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Saturday, August 29, 2020

विरोध:री-चेकिंग की मांग पर स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन वीसी ने समाधान को एक सप्ताह का मांगा समय

विरोध:री-चेकिंग की मांग पर स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन वीसी ने समाधान को एक सप्ताह का मांगा समय

 हिसार : बीएससी नॉन मेडिकल, बीएससी बॉटनी, बीएससी कंप्यूटर साइंस व बीएससी मेडिकल थर्ड सेमेस्टर के गत दिसंबर माह में हुई परीक्षा में डीएन व जाट कॉलेज के ज्यादातर विद्यार्थी किसी न किसी एक विषय में फेल हैं। इस रिजल्ट का विरोध जताते हुए विद्यार्थियों ने बताया कि पिछले पांच दिन से वो लगातार अपनी समस्या लेकर वीसी ऑफिस पहुंच रहे हैं। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में शुक्रवार को इनसो के नेतृत्व में इन स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन करते हुए वीसी से मुलाकात की। इनसो नेता व लॉ कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष विकास देशवाल ने बताया कि डीएन व जाट कॉलेज में उक्त विषयों के अधिकांश स्टूडेंट्स को एक विषय में फेल कर दिया गया है।

री वैल्यूएशन की अंतिम तिथि बढ़ाने का आश्वासन

वीसी प्रो. टंकेश्वर कुमार ने स्टूडेंट्स को एक सप्ताह में पेपर रीचेक करवाने और री-वैल्यूएशन की अंतिम तिथि बढ़ाने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से सात दिन का समय मांगते हुए पेपर की री चेकिंग कराकर दोबारा रिजल्ट जारी करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने री वैल्यूवेशन की अंतिम तिथि को 30 अगस्त से आगे बढ़ाने का भी आश्वासन दिया।

लॉ कॉलेज: कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के तर्ज पर एग्जाम करवाने की मांग

हिसार| शुक्रवार को लॉ फाइनल वर्ष के छात्रों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार एग्जाम करवाने की मांग करते हुए जीजेयू के वीसी को ज्ञापन सौंपा। स्टूडेंट्स ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ऑनलाइन क्लासेस में पूरा सिलेबस कवर नहीं हो पाया है, ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन को स्टूडेंट्स की मजबूरी समझनी चाहिए। स्टूडेंट्स के अनुसार लॉ फाइनल वर्ष के छात्रों के पेपर बार काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार होने के साथ ही कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी की तर्ज पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करवा के एग्जाम लिए जाने चाहिए।

जिससे कोविड-19 के इस दौर में छात्राें के स्वास्थ्य पर किसी तरह का कोई बुरा प्रभाव न पड़े। ज्ञापन देने पहुंचे छात्रों ने बताया कि सीआरएम कॉलेज के छात्र जो कुरूक्षेत्र के अंतर्गत आते हैं उनको नोटिफिकेशन के तहत प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करवाई गई है। वहीं जीजेयू के तहत आने वाले छात्रों की परीक्षाएं करवाना सरासर गलत है।

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