ऑनलाइन बैठक:एफपीओ को कार्य विस्तार के लिए दी जाएगी 15 लाख तक की इक्विटी ग्रांट, एफपीओ के माध्यम से किसानों के बढ़ेंगे आय के साधन: डीसी
कैथल: डीसी सुजान सिंह ने बुधवार को उद्यान विभाग की जिला स्तरीय निगरानी कमेटी की ऑनलाइन बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि अधिक से अधिक किसानों को जागरूक किया जाए कि वे अपनी परंपरागत फसल को छोड़कर एफपीओ के माध्यम से फूलों, शहद व मशरूम आदि की खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। सरकार की ओर से इस योजना से जुड़ने वाले किसानों को आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि सभी किसान उन्नत हो और उनकी आय के साधन और अधिक बढ़ें।
डीसी ने कहा कि एफपीओ यानी किसान उत्पादक संघ से जुड़कर किसान आय के ज्यादा साधन अर्जित कर सकते हैं। सरकार की नई गाइडलाइन अनुसार एफपीओ को 15 लाख तक की इक्विटी ग्रांट देने का प्रावधान किया गया है। यानी कि एफपीओ के माध्यम से जुड़े किसान कार्य को बढ़ाने के लिए जितनी धनराशि लगाएंगे, उतनी धनराशि इक्विटी ग्रांट के रूप में किसानों को दी जाएगी, जिसे उन्हें रिफंड नहीं करना होगा। इस व्यवस्था से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और एफपीओ के माध्यम से विभिन्न किसान जुड़कर सीधा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डीसी ने बताया कि जिले में पहले से ही 17 एफपीओ पंजीकृत हैं, उन सभी को नई गाइडलाइन अनुसार दोबारा पंजीकृत किया जाएगा। एक एफपीओ में कम से कम 300 किसान जुड़ें होंगे, जिनसे उद्यान, कृषि, मत्स्य तथा पशुपालन विभाग आपसी तालमेल से एफपीओ को जागरूक करते हुए ज्यादा से ज्यादा जोड़ने का कार्य करें ताकि जिला के अधिक से अधिक किसान एफपीओ के माध्यम से जुड़कर अपना कार्य और बढ़ा सकें। इस कार्य के सुचारू रूप से संचालन के लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है।
इसके साथ-साथ जिला परियोजना संयोजक की भी नियुक्ति की गई है, जोकि किसानों की हर तरह से मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी किसानों का पंजीकरण जल्द करें और कंपनी एक्ट के तहत एफपीओ को शामिल करें, जिससे अधिक से अधिक धनराशि उन्हें कार्य करने के लिए मुहैया हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इक्विटी ग्रांट के तहत पहले 10 लाख रुपए प्रत्येक एफपीओ को मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया गया है। समय-समय पर इस योजना से संबंधित समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जाएगा। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि किसानों को सीधा लाभ मिल सके। इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी रमेश कुमार, जिला परियोजना संयोजक रविंद्र मौजूद रहे।
ये हैं जिला स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य| उपायुक्त सुजान सिंह की अध्यक्षता में एफपीओ यानी किसान उत्पादक संघ के सुचारू रूप से कार्यों के लिए कमेटी गठित की गई है, जिसमें जिला उद्यान अधिकारी सदस्य सचिव हैं तथा सीईओ जिला परिषद, डीडीएम नाबार्ड, एलडीएम, कृषि विज्ञान केंद्र के जिला समन्वयक, आतमा स्कीम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर तथा कृषि पशुपालन, मत्स्य, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के जिला अधिकारी सदस्य हैं।
No comments:
Post a Comment