी दी। 22 साल की खिलाड़ी के लिए यह राशि पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष के जरिये मंजूर की गई।

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